भले ही देश की ट्रेड यूनियनें श्रम कानून के संशोधन के खिलाफ 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने जा रही हों पर मोदी सरकार है कि जैसे उसने श्रमिकों को कंपनी मालिकों के यहां बंधुआ बनाने की ठान ली...
नयी श्रम संहिताओं में श्रमिकों के लिए कुछ भी नहीं है, बल्कि इसका ज्यादातर हिस्सा श्रमिक विरोधी है और इनका उद्देश्य श्रमिकों के मूलभूत अधिकारों को महत्वहीन एवं गौण बनाना है। इन कानूनों के कारण जब ट्रेड यूनियनें कमजोर...
राइट टू एजुकेशन फोरम ने विगत छह सालों की कवायद के बाद बुधवार को घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 द्वारा शिक्षा में सार्वजनिक निवेश को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के छह फीसदी तक यथाशीघ्र बढ़ाने की सिफ़ारिश का स्वागत...