किसान आंदोलनः हिंदुत्व के महाख्वाब से बाहर आकर अपनी जड़ों की तरफ लौटने को तत्पर गांव
हां, दिल के करीब है खेती-किसानी। और, दिमाग के? ढेरों सवाल उमड़ पड़ते हैं। खेती करना घाटे का सौदा है; यहां तो बस जिंदगी थमी [more…]
हां, दिल के करीब है खेती-किसानी। और, दिमाग के? ढेरों सवाल उमड़ पड़ते हैं। खेती करना घाटे का सौदा है; यहां तो बस जिंदगी थमी [more…]
कुछ ही समय पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी के असामयिक निधन के बाद दादा हीरा सिंह मरकाम जी की मृत्यु [more…]
प्रख्यात विद्वान और 22 भारतीय भाषाओं की लोक-कथाओं का संकलन और संपादन करने वाले एके रामानुजन ने लोक साहित्य को कुछ यूं व्याखायित किया है: [more…]