हां, दिल के करीब है खेती-किसानी। और, दिमाग के? ढेरों सवाल उमड़ पड़ते हैं। खेती करना घाटे का सौदा है; यहां तो बस जिंदगी थमी सी रहती है; काम करते जाओ बैल की तरह और बस उस जैसा ही...
कुछ ही समय पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी के असामयिक निधन के बाद दादा हीरा सिंह मरकाम जी की मृत्यु की दुखद खबर मिली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दादा जी...
प्रख्यात विद्वान और 22 भारतीय भाषाओं की लोक-कथाओं का संकलन और संपादन करने वाले एके रामानुजन ने लोक साहित्य को कुछ यूं व्याखायित किया है: “लोक साहित्य भारतीय पिरामिड का वह आधार है जिस पर शेष समस्त भारतीय साहित्य...