भारत विविध है। विविधता भारत की आत्मा है। भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विविधता से बनता है भारत। इस विविधता को चकनाचूर करने वाला स्वयं ध्वस्त हो जाता है। भारत मूलतः एकाधिकारवाद के विरुद्ध खड़ा एक कालजयी कालखंड है।...
यूपी के आजमगढ़ में एक दलित प्रधान को सम्मान से जीने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। 42 साल के प्रधान सत्येमव जयते दलितों के सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे थे। सवर्ण जाति के लोग उनसे इस...