जितने लोग दूसरे विश्वयुद्ध में मारे गये थे, उससे कहीं ज़्यादा लोग ‘तीसरे विश्वयुद्ध’ में मारे गये। यह तीसरा विश्वयुद्ध नज़र नहीं आया, लेकिन यह चार दशकों तक चलता रहा। पूंजीवाद की यही सबसे बड़ी ख़ासियत है कि वह...
देश और राज्यों की अपराध की स्थिति का अगर अध्ययन किया जाए तो सबसे चिंताजनक और भयावह आंकड़े, महिलाओं के प्रति अपराध या घरेलू हिंसा के मिलते हैं। महिलाओं के प्रति, सामान्य छेड़छाड़, आपराधिक मनोभाव से पीछा करना जैसे...
हाथरस की घटना को उत्तर प्रदेश एवं देश में तेजी फैल रही निरंकुश, अराजक, स्वेच्छाचारी और हिंसक मनोवृत्ति से अलग कर एक एकाकी घटना के रूप में प्रस्तुत करने की छटपटाहट मुख्य धारा के मीडिया में स्पष्ट देखी जा...
पिछले कुछ दिन से बहुत चिंता पैदा करने वाले संकेत दिखाई दे रहे हैं। आर्थिक मोर्चे पर कुछ अत्यंत अप्रिय खबरें आईं। सीएसओ के अनुसार अप्रैल से जून के इस वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद...
"मैं राइटर बनना चाहता था....और साइंटिस्ट भी... फिर सोचा कि शायद साइंस का राइटर बन जाऊंगा। कुछ भी न हुआ साला! क्योंकि पैदा जहां हुआ वहां पैदा होना ही एक भयानक एक्सीडेंट जैसा था।"ये 'आर्टिकल 15' के एक अहम...