‘दलित साहित्य’ ही कहना क्यों जरूरी?
बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में दलित समाज की वेदना और उत्पीड़न को दलित साहित्य के माध्यम से दुनिया के समक्ष लाने का महत्वपूर्ण कार्य हुआ [more…]
बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में दलित समाज की वेदना और उत्पीड़न को दलित साहित्य के माध्यम से दुनिया के समक्ष लाने का महत्वपूर्ण कार्य हुआ [more…]
शहीद जगदेव प्रसाद कुशवाहा के जन्म दिवस 2 फरवरी से जारी अभियान के क्रम में सभाएं जारी हैं। बिहपुर प्रखंड के बिक्रमपुर, मिल्की, कठौतिया, अरसंडी [more…]
सवर्ण वर्चस्वशाली प्रशासन समाजिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से सबल सवर्ण समुदाय के पक्ष में खड़ा होकर किस तरह पीड़ित पक्ष को प्रताड़ित करता है, इसकी [more…]
यूपी के आजमगढ़ में एक दलित प्रधान को सम्मान से जीने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। 42 साल के प्रधान सत्येमव जयते दलितों [more…]