10 मई, 1857, हमारी पहली जंगे-आज़ादी का शुभ दिन!
1857 की स्पिरिट को, हमारे पुरखों के सपनों, उनके आदर्शों, आज़ाद हिंदुस्तान के उनके vision को उस दौर का यह कौमी तराना सबसे सटीक ढंग से व्यक्त कर देता है:
"हम हैं...
हिंदुस्तान की आजादी के पहले मुक्ति संग्राम 1857 में यूं तो मुल्क के लाखों लोगों ने हिस्सेदारी की और अपनी जां को कुर्बान कर, इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए, लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं, जिनकी बहादुरी...
(1)पुलिसकर्मी अपने कार्यों, शक्तियों और कर्तव्यों का उपयोग सामान्य जनता और मौजूदा सरकार के निष्पक्ष सेवक के रूप में करेंगे.... किसी भी पुलिसकर्मी को, उसके कार्यों या शक्तियों, या पुलिस संसाधनों का उपयोग करते वक्त, किसी भी राजनीतिक पार्टी...