उत्तर प्रदेश के चर्चित 69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में फरार चल रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता चंद्रमा यादव को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया है। भाजपा नेता चंद्रमा यादव इन दिनों पार्टी के किसान मोर्चा प्रकोष्ठ में प्रदेश कार्य समिति का सदस्य है। वह बीजेपी की महानगर इकाई में उपाध्यक्ष समेत कई दूसरे महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुका है। प्रयागराज में उसकी गिनती बीजेपी के रसूखदार नेताओं में होती है।
चार जून को मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहा था, जिसके बाद उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट के साथ ही कुर्की की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई थी। वैसे एसटीएफ अफसरों का दावा है कि कुर्की की कार्रवाई शुरू होने के बाद ही वह दबाव में आया। केस के सिलसिले में वह शहर आया और इसी दौरान सटीक सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। यह भी पता चला है कि फरारी के दौरान वो लखनऊ और इटावा में रह रहा था।
भाजपा नेता चंद्रमा यादव धूमनगंज में पंचम लाल आश्रम इंटर कॉलेज का संचालन करता है। अपनी ऊंची पहुंच से उसने अपने कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनवाया था। परीक्षा केंद्र होने की वजह से उसके कॉलेज में प्रश्नपत्र पहले ही आ जाता था। जहां बंद लिफाफों की सील तोड़कर प्रश्रपत्रों की फोटो खींचकर वह व्हाट्सऐप से अपने सहयोगी ललित त्रिपाठी के माध्यम से केएल पटेल तक पहुंचाता था, जिसके एवज में उसे 5-6 लाख रुपये मिलते थे।
पुलिस बयान के मुताबिक चंद्रमा यादव ने शिक्षक भर्ती धांधली मामले में अपनी संलिप्ता की बात कुबूल की है और बताया है कि वो परीक्षा से पहले अपने कॉलेज से प्रश्नपत्र इस पूरे खेल के सरगना बताए जा रहे केएल पटेल तक पहुंचाता था। बता दें कि केएल पटेल मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में भी जेल जा चुका है।
गिरफ्तार बीजेपी नेता चन्द्रमा सिंह के उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से बेहद करीबी संबंध हैं। वह लंबे अरसे से कैबिनेट मंत्री और योगी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह का प्रतिनिधि भी रहा है। वहीं एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्री के कार्यालय ने सफाई दी है कि चंद्रमा सिंह सालों तक प्रतिनिधि ज़रूर रहा, लेकिन कुछ समय पहले उसे इस जिम्मेदारी से हटा दिया गया था।
This post was last modified on October 6, 2020 10:56 am