Friday, April 19, 2024

आईसीएमआर की गाइडलाइन के तहत आईसीयू वाले 80 फीसदी अस्पताल बंद हो जाएंगे

उच्चतम न्यायालय ने आज तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि अस्पताल निवेश के अखाड़े बन गए हैं। अगर आईसीएमआर की गाइडलाइन के तहत देखें तो आईसीयू वाले 80 फीसदी अस्पताल बंद हो जाएंगे। उच्चतम न्यायालय ने आज गुजरात सरकार को बड़ा झटका देते हुए सरकार की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि जिन अस्पतालों के पास भवन उपयोग की अनुमति नहीं है, उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने गुजरात में कोरोना महामारी के दौरान कई कोविड अस्पतालों में आग लगने के मामले में राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई। आग लगने की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार का कर्तव्य कोरोना से लोगों को बचाना है, लेकिन यह आग लगाकर मार देना चाहती है।

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि जिन अस्पतालों के पास भवन उपयोग की अनुमति नहीं है, उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लोगों को कोविड महामारी में बचाने के बजाय हम उन्हें आग में मार रहे हैं। पीठ ने कहा कि लोग उत्पीड़ित हो  रहे हैं, हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

गुजरात सरकार की अधिसूचना 8 जुलाई 2021 को जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था कि बिल्डिंग यूज परमिशन लेने के लिए 31 दिसंबर 2021 से लेकर तीन महीने तक इसमें छूट होगी। गुजरात के अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद मामला उच्चतम न्यायालय के सामने आया था।

पीठ ने कहा कि हम भारतीय समाज की तमाम बीमारियां तो ठीक नहीं कर सकते, लेकिन बतौर जज हम जो भी कानून का राज स्थापित करने के लिए हो सकता है करेंगे। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह मरीज को देखे। सभी राज्य सरकारों ने जगहों को अस्पताल में कन्वर्ट किया है। लेकिन, इस नाम पर लोगों के जीवन को खतरे में डालने का जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता है। पीठ ने कहा कि बिल्डिंग डेवलपमेंट, अथॉरिटी और कानून लागू कराने वाली एजेंसी के बीच माफिया लिंक है। लोग पीड़ित हो रहे हैं। हम इसे नहीं बर्दाश्त करेंगे।

पीठ ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है कि छोटी-छोटी इमारतों से अस्पताल चलने लगें जहां नियमों का पालन ही न होता हो। पीठ ने कहा कि बिल्डिंग यूज परमिशन के तहत अगर दो कमरे को भी अस्पताल में कन्वर्ट किया जाता है तो इसके लिए इजाजत की जरूरत है।

जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि गुजरात सरकार नोटिफिकेशन लेकर आई है और उसके तहत एक तरह से बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना चलने वाले अस्पतालों और बिल्डिंग के खिलाफ एक्शन पर रोक लगा दी है। ये सब क्या हो रहा है। जस्टिस शाह ने कहा कि अस्पताल निवेश हो चुका है। आप आईसीएमआर की गाइडलाइंस देखिए अगर उस पर अमल हुआ तो 80 फीसदी अस्पताल बंद हो जाएंगे। जब कोर्ट बिल्डिंग यूज परमिशन और फायर एनओसी के बारे में कह रहा है तो आप क्या कर रहे थे ? जस्टिस शाह ने कहा कि अस्पताल निवेश के अखाड़े बन गए हैं।

पीठ ने कहा कि गुजरात सरकार ने गुजरात टाउन प्लानिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट एक्ट 1976 के तहत नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके अनुसार, जो बिल्डिंग, बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना है या जिनके पास वैलिड बिल्डिंग यूज परमिशन नहीं है या जो अन्य मानक पूरा नहीं करते हैं उन्हें एक्शन से तीन महीने के लिए छूट दे दी गई है।

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में अहमदाबाद के श्रेय हॉस्पिटल में 8 कोरोना मरीजों की आग लगने की वजह से जान चली गई थी। इसके बाद नवंबर में राजकोट के उदय शिवानंद अस्पताल के आईसीयू में लगी आग में 6 मरीजों की जान चली गई। इसके बाद इस साल मई महीने में भरूच के अस्पातल में आग लगने की वजह से वहां भर्ती 18 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी।

आग लगने की इन घटनाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में अस्पतालों के फायर सेफ्टी ऑडिट का आदेश दिया था। इसी आदेश के बाद गुजरात सरकार ने जिन अस्पतालों के पास भवन उपयोग की अनुमति नहीं है, उन पर कार्रवाई नहीं करने संबंधी आदेश जारी कर दिया। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसे-ऐसे अस्पताल हैं जो कि पिछले 30 साल से चल रहे हैं और उनके पास फायर सेफ्टी के उपाय नहीं है। उस पर भी सरकार उन्हें छूट देना चाहती है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी कहा कि सरकार को ऐसी अवैध इमारतों में अस्पताल चलाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी असुरक्षित इमारतों में भी अस्पतालों को अनुमति दी जाती है तो यह लोगों की जान के साथ खिलवाड़ है। ऐसे नर्सिंग होम नहीं चल सकते जो पांच मंजिल के हों और उनमें ठीक से लिफ्ट भी न लगी हो। सही से लोगों के निकलने की जगह भी न हो। अगह हम ढील देंगे तो आप इसी तरह से काम करते रहेंगे।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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