पंजाब में AAP विधायक की गिरफ्तारी: चर्चा में ‘पीए कल्चर’   

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पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के बठिंडा देहाती से विधायक अमित रतन कोटफत्ता की भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों के चलते हुई गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों को सख्त आदेश दिए हैं कि वे अपने किसी करीबी और रिश्तेदार को अपना ‘पीए’ न बनाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि मंत्री या विधायक उन्हीं लोगों को अपना निजी सहायक बनाएं, जिनकी छवि एकदम साफ हो। मुख्यमंत्री मान ने यह भी हिदायत दी है कि मंत्री व विधायक अपने पीए को नियंत्रण में रखें और अगर किसी सरकारी अधिकारी से बात करनी है या उसे तलब करना है, तो मंत्री और विधायक खुद फोन करें। पीए नहीं।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने अमित रतन की गिरफ्तारी के बाद ट्वीट कर कहा था कि घूसखोरी के मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बेशक वह किसी पार्टी से भी वाबस्ता क्यों न हो।

अमित रतन के मामले में आम आदमी पार्टी सरकार को विपक्ष ने घेरा था। पूरे प्रकरण में विधायक अमित रतन के निजी सहायक रशिम गर्ग की गिरफ्तारी पहले हुई थी और तभी चौतरफा सरगोशियां थीं कि मंत्री और विधायक अपने विशेष सहायकों के जरिए ‘धंधेबाजी’ कर रहे हैं।

सीएम भगवंत मान के साथ गिरफ्तार विधायक अमित रतन

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी सरकार के गठन के वक्त ही मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हिदायत दी थी कि उनकी सरकार के मंत्री और विधायक सरकारी कामों में बिल्कुल दखलअंदाजी न करें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

ज्यादातर विधायकों ने अपने निकट संबंधियों को ही अपना पीए नियुक्त करवा लिया और अब एक और विधायक की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री का ‘ध्यान’ इस ओर गया है।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के बहुतेरे विधायकों ने अपने सगे संबंधियों और दोस्तों को ही अपना निजी सहायक बनाया हुआ है। गिरफ्तार विधायक अमित रतन का पीए रशिम गर्ग (विजिलेंस द्वारा पहले से रंगे हाथों गिरफ्तार) भी उनका करीबी मित्र और सहपाठी था।

अब आम आदमी पार्टी के विधायकों के निजी सहायकों यानी पीए के ‘संजाल’ की बाबत बात करते हैं। लुधियाना उत्तर से आप विधायक मदन लाल बग्गा ने अपना पीए अपने ही बेटे गौरव खुराना को बना रखा है। बाप-बेटे की रिहाइश का पता-ठिकाना एक ही है। गौरव ही अपने पिता विधायक मदन लाल बग्गा के निजी सहायक के तौर पर ‘ड्यूटी’ निभा रहा है।

सीएम भगवंत मान के साथ आप विधायक मदन लाल बग्गा

इसी मानिंद बलाचौर से आम आदमी पार्टी की विधायक संतोष कुमारी कटारिया ने अपने बेटे करणवीर कटारिया को अपना पीए बनाया हुआ है। इस बाबत पूछे जाने पर संतोष कुमारी कटारिया कहती हैं कि उनका बेटा खुद आम आदमी पार्टी का वालंटियर है; इसलिए उसे उन्होंने अपना निजी सहायक बनाया तथा इसलिए भी की उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता।

जबकि विधायक मदन लाल बग्गा से फोनवार्ता की कोशिश की गई तो फोन उनके बेटे-पीए गौरव ने ही उठाया और विषय जानकर फोन काट दिया। तलवंडी सबो से विधायक बलजिंदर कौर ने अपने चाचा केवल सिंह को अपना निजी सहायक बनाया हुआ है।  

कुछ विधायकों ने दूसरे प्रदेशों के अपने करीबियों को पंजाब बुलाकर अपना पीए नियुक्त किया हुआ है। साहनेवाल से आप विधायक हरदीप सिंह का सरकारी निजी सहायक गुरप्रीत सिंह हरियाणा के फरीदाबाद का मूल निवासी है। 

साहनेवाल से आप विधायक हरदीप सिंह

पंजाब विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीरदविंदर सिंह कहते हैं कि, “बहुतेरे विधायकों ने अपने निजी सहायक दूसरे जिलों के रहने वाले नियुक्त किए हुए हैं। विधायक के इलाके के बारे में स्वभाविक रूप से उनकी जानकारी न्यूनतम है।”                          

इस मामले में विपक्षी दल भी पीछे नहीं हैं। कांग्रेस के विधायक राणा गुरजीत सिंह के साथ तैनात उनका पीए उत्तराखंड निवासी एमएस बिष्ट है। राणा के बेटे इंद्रप्रताप सिंह भी सुल्तानपुर लोधी आजाद से विधायक हैं। उनका सरकारी निजी सहायक भी उत्तराखंड के जिले उधम सिंह नगर का निवासी गुरतेज सिंह है। 

पहले की सरकारों में भी मंत्री और विधायक अपने रिश्तेदारों अथवा सहपाठियों एवं करीबियों को अपना निजी सहायक सरकारी खर्च पर रखते रहे हैं। अब भी काफी विधायक और मंत्री हैं, जिन्होंने ‘डमी पीए’ रखे हुए हैं और वे बकायदा अधिकारियों को आदेश-निर्देश देते हैं।

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक की रिपोर्ट)   

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