जेल जाने के बाद पूजा सिंघल को पता चला कि खराब है जेल की व्यवस्था

रांची। भ्रष्‍टाचार के आरोपों में निलंबित झारखंड की आईएएस पूजा सिंघल की रात जब जेल में गुजरी और रात-भर मच्छरों ने सोने नहीं दिया तब उन्हें ज्ञात हुआ कि जेल की व्यवस्था कितनी जर्जर है। जेल के महिला वार्ड की जमीन पर एक चादर पर उन्होंने रात गुजारी। पूरी रात मच्छरों ने परेशान किया।12 मई की सुबह जेल का नाश्ता चूड़ा, मूढ़ी (चावल से बना फरूही) और गुड़ देखकर ही खाने से मना कर दिया। जेलकर्मियों से कहा, ले जाओ यह खाना, मुझे ईडी ही नाश्ता कराएगा। 

जब भी कोई पूजा सिंघल से कुछ पूछने या बात करने जाता, वह उसे फटकारती रहीं।सुबह के समय जब जेल के जमादार पूजा सिंघल के पास पहुंचे, तो उन्होंने अपने आईएएस वाले रुतबा में उसे फटकार लगाते हुए कहा – तुम लोग क्या व्यवस्था रखते हो। समझ नहीं आता है, कैसे रखना है जेल को। साफ-सफाई तक का ख्याल नहीं रहता। इस गंदगी में कैसे रहूंगी मैं। जमादार ने कहा, मैडम ठीक हो जाएगा सब, इस पर बोलीं कि साफ-सफाई नहीं रही तो ठीक नहीं होगा। मैडम को भड़की देख जमादार सहित अन्य सुरक्षाकर्मी और जेलकर्मियों ने चुप्पी लगा ली।

सिंघल को जेल में चार महिलाओं के साथ रखा गया था। पूजा को 11 मई की रात करीब 10:00 बजे जेल लाया गया था, महिला वार्ड में अपर डिवीजन सेल नहीं है, वहां सामान्य वार्ड हैं। जहां बेड की व्यवस्था नहीं है। जमीन पर ही करीब 10 इंच ऊंचाई का बेड जैसा प्लेटफार्म बना होता है, वहीं कैदियों को सोने की जगह मिलती है। सामान्य कैदियों की तरह ही पूजा सिंघल के लिए भी व्यवस्था थी।

12 मई को उन्हें रिमांड पर लेने सुबह दस बजे ईडी की टीम होटवार जेल पहुंच गई। ब्रश करना व नहाना भी नसीब नहीं हुआ। बिना फ्रेश हुए निकलना पड़ा। जिस हाल में उन्हें ईडी ने जेल भेजा था, उसी हाल में दूसरे दिन जेल से निकलीं। करीब 10:20 बजे उन्हें ईडी की टीम जेल से लेकर बाहर निकली। इससे पहले रात को उन्होंने ब्लड प्रेशर की दवा भी ली थी।

बता दें ईडी के रिमांड में पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल को चक्‍कर आने से वह बेहोश हो गईं। उनका ब्‍लड प्रेशर बढ़ गया। डॉक्‍टरों के अनुसार हो सकता है कि नींद नहीं आने से पूजा सिंघल कभी-कभी बेहोश हो जा रही हों। बता दें कि पूजा सिंघल को पूछताछ के लिए ईडी ने 5 दिनों की रिमांड पर लिया है। वे 16 मई तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहेंगी।

इधर ईडी ने एक बार फिर से कोलकाता में कई ठिकानों पर छापेमारी की है। अभिजाता कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गहन तलाशी ली जा रही है। कंपनी के व्यावसायिक परिसरों के साथ-साथ कोलकाता में इसके निदेशकों अभिजीत सेन और सुजाता सेन के आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई। 

एक तरफ ईडी ने छापेमारी की पुष्टि की है। वहीं छापे में हुई बरामदगी के बारे में स्‍पष्‍ट कुछ नहीं बताया गया है। 

जेल में फॉगिंग मशीन भेज दीजिए ताकि वीआइपी के साथ आम कैदियों को भी मच्छर से कुछ राहत मिल जाए – कोर्ट 

उल्लेखनीय है कि 13 मई को अवमानना के एक मामले में राज्य के मुख्य सचिव झारखंड हाई कोर्ट की एकलपीठ के सामने आनलाइन पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान जज ने मुख्य सचिव से पूजा सिंघल का बिना नाम लिए मौखिक रूप से कहा कि अखबार में एक खबर छपी है कि एक सीनियर आईएएस जेल गईं, तो उन्हें मच्छर काटने लगे। जेल में उन्हें गंदगी दिखी तो उनको गुस्सा आ गया और उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारियों को फटकार लगा दी। इस पर आईएएस ने कहा कि किस बात का वेतन लेते हैं। वेतन लेते हैं तो काम क्यों नहीं करते।

जज ने मुख्य सचिव से कहा कि जब अधिकारी उच्च पदों पर काम करते हैं तो उस दौरान वे व्यवस्था क्यों नहीं सुधारते। जब खुद पर बीतती है तो सब कुछ नजर आने लगता है। अदालत ने कटाक्ष करते हुए मुख्य सचिव से कहा कि जेल में फॉगिंग मशीन भेज दीजिए ताकि वीआईपी के साथ आम कैदियों को भी मच्छर से कुछ राहत मिल जाए।

अदालत ने आगे कहा कि जेल में सभी कैदियों को अधिसूचित सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता और सभी कैदियों का यह अधिकार भी है। इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। 

अदालत ने एक अवमानना मामले में मुख्य सचिव को तलब किया था। जिस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से उक्त टिप्पणी की। बता दें कि आईएएस पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई अखबार और इंटरनेट मीडिया पर छाया हुआ है। सबसे ज्यादा इंटरनेट मीडिया पर मामले में प्रतिक्रिया आ रही है।

जांच से संबंधित पल्‍स हॉस्पिटल की फाइल गायब हुई 

दूसरी तरफ पूजा सिंघल के मामले में ईडी उनके पति अभिषेक झा का पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की जमीन के मामले को भी खंगालना शुरू कर दिया है। ईडी जानना चाहती है कि अस्पताल निर्माण के लिए विवादित जमीन को आवंटित कराने में पूजा सिंघल ने अपने पोजीशन का बेजा इस्तेमाल तो नहीं किया है। पल्स अस्पताल में पूजा सिंघल की कोई हिस्सेदारी तो नहीं है। क्योंकि इस अस्पताल के एमडी उनके पति अभिषेक झा हैं। यही वजह है कि 6 मई को पल्स अस्पताल पर भी ईडी ने रेड किया था। इसके बाद तीन दिन तक अभिषेक झा से पूछताछ की गई थी।

दूसरी तरफ पूजा सिंघल के जेल जाने के बाद पल्‍स हॉस्पिटल की फाइल अपर समाहर्ता के कार्यालय से गायब हो गई है। जमीन की जांच रिपोर्ट की यह फाइल ढूंढने पर भी अधिकारियों को नहीं मिल रही। रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने अपर समाहर्ता से पल्स अस्पताल से संबंधित भुईंधरी जमीन को लेकर फाइल मांगी है। मगर भुईंधरी जमीन को लेकर जो जांच तत्कालीन उपायुक्त के निर्देश पर की गई थी उसकी रिपोर्ट ही गायब कर दी गई है। जबकि पूरे दिन अपर समाहर्ता कार्यालय के कर्मचारियों को फाइल ढूंढने में लगाया गया था। लेकिन फाइल को खोजने में किसी भी कर्मी को सफलता नहीं मिली। अब सवाल यह उठता है कि आखिर रिपोर्ट में ऐसा क्या है जिसे गायब कर दिया गया। 

आरोप है कि पल्स अस्पताल का निर्माण भुईंधरी जमीन पर हुआ है, जिस जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो सकती है। इसके बाद भी जालसाजी करके जमीन की खरीद की गई। जिसके बाद पल्स अस्पताल का निर्माण किया गया। मामला प्रकाश में आने के बाद सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई। मगर मामले पर लीपा पोती कर दी गयी। फिलहाल इस मामले को लेकर एक बार फिर से जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई और संबंधित जमीन को लेकर फाइल मांगी है, ताकि पल्स अस्पताल प्रबंधन को लेकर कोई उचित कार्रवाई कर सके।

अस्पताल की जमीन के मामलों के बीच ईडी ने खुलासा करते हुए स्थानीय अदालत को बताया है कि रांची में स्थित एक पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का प्रयोग आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके सहयोगी ‘काले धन को सफेद’ करने में कर रहे थे।

ईडी ने बताया कि ये अस्पताल पूजा सिंघल और उनके परिजनों के स्वामित्व में है। ईडी ने यह आरोप भी लगाया है कि इस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा के लिए भारी भुगतान नकद लिया जाता था। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि आईएएस पूजा सिंघल की इस अस्पताल के निर्माण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका थी। 

ईडी ने बताया है कि अस्पताल की भूमि और पूजा सिंघल के स्वामित्व वाले डायग्नोस्टिक सेंटर सहित अन्य भवन का स्वतंत्र मूल्यांकन 40 करोड़ रुपये से अधिक है और अस्पताल में मौजूद मशीनों का मूल्य 30 करोड़ रुपये से अधिक पाया गया है। 

बता दें कि अधिकारियों ने पहले कहा था कि पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन कागज पर लगभग 3 करोड़ रुपये बताया गया है। 

पल्स हॉस्पिटल का निर्माण ही अवैध है

पल्स हॉस्पिटल की अगर बात करें तो यह जहां अवस्थित है, वहां 1947-48 में अलामीन हाउस हुआ करता था। लगभग तीन बीघा 15 कट्ठा की चहारदीवारी के बीच निर्मित अलामीन हाउस में सर्वेंट क्वार्टर, आउट हाउस के साथ-साथ कई आवासीय भवन बने थे।अलामीन हाउस का होल्डिंग नंबर 150 ए था। यह जमीन (खाता 160,161, 162 की प्लॉट नंबर 1248, 1249, 1250, 1251, 1253 और 1254) जूना मुंडा (पिता बुकना मुंडा), बिरसा मुंडा (पिता महरांग मुंडा), मंगल मुंडा (पिता जगराम मुंडा) आदि की थी। आज भी यह जमीन खतियान में वकास्त भुईंधरी मुंडारी दर्ज है।

बता दें कि भुईंधरी मुंडारी जमीन की बिक्री नहीं होती है।इस पर पुश्त दर पुश्त परिवार के ही सभी सदस्यों का अधिकार होता है।

पहली बार 1946 में भवन के लिए दी गयी थी। जमीन खतियान में बकास्त भुईंधरी मुंडरी के रूप में दर्ज इस जमीन को सबसे पहले फरवरी व मार्च 1946 में जूना मुंडा, बिरसा मुंडा व मंगल मुंडा आदि के अनुरोध में डीसी रांची के द्वारा बीवी ताहरा बेगम पति अमीनुर रहमान को सीएनटी की धारा 49 के तहत (बिल्डिंग परपस) दी गयी थी। लेकिन उसके बाद से जिला प्रशासन द्वारा इस जमीन की कोई खबर नहीं ली गयी कि आखिर भुईंधरी जमीन को जिस उद्देश्य से दिया गया है, उसी के तहत उसका उपयोग हो रहा है या नहीं।

परिणाम यह हुआ कि जमीन की प्रकृति भुईंधरी होने के बावजूद बीवी ताहरा बेगम ने 07.09.1959 अलामीन हाउस समेत वह जमीन उमाचरण मल्लिक को बेच दी। उमाचरण मल्लिक ने 28.04.1964 को वसीयत करके मकान समेत पूरी जमीन का मालिक दुर्गामोनी मल्लिक को बना दिया।

05.08.1969 को उमाचरण मल्लिक की मौत के बाद दुर्गामोनी मल्लिक ने जमीन बेचना शुरू कर दिया। फिर उनकी मौत के बाद उनके परिवार के रंजीत कुमार मल्लिक, तापसी मल्लिक, वास्कर मल्लिक ने भी इस भुईंधरी जमीन को बेखौफ बेचा। मल्लिक परिवार ने उसी में से 25 कट्ठा जमीन 02.06.1997 को रांची सर्कुलर रोड गृह निर्माण सहयोग समिति को बेच दिया। 

मजे की बात तो यह रही जब नगर निगम के द्वारा फिर से भुईंधरी प्रकृति की इस जमीन का होल्डिंग नंबर 190 ए1 वार्ड नंबर 19ए/4ए प्रदान किया गया। बाद में रांची सर्कुलर रोड गृह निर्माण सहयोग समिति के अध्यक्ष पुष्पा रुंगटा एवं सचिव सुनील रुंगटा (मां-बेटा) ने 30 जुलाई 2016 को 36.39 डिसमिल जमीन पंचवटी बिल्डर, निदेशक रवि कुमार सरावगी को बेच दी, जिससे पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा ने खरीद ली।

वहीं प्लॉट के कोने (बूटी रोड-हरिहर सिंह रोड) की 1.65 डिसमिल जमीन अभिषेक झा की मां अमिता झा के नाम पर खरीदी गई थी। इस जमीन को सर हरिराम गोयनका स्ट्रीट, कोलकाता निवासी मल्लिक परिवार की वारिस तापसी मल्लिक एवं ओलीविया मल्लिक ने 12 अप्रैल 2018 को बेच दी थी।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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