Friday, March 29, 2024

केरल के बाद पंजाब विधानसभा ने भी पारित किया नागरिकता कानून को रद्द करने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। केरल के बाद अब पंजाब विधानसभा ने भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया है। जिसमें उसने केंद्र सरकार से इस कानून को रद्द करने की मांग की है।

दो दिनों के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन राज्यमंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने सीएए के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पेश किया।

दि टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक मोहिंद्रा ने कहा कि “संसद द्वारा पारित सीएए ने देश भर में गुस्सा और सामाजिक संघर्ष को जन्म दिया है। जिसके चलते देश के स्तर पर व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। पंजाब में भी इस कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन देखने को मिले हैं। जो न केवल शांतिपूर्ण रहे हैं बल्कि उनमें हमारे समाज के सभी हिस्सों के लोगों ने भागीदारी की है।”

बृहस्पतिवार को बोलते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने की बात से इनकार नहीं किया था।

अमरिंदर सिंह ने कहा था कि कल तक का इंतजार करिए। सरकार केरल की तर्ज पर एक प्रस्ताव ला सकती है।

राज्य कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को कहा था कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर सदन की इच्छा के मुताबिक आगे बढ़ेगी।

सिंह ने हाल में कहा था कि उनकी सरकार विभाजित करने वाले इस कानून को कतई लागू नहीं करेगी।

मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रालय में उनके सहयोगियों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे विभाजनकारी कानून को लागू करने पर चिंता जाहिर की थी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि मंत्रियों का यह विचार था कि दो दिनों तक चलने वाले विशेष सत्र में इस मुद्दे का उठना तय है। उसके बाद यह सामूहिक तौर पर तय किया गया कि सदन की सामूहिक इच्छा का पालन किया जाना चाहिए।

सिंह ने कहा था कि न ही वह और न कांग्रेस धर्म के आधार पर उत्पीड़ित लोगों को नागरिकता दिए जाने के खिलाफ हैं। लेकिन सीएए में मुस्लिम समेत कुछ धार्मिक समुदायों के साथ भेदभाव किया गया है।

केरल विधानसभा ने भी हाल में सीएए को रद्द करने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है। केरल देश में पहला राज्य है जो इस दिशा में आगे बढ़ा।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles