भारत में अब कोई भी अनहोनी हो जाये, इसको लेकर कोई अचंभा नहीं होता। आज से 10 वर्ष पहले ‘निर्भया’ के लिए दिल्ली ही नहीं समूचा देश सड़कों पर जमा था। 24×7 राष्ट्रीय मीडिया दिल्ली की एक बेटी के सम्मान में समूचे राष्ट्र की आत्मा को झिंझोड़ रहा था। तब यूपीए गठबंधन की मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार थी, जिन्हें प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी “मौन मौन सरकार” कहकर मजाक उड़ाया करती थी।
मनमोहन सरकार को न सिर्फ इस आंदोलन के आगे झुकना पड़ा बल्कि उसने इसके लिए संवैधानिक उपायों से लेकर निर्भया फण्ड तक बनाया। आज उसका क्या हाल है, हम सब इस बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
2012 के बाद से इन 10 वर्षों में भारत काफी कुछ बदल गया है। यह इतना बदल गया है कि 10 साल पहले का भारत अब करोड़ों नागरिकों को एक दिवास्वप्न सरीखा लगता है। जंतर-मंतर और इंडिया गेट पर रैलियों और मोमबत्ती जुलूस में शामिल होने की उत्सुकता और हम भी देश के लिए कुछ योगदान कर सकते हैं, की होड़ दिल्ली ही नहीं गुडगांव-नोएडा के मध्यवर्गीय परिवारों की होती थी।
आज इसी जंतर-मंतर पर दुनिया भर में भारत का नाम रौशन करने वाली 7 बेटियां अपने साथ हुए अपराधों के लिए न्याय की गुहार लगाते हुए धरने पर बैठने को मजबूर हैं, लेकिन मोदी सरकार ही नहीं भारत का कथित राष्ट्रीय मीडिया इसे कोई मुद्दा ही नहीं मानता।
लेकिन यहां खबर देश की नहीं बल्कि दुनिया के स्तर पर भारतीय मूल के एक व्यक्ति की है, जिसको लेकर ऑस्ट्रेलिया से सनसनीखेज खबरें आ रही हैं। ऑस्ट्रेलिया के द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ़ बीजेपी’ नामक संगठन के पूर्व अध्यक्ष बालेश धनकड़ को सिडनी की अदालत ने सीरियल रेपिस्ट करार दिया है।
ऑस्ट्रेलिया के समाचारपत्रों में डेली मेल एवं द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्टों में इस सनसनीखेज स्टोरी को व्यापक रूप से कवर किया गया है, जिसमें भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलिया निवासी बालेश धनकड़ को सिडनी में अब तक के सबसे घिनौने बलात्कारी के रूप में चित्रित किया जा रहा है।
धनकड़ पर एक-दो नहीं 5 कोरियाई मूल की महिलाओं के साथ बलात्कार का मुकदमा सिडनी की अदालत में चल रहा है। इस पर मई माह में सजा मुकर्रर की जानी है।
भारत में अंग्रेजी के समाचारपत्रों ने इस बारे में खबर दी है, और ट्विटर पर भी इस बारे में चर्चा आम है कि ट्रायल से पहले तक भाजपा के ऑस्ट्रेलियाई ओवरसीज फ्रेंड्स समूह के अध्यक्ष के रूप में बालेश धनकड़ एक महत्वपूर्ण शख्सियत हुआ करता था। लेकिन दर्जनों रेप के इस आरोपी के बारे में जब एक कोरियाई मूल की पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की तो ऑस्ट्रेलियाई पुलिस को इसके पास से हैरान कर देने वाले पुख्ता सुबूत मिलने के बाद से इसे पद से हटा दिया गया है।
इस बारे में संजय मल्होत्रा नामक एक ट्विटर यूजर ने पहले ही मार्च में विस्तार से अपने हैंडल से ट्वीट किया है, और कई सुबूत पेश किये हैं। उन्होंने पीएम मोदी के साथ बालेश धनकड़ की बैठक और बातचीत की तस्वीर के साथ यह ट्वीट किया है।
सिडनी हेराल्ड के मुताबिक सिडनी की डाउनिंग सेंटर स्थित जिला अदालत ने सोमवार को इस राजनीतिक रूप से हाईप्रोफाइल बलात्कारी को कम से कम पांच कोरियन महिलाओं को अपने झूठ के जाल में फांसने, उन्हें नशीली दवाओं के प्रभाव से निस्सहाय बनाने और अपने बेरहम अत्याचारों की वीडियोग्राफी कर ट्रॉफी के तौर पर इकट्ठा करने का दोषी पाया है।
अदालती कार्रवाई के दौरान धनकड़ ने अपनी निजता को बनाये रखने की भरपूर कोशिश की, इसमें उसने अदालती आदेश को किसी तरह दबाए रखने का प्रयास किया, लेकिन जब वह इसमें असफल रहा तो उसने हर बार कैमरे की निगाह से खुद को दूर रखने और मास्क का इस्त्तेमाल किया। इसके लिए उसने सोशल मीडिया से अपनी तस्वीरें डिलीट कर दीं।
सिडनी हेराल्ड ने लिखा है, कि “ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ़ बीजेपी नामक समूह भारत की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के समर्थन के लिए बनाया गया था, और इस हैसियत से धनकड़ के पास सिडनी में रहने वाले धनाड्य एवं ताकतवर भारतीय अनिवासियों तक पहुंच बन गई थी। धनकड़ की वेबसाइट में उसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक और एनएसडब्ल्यू सरकारी आयोजनों में बोलते देखा जा सकता है।”
अक्टूबर 2018 में जब पुलिस ने धनकड़ के सीबीडी अपार्टमेंट में छापा मारा था, तभी उसके पास से महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने की दर्जनों वीडियो बरामद हुई थीं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सिडनी में हाथ मिलाते हुए बालेश धनकड़ की तस्वीर अब उसकी वेबसाइट से हटा दी गई है।
सिडनी हेराल्ड के लेख में बताया गया है कि वीडियो में आमतौर पर महिलाएं अचेतावस्था में देखी गईं, तो कई कुछ वीडियोज में वे जूझती नजर आती हैं। इन वीडियो को फोल्डर्स में क्रमबद्ध रखा गया था, और हर वीडियो के आगे कोरियाई महिला का नाम लिखा हुआ था। यही नहीं धनकड़ के वेब ब्राउज़र में बुकमार्क्स की पूरी श्रृंखला पाई गई है, जिसके सहारे धनकड़ उसे आसानी से प्ले कर सकता था।
एक अन्य वीडियो तो 95 मिनट लंबा मिला है, जिसमें अचेत महिलाओं के साथ दुष्कर्म का संग्रह चित्र है। इस मामले की पुलिस अधिकारी कटरीना गेड के मुताबिक, धनकड़ लगता है विक्षुब्ध यौन रोगी वाली मानसिकता वाला व्यक्ति था। लेख में न्यायिक अधिकारी के द्वारा धनकड़ के साथ जिरह का भी जिक्र है।
सिडनी हेराल्ड के लेख में दावा किया गया है कि सार्वजनिक जीवन से इतर, धनकड़ अपनी निजी जिंदगी में कोरियाई सिनेमा, भाषा और महिलाओं के प्रति बड़ी हद तक आसक्त था। इसके लिए उसने 2017 में कोरियाई भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद की नौकरी देने का झांसा तैयार किया, और सिडनी में काम की तलाश में आने वाली नई युवतियों को अपना शिकार बनाया। इन सभी का धनकड़ ने हिल्टन होटल के कैफ़े में साक्षात्कार लिया और उन्हें डिनर, सोजो और शराब का सेवन करने के लिए बाध्य किया।
फिर वह कोई न कोई बहाना बनाकर बगल के अपने अपार्टमेंट वर्ल्ड स्क्वायर टावर में ले जाता और ओपेरा हाउस का दृश्य दिखाने का वादा करता। धनकड़ महिलाओं की शराब या आइसक्रीम में नशीला पदार्थ मिला देता था, जिसके अंश दो पीड़िताओं के रक्त और बालों से बरामद हुए हैं। इसमें से एक पीड़िता ने बेहोशी की अवस्था में पहुंचने से पहले वर्ल्ड स्क्वायर टावर की बिल्डिंग से अपनी दोस्त को टेक्स्ट किया था कि उसकी आंखें बंद हो रही हैं और वह डरी हुई है। कोर्ट के भीतर इन तमाम वीडियो की तहकीकात की गई। कोर्ट से बाहर जाते हुए आधिकांश कानूनविदों की आंखें नम थीं और कुछ अविश्वास में सिर हिलाते पाए गये।
धनकड़ ने अपनी सफाई में कहा है कि उसने महिलाओं से इसलिए झूठ बोला क्योंकि उसका एक विवाहेतर संबंध टूट गया था और वह उस दौरान अकेलापन महसूस कर रहा था। अपने अकेलेपन के लिए उसने अपने वैवाहिक जीवन में “अपूर्ण” अंतरंगता को जिम्मेदार ठहराया।
द सिडनी हेराल्ड के मुताबिक अपने क़ानूनी बचाव के लिए धनकड़ ने अपनी पारिवारिक संपत्ति बेच डाली है, और इसके लिए उसने एक उभरते मशहूर वकील को नियुक्त किया है। इन आरोपों को चुनौती देने का अर्थ है धनकड़ को अपने अपराधों के लिए कई वर्षों की सजा भुगतनी होगी। बता दें कि धनकड़ के खिलाफ कुल 39 आरोप विचाराधीन हैं। उसकी जमानत की याचिका को ख़ारिज करते हुए न्यायाधीश किंग ने धनकड़ को कारावास में रखे जाने का आदेश दिया है। मई में इस मामले में फिर से सुनवाई होनी है, और साल के अंत तक सजा तय होगी।
भारत में भी सोशल मीडिया में धनकड़ की धूम सुनाई पड़ रही है। भाजपा के साथ धनकड़ के रिश्ते किस स्तर पर थे, के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। 23 जून 2013 को राहुल वर्मा नामक एक ट्विटर यूजर ने जब भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय नेता सुब्रमनियम स्वामी से उनकी ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाबत इंतजाम करने के बारे में पूछा तो उनका जवाब था कि इस कार्यक्रम के मुख्य कर्ताधर्ता बालेश धनकड़ हैं। जिसका आशय था कि वे धनकड़ के जरिये ही अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे को अंतिम रूप देंगे। कहना न होगा बालेश धनकड़ की भाजपा के अप्रवासी संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
एक अन्य ट्वीट से पता चलता है कि बालेश धनकड़ ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रमुख लोगों में से एक था। अपने भारत प्रवास के दौरान उसकी पीएम मोदी से मुलाक़ात की तस्वीर भी इस ट्वीट में साझा की गई हैं।
इधर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि भारत को विदेशों में शर्मशार करने वाले मोदी जी के एक अनमोल रत्न बालेश धनकड़ ने ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने के बहाने कई लड़कियों के साथ बलात्कार किया। अगर ऑस्ट्रेलिया की पुलिस इसे गिरफ्तार नहीं करती तो मोदी जी जरूर इसे भारत में बुलाकर बड़े पद से सम्मानित कर देते। आम आदमी पार्टी ने कहा कि ये सारे बलात्कारी, भ्रष्टाचारी, गुंडे-मवाली चौथी पास राजा के साथ ही क्यों निकलते हैं।
धनकड़ के खिलाफ महिलाओं के साथ रेप सहित अन्य अपराधों के कुल 13 मुकदमे चल रहे हैं।
सुभाष शर्मा नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि ऑस्ट्रेलिया में 5 कोरियाई महिलाओं के साथ रेप का आरोपी धनकड़ ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ़ बीजेपी ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख नेता है। 2014 में जब पीएम मोदी सिडनी गये हुए थे, तो यही बालेश प्रमुख आयोजनकर्ताओं में से एक था। इसके पास से कुल 47 वीडियो बरामद हुए हैं।
हाल ही में सिडनी स्थित डेली मेल ने धनकड़ ने कथित अपराधों की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी धनकड़ एबीसी एवं फाइजर के लिए भी काम करता था। इसने महिलाओं को फंसाने के लिए फर्जी विज्ञापन का इस्तेमाल किया। बालेश धनकड़ ने खास तौर पर कोरियाई मलू की महिलाओं को अपना निशाना बनाया। कुल 13 पीड़िताओं में से 5 कोरिया मूल की थीं। अपने जाल में फंसाने के लिए बालेश ने नकली नौकरी का विज्ञापन निकाला।
फेसबुक में बालेश धनकड़ की प्रोफाइल तो है, लेकिन लगता है उसने सभी पोस्ट हटा दी हैं। इसमें सिर्फ उसके रेवाड़ी, हरियाणा के मूल निवासी होने और केंद्रीय विद्यालय से संबद्ध होने की सूचना मिलती है।
भारत में ऐसे बलात्कारियों के लिए काफी गुंजाईश बची हुई है, खासकर यदि वे सत्ताधारी दल की गुड बुक में हों। इसके उलट यदि किसी विपक्षी पार्टी के नेता पर यदि किसी महिला ने आरोप भी मढ़ दिये हो तो उस पर त्वरित कार्रवाई में देर नहीं लगती। लेकिन सवाल यह उठता है कि बालेश धनकड़ जैसे भारतीय मूल के अनिवासी भारतीय आखिर कौन सी भारतीय सभ्यता का परचम विश्व में लहरा रहे हैं?
कैसे ये लोग बड़ी सहजता से भाजपा के भीतर ही अपनी मनपसन्द पनाहगाह ढूंढ लेते हैं? क्या 10 सालों में भारत जिस बदतरीन सूरत में तब्दील हो गया है, उसकी सच्चाई अब दुनिया को दिखनी शुरू हो गई है? अगर ऐसा ही रहा तो भारत के लिए भविष्य की सूरत कितनी भयावह होगी, इसे जी-20 की अध्यक्षता कर विश्व के मुखिया होने की झूठी कवायद से किसी भी सूरत में मिटाया नहीं जा सकता है। इसके लिए ठोस और सकारात्मक कदम उठाने ही होंगे।
(रवींद्र पटवाल लेखक और टिप्पणीकार हैं।)