Friday, April 19, 2024

कोरोना डैंजर ज़ोन में अहमदाबाद

अहमदाबाद। गुजरात में भी तीसरे लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई। तीन मई को समाप्त होने वाला लॉक डाउन अब 17 मई को होगा। राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में केवल अहमदाबाद से कोरोना पॉज़िटिव के 267 नये मामले सामने आये हैं। जबकि राज्य में पॉज़िटिव मरीज़ों का आंकड़ा 326 का रहा। कल भी अहमदाबाद में 234 नये पॉज़िटिव केस मिले थे। 

इससे पहले 18 और 19 अप्रैल को तक़रीबन इतने ही पॉज़िटिव केस 24 घंटे में पाये गए थे। 18 और 19 अप्रैल की संख्या देखने के बाद हड़कंप मच गया था। अहमदाबाद नगर निगम कमिश्नर विजय नेहरा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि “ जिस प्रकार से शहर में कोरोना मरीजों की संख्या की दर चार दिनों में दोगुना होने की है। यदि कोरोना पॉज़िटिव केस इसी रेट से डबल हुआ तो अहमदाबाद में 15 मई तक पॉज़िटिव मामलों की संख्या 50000 और 31 मई तक 8 लाख पहुँच जायेगी।”

साथ ही नेहरा ने चेताया, “चार दिनों में डब्लिंग का रेट अमेरिका और यूरोप का था। अब हमारे सामने यह चुनौती है कि हम कोरोना पॉज़िटिव केस के डबल होने की दर को कैसे चार के बजाय आठ दिन पर लाते हैं।” आठ दिन के भी डब्लिंग रेट पर भी आंकड़ा 15 मई तक 10000 और 31 मई तक 50000 हो जायेगा। आज अहमदाबाद में आंकड़े भले ही समतल नहीं हुए लेकिन डब्लिंग रेट जो चार दिनों का था उसमें गिरावट आई है। अब अहमदाबाद में डब्लिंग रेट 11 दिनों का हो गया है। राज्य में 68 फीसद पॉज़िटिव केस अहमदाबाद से हैं। राज्य और अहमदाबाद की परिस्थिति इस प्रकार है:

स्थिति                         अहमदाबाद                    गुजरात

पॉज़िटिव केस                   2777                        4082

कोरोना टेस्ट                      26770                     59488

क्वारंटाइन                        14455                      42930

रेकवरी                             313                         527

मृत्यु                                135                         197

अहमदाबाद में सबसे पहला केस 17 मार्च को अमेरिका से लौटी एक 22 वर्षीय महिला के संक्रमण के तौर पर सामने आया था। पुष्टि 19 मार्च को हुई थी। 4 अप्रैल को अहमदाबाद में पॉज़िटिव केस 52 थे। 10 अप्रैल को 142 की संख्या हुई।17 अप्रैल को 508 और चार दिन बाद दुगुने से भी अधिक 1367 पर पहुँच गई। यह संख्या अब 2777 है।

65-70% कोरोना मामले ओल्ड सिटी के सेंट्रल और मध्य ज़ोन से हैं। जबकि अहमदाबाद का पहला केस न्यू अहमदाबाद की एक पॉश कॉलोनी से था। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी जो कोरोना से लड़ने में असफल दिख रहे हैं। अब अपनी असफलता का ठीकरा दूसरे कि सिर पर फोड़ना चाहते हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश में गुजरात की विकट परिस्थिति के लिए तबलीगी जमात को ज़िम्मेदार ठहरा दिया है। अहमदाबाद नगर निगम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन दिनों में 647 पॉज़िटिव केस आये जिसमें से 144 मुस्लिम थे।

दलित चिंतक राजू सोलंकी कहते हैं, ” सरकार किसी विशेष समुदाय के सिर पर ठीकरा फोड़ कर बच नहीं सकती। अहमदाबाद में मुसलमानों की संख्या लगभग 15% है। लगभग इतनी ही संख्या दलितों की भी है। मुस्लिमों में उनकी जनसंख्या अनुपात से 5-7 फीसद कोरोना मामले अधिक हैं। इसी प्रकार से दलितों की जनसंख्या के अनुपात से इस समुदाय में भी 5-7% कोरोना के मामले अधिक हैं। 

ओल्ड अहमदाबाद में तीसरी बड़ी आबादी देवी पूजकों की है जो कोरोना से पीड़ित हैं। 60-65% कोरोना मरीज़ इन्हीं तीन समुदायों से है। जो चिंता का विषय है। सरकार के पास मेडिकल सविधाओं की कमी है। जिसे छिपाने के लिए मुख्यमंत्री को सांप्रदायिक बात करनी पड़ रही है। 6000 विदेश से लौटे लोगों का सफल इलाज हो जाता है। लेकिन गरीबों को इस आपदा से बचाने के लिए कोई रणनीति नहीं है। “

वरिष्ठ पत्रकार बसंत रावत मानते हैं, ” ओल्ड अहमदाबाद के मोहल्ले जिन्हें पोल, डेहला, खाँचो इत्यादि कहते हैं इन मोहल्लों की आबादी बहुत घनी है। यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन मुश्किल है। इस बीमारी की चेन तोड़ने के लिए नियम का पालन ज़रूरी है। घनी आबादी होने के कारण ओल्ड अहमदाबाद में तेज़ी से यह बीमारी फैली।इस प्रकार के मोहल्लों में कोरोना न पहुंचे उसके लिए सरकार को पहले से सतर्क रहना चाहिए था।”

आप को बता दें जनवरी और मार्च के बीच अहमदाबाद में दो बड़े इवेंट हुए थे जिनमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक शामिल हुए थे। जनवरी में इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल और फरवरी में ‘नमस्ते ट्रंप’। 

राजनैतिक विश्लेषक और पर्यावरण मित्र के अध्यक्ष महेश पांड्या का कहना है ” सरकार ने कोरोना से लड़ने की तैयारी देरी से शुरु की और ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम सरकार की बड़ी भूल थी। उस समय जब देश में कोरोना दस्तक दे चुका था तो सरकारों को कोरोना से लड़ने की अपनी तैयारी करना चाहिए थी तब गुजरात सरकार नमस्ते ट्रंप की तैयारी में थी। जिसके चलते आज अहमदाबाद को यह दिन देखने पड़ रहे हैं।” गुजरात विधान सभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी भी गुजरात बायो की रिसर्च के आधार पर अहमदाबाद में कोरोना के लिए “नमस्ते ट्रंप” कार्यक्रम को ही ज़िम्मेदार मानते हैं। 

अहमदाबाद नगर निगम ने जमालपुर, खाड़िया, बेहरामपुर, दानीलीमड़ा, कालूपुर, शाहपुर, दरियापुर को रेड ज़ोन में रखा हुआ था। अब गोमतीपुर, असारवा और सरसपुर को भी रेड ज़ोन में डाल दिया है। 

तीसरे लॉक डाउन की घोषणा से पहले अहमदाबाद नगर निगम ने अहमदाबाद के वार्डों को कोरोना की वर्तमान परिस्थिति के आधार पर रेड और ऑरेंज ज़ोन में बाँटा है। ओल्ड अहमदाबाद के अधिकतर वार्ड रेड ज़ोन में हैं। 

नगर निगम ने एक मई से लॉक डाउन को सख्त बनाते हुए मास्क पहनना अनिवार्य किया है। मास्क न पहनने पर फेरी वाले को 2000 का दंड, दुकानदार को 5000 दंड और सुपर मार्केट को 50000 रुपये का दंड किया जायेगा। साथ ही तीन महीने तक के लिए लाइसेंस को भी रद्द कर दिया जाएगा। सरकार फंसे हुए प्रवासियों को उनके गांव जाने की भी व्यवस्था कर रही है। लेकिन जानकार विशेष तौर पर अहमदाबाद में इस तरह की किसी छूट के खिलाफ हैं। अर्थ शास्त्री प्रोफेसर हेमंत शाह का कहना है। “प्रवासी मजदूरों को उनके गांव जाने की व्यवस्था सरकार को पहले ही कर देनी चाहिए थी। सरकार ने यह निर्णय देर से लिया। आवश्यक वस्तुओं में छूट के साथ अहमदाबाद में लॉक डाउन जारी रखना चाहिए। “

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीक़ी की रिपोर्ट।)

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