Friday, March 31, 2023

आइसा ने प्रदर्शन कर कुलपति से जीबी पन्त के प्रोफेसर भर्ती घोटाले की न्यायिक जांच की मांग की

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इलाहाबाद। ऑल इण्डिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर भर्ती में हुए अवैधानिक व अपारदर्शी नियुक्ति के खिलाफ कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन दिया और न्यायिक जांच कराकर दोषियों को दंडित करने की मांग उठाई। गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जुड़े गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान झूंसी, प्रयागराज में असिस्टेंट प्रोफेसर ,एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पद के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। जिसकी चयन प्रक्रिया 30 नवंबर से 02 दिसंबर 2021 तक हुई और 03 दिसंबर को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में मंजूर कर लिया गया और सभी को नियुक्ति भी दे दी गई। इस चयन प्रक्रिया में ओबीसी के पदों पर एनएफएस यानि नॉट फाउंड सुटेबिल (NFS) किए जाने की घोटाले सम्बंधित घटना ने सभी का ध्यान खींचा। जिस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जीबी पन्त के निदेशक बद्री नारायण तिवारी से जवाब भी मांगा है।

कुलपति कार्यालय पर इस घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए आइसा इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई के सचिव शोध छात्र मनीष कुमार ने कहा कि एक तरफ इस भर्ती में एक अभ्यर्थी के पिता ही सेलेक्शन कमेटी के सदस्य हैं तो दूसरी तरफ विज्ञापन जारी करने वाली एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर स्वंय ही एसोसिएट प्रोफेसर की अभ्यर्थी हैं तो भर्ती निष्पक्ष कैसे होगी? सेलेक्शन (चयन ) तो तब सही होगा जब सेलेक्शन कमेटी सही हो। इसमें तो एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (AO) पर सवालिया निशान लग रहा है।

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आइसा इकाई अध्यक्ष विवेक सुल्तानवी ने सवाल उठाया कि इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए अनरिजर्व्ड कैंडिडेट की एपीआई 87 तक थी तो 87 से ऊपर एपीआई वाले (ईडब्ल्यूएस, एसटी, एससी, ओबीसी ) कैंडिडेट को अनरिजर्व कैटेगरी में शामिल क्यों नहीं किया गया? अनरिजर्व्ड का मतलब सवर्ण नहीं होता है। चयन समिति के कई सदस्यों के ऊपर पूर्व में अनियमितता, भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। उनको शामिल करने की क्या मजबूरी है ? स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा मनमाने तरीके से बिना नेट व अनुभव के बावजूद अधिक नंबर दे कर अपने चहेतों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करने के साथ चयन किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की पूर्ण अवहेलना की गई है।

इंक़लाबी नौजवान सभा के राज्य सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि जी बी पंत से लेकर गोरखपुर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय तक सामाजिक न्याय पर हमला हो रहा है इंटरव्यू में कम नंबर देकर वंचित तबके के अभ्यर्थियों को शोध से लेकर नौकरियों तक से वंचित किया जा रहा है। इसके पीछे सवर्ण सामंती जातीय मानसिकता काम कर रही है जिसको सत्ता का पूर्ण समर्थन हासिल है। प्राथमिक शिक्षक भर्ती से लेकर विश्वविद्यालय तक में आरक्षण के नियमों की अवहेलना की जा रही है।

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कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट व अपारदर्शिता, मनमानापन, जातिवादी सोच जीबी पंत में हुए अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में साफ-साफ नजर आ रहा है। आरक्षण बचाने व संविधान बचाने की लड़ाई तेज करनी होगी।

आइसा के राष्ट्रीय सचिव शैलेश पासवान ने कहा कि उपरोक्त माँगे ना माने जाने पर जीबी पंत सामाजिक संस्थान पर भी प्रदर्शन करते हुए देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया जाएगा। आइसा समाजिक न्याय पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगा। 

प्रदर्शन करने वालों में शामिल आइसा इविवि इकाई उपाध्यक्ष शशांक मिश्रा, रणवीर सिंह, सुमित यादव, आइसा के राष्ट्रीय सचिव शैलेश पासवान समेत दर्जनों आइसा कार्यकर्ताओं ने कुलपति कार्यालय में ज्ञापन सौंप गोविंद बल्लभ पंत में 03 दिसंबर 2021 को हुआ चयन निरस्त करने, चयन प्रक्रिया में शामिल सभी स्क्रीनिंग कमेटी, सेलेक्शन कमेटी,  बोर्ड ऑफ गवर्नर्स व डायरेक्टर को दंडित करने व पूरी चयन प्रक्रिया की न्यायिक जांच कराने की मांग उठाई।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।) 

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