इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दूसरे दिन भी जारी रही आईसा की भूख हड़ताल, एक छात्र की तबियत बिगड़ी

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इलाहाबाद। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के नेताओं की शुक्रवार को दूसरे दिन भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भूख हड़ताल जारी रही। एक छात्र की तबयत खराब होने पर एंबुलेंस बुलानी पड़ी। छात्रों की मांग है कि कोरोना काल में परीक्षा टाली जाए।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मालवीय प्रतिमा, कुलपति कार्यालय पर भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। छात्र नेताओं ने आज भी प्रॉक्टर और डीएसडब्ल्यू को ज्ञापन भेज कर भूख हड़ताल से संबंधित मांगों से अवगत कराया गया। दो दिन से भूख हड़ताल पर बैठे सोनू यादव की तबियत खराब हो गई। तबियत खराब होने की सूचना पर 108 एंबुलेंस को कॉल करके बुलाया गया। छात्र नेताओं ने कहा कि इस घटना से स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनाएं मर चुकी हैं। 108 एंबुलेंस आने के बाद प्रॉक्टर आए।

भूख हड़ताल पर बैठे आईसा के इकाई सचिव सोनू यादव ने कहा कि दो दिन से लगातार हम लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं और मांग कर रहें हैं कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच परीक्षा नहीं कराई जाए। विश्वविद्यालय ने प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को सिर्फ अगली कक्षा में क्लास लेने की अनुमति दी है, जनवरी में इनकी परीक्षा कराने पर आमादा है, जबकि यूजीसी इन्हें प्रोन्नत करने के निर्देश भी दे चुकी है।

भूख हड़ताल पर बैठे आईसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को परीक्षा कराए जाने के अपने आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। बिहार, उड़ीसा, असम, मध्य प्रदेश समेत उत्तर प्रदेश आदि के जिले भयंकर बाढ़ की चपेट से प्रभावित हैं। एक शहर से दूसरे शहर तक अवागमन और यातायात के साधन सुलभ नहीं हैं और कोरोना के बढ़ते संक्रमण में छात्र कैसे परीक्षा देंगे। लाखों छात्र इसका विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिन राज्यों में स्थिति सामान्य नहीं है, वह राज्य परीक्षा अभी न कराएं। समर्थन देने वालों में शक्ति रजवार, आरपी गौतम, प्रदीप ओबामा, अखिलेश रावत, राजेश कुशवाहा, शुभम यादव आदि शामिल रहे।

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