“भारत विरोध में बदल सकता है केनिया में अडानी के एयरपोर्ट खरीद के विरोध का मुद्दा”

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नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अडानी के केनिया में प्रस्तावित एयरपोर्ट खरीद पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। नैरोबी में स्थित इस एयरपोर्ट की अडानी द्वारा खरीद की वहां की एक यूनियन समेत तमाम लोग विरोध कर रहे हैं।

इस सिलसिले में कई प्रदर्शन हो चुके हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अडानी विरोधी यह प्रदर्शन भारत विरोध का रूप ले सकता है।

केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन ने इस खरीद के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है। रमेश ने एक बयान में कहा कि यह भारत के लिए बेहद चिंता का विषय है क्योंकि नॉन बायोलॉजिकल पीएम की अडानी से मित्रता अब वैश्विक हो चुकी है। विरोध प्रदर्शन इसलिए आसानी से भारत विरोधी और भारत सरकार विरोधी रूप ले सकता है।

इसी तरह के श्रीलंका और बांग्लादेश में अडानी के प्रोजेक्ट को लेकर हुए विवादों ने हमारे राष्ट्रीय हितों को कमजोर किया है और भारत के लिए बेहद बुरा साबित हुआ है। उदाहरण के लिए अडानी के झारखंड पावर प्लांट से बांग्लादेश का बिजली खरीदने का समझौता विरोध-प्रदर्शनों का सबसे केंद्रीय बिंदु था। जिनके बाद पिछले महीने शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा।

श्रीलंका में भी उन्होंने कहा कि मन्नार में स्थित अडानी का अक्षय ऊर्जा का प्रोजेक्ट भी विवादों के घेरे में आ गया था। और वह भी 2022 में श्रीलंका सरकार के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों का एक मुद्दा था।

रमेश ने कहा कि ऐतिहासिक तौर पर भारत का सॉफ्टपावर विदेश नीति की उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। आज पीएम की अडानी समूह के साथ गठजोड़ ने इसकी ताकत को बहुत कम कर दिया है।

और वैश्विक मंच पर यह भारत के लिए अभूतपूर्व तौर पर नकारात्मक साबित हुआ है। नॉन बायोलाजिकल पीएम की स्पेशल मित्रता के चलते कई बलिदानों में से एक, इसको भी देश को सहना पड़ रहा है। 

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