नई दिल्ली। असम के दरांग जिले से महिलाओं के पुलिस प्रताड़ना की जो तस्वीरें सामने आयी हैं वे न केवल दिल दहला देने वाली हैं बल्कि किसी को भी मानसिक रूप से विचलित कर सकती हैं। सोशल मीडिया पर तकरीबन वायरल हो चुकी इन खौफनाक तस्वीरों से जुड़ी घटना 8 सितंबर की है। लेकिन उसके बारे में पता 17 सितंबर को चला।
प्रताड़ित की जाने वाली तीनों महिलाएं सगी बहनें हैं। इनमें से एक गर्भवती थी जबकि दूसरी शारीरिक तौर पर विकलांग थी। पुलिस की पिटाई से महिला का गर्भपात हो चुका है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि विकलांग महिला की हालत बेहद खराब है।
खबरों के मुताबिक गुवाहाटी के सिक्समाइल इलाके में रहने वाली तीन बहनों मिनुआरा बेगम, सनुआरा और रुमेला को दरांग जिले की पुलिस ने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार कर बुरहा पुलिस आउटपोस्ट ले गयी।
10 सितंबर को दरांग जिले के एसपी के सामने दर्ज शिकायत में मिनुआरा बेगम ने आरोप लगाया है कि बुरहा पुलिस आउटपोस्ट के प्रभारी महेंद्र सरमा के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने 8 सितंबर की रात में तीनों बहनों को उनके घर से उठा लिया। हालांकि उनकी यह शिकायत अभी तक रजिस्टर नहीं हुई है।
शिकायत में उन्होंने बताया है कि तीनों बहनों को महेंद्र सरमा के साथ एक लेडी कास्टेबल रात भर थाने में पीटते रहे।
इंडिया टूडे ने महिला के हवाले से बताया है कि “हम लोगों की बुरी तरीके से पिटायी की गयी और पुलिस अफसर ने हमारे प्राइवेट पार्ट को भी छुआ। पुलिस अफसर ने पिस्टल दिखाते हुए हम लोगों को धमकी दी और किसी भी तरह की शिकायत न करने की चेतावनी दी।”
दरांग जिले के एसपी अमृत भुइयां ने बताया कि मामले की जांच शुरू हो गयी है। और उन्होंने डीएसपी से मामले को देखने के लिए कहा है।
उस खौफनाक घटना का तफ्सील से बयान करते हुए महिला ने बताया कि “8 सितंबर की रात को बुरहा पुलिस आउटपोस्ट की एक पुलिस टीम हमारे घर में घुस गयी लेकिन हमें नहीं पता था कि वे क्यों आए हैं। जब मैंने पूछा कि वो यहां क्यों आए हैं तब उन लोगों ने मुझसे कहा कि कोई सवाल पूछने की जरूरत नहीं है। उसके बाद पुलिस अफसर ने मेरे और मेरे पति के ऊपर पिस्टल तान दिया और कहा कि वह हमें शूट कर देगा। उन लोगों ने मेरी बड़ी और छोटी बहनों को भी उठा लिया।”
आगे उन्होंने बताया कि “बुरहा पुलिस पोस्ट पहुंचकर उन लोगों ने हमारे कपड़े उतार दिए और फिर जमकर हमारी पिटाई की। उन लोगों ने हमारे प्राइवेट पार्ट्स को भी छुए और लाठियों और जूतों से पीटा भी। वे हमसे मेरे बड़े भाई को लाने के लिए कह रहे थे लेकिन हम लोगों ने उसका खुलासा नहीं किया।”
शिकायत में कहा गया है कि “उन्होंने मेरे पति को बंद कर दिया। पहले उन्होंने मेरी छोटी बहन को निर्वस्त्र किया और उसे बैटन से पीटा। वह बायें पैर से कुछ विकलांग है। उन लोगों ने उसके उसी पैर को चोट पहुंचायी।”
उन्होंने बताया कि लगातार गुजारिश करने के बावजूद अफसर पिटाई करते रहे। पुलिस अफसर ने गर्भवती महिला के पेट पर पैर से मार दिया जिसके बाद उसको ब्लीडिंग शुरू हो गयी। और कुछ देर बाद उसका गर्भपात हो गया। वह दो महीने के गर्भ से थी।
गर्भवती महिला का कहना था कि वह लगातार यह बताने की कोशिश करती रही कि वह गर्भवती है। “लेकिन उन लोगों ने मेरे पेट को ही निशाना बनाकर लात मारी। जिसके बाद मेरा गर्भपात हो गया।” हालांकि पुलिस का कहना है कि उसे नहीं पता था कि वह गर्भवती थी।
उन बहनों में से एक ने बताया कि “गन की नोक पर हम लोगों से एक सादे कागज पर हस्ताक्षर भी करवाए गए।”
तीनों बहनों के शरीर पर गहरे चोट के निशान देखे जा सकते हैं। और सामने आयी तस्वीरें ऐसी हैं कि उन्हें देख पाना भी किसी के लिए मुश्किल है।
दरांग के एसपी अमृत भुइयां ने बताया कि “हमने 11 सितंबर को एक शिकायत प्राप्त की है। जिसमें बताया गया है कि बुरहा पुलिस आउटपोस्ट पर महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है। मैंने पहले ही घटना के बारे में डीएसपी को जांच करने का निर्देश दे दिया है। अगर हमें ऐसा मिलता है कि पुलिस ने अतिरिक्त बल का इस्तेमाल किया है तो आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा।”
इस बीच, आरोपी आउटपोस्ट प्रभारी महेंद्र सरमा और लेडी कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक प्रासंगिक धाराओं के तहत आउटपोस्ट प्रभारी महेंद्र सरमा और महिला कांस्टेबल बिनीता बोरो के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।