विवादों में रही बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर सर्वोच्च अदालत का अहम निर्देश सामने आया है। कोर्ट ने इस डॉक्यूमेंट्री पर पूरी तरह से बैन लगाने और इसे बनाने वाले न्यूज़ संगठन बीबीसी के भारत में ऑपरेशन्स पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ी याचिका खारिज कर दी है।
हिंदू सेना की ओर से दायर की गई इस याचिका को लेकर जस्टिस संजीव खन्ना और एम एम सुंदरेश की बेंच ने ये भी कहा कि ये याचिका पूरी तरह से गलत है और इसमें कोई मेरिट नहीं है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और किसान बीरेंद्र कुमार ने इस याचिका में बीबीसी को साफ़ तौर पर निशाना बनाया था।
याचिका में कहा गया था कि India: The Modi Question’ relating to the 2002 Gujarat riots नाम की इस डॉक्यूमेंट्री के ज़रिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदू धर्म के खिलाफ़ प्रोपेगेंडा किया जा रहा है।
दरअसल ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी। जिसे केंद्र सरकार ने भ्रामक मानते हुए इस पर बैन लगा दिया था। डॉक्यूमेंट्री पर यह आदेश IT Rules 2021 की आपात शक्तियों के तहत दिया गया था।
हालांकि इस मसले पर सरकार एक्टिविस्ट संगठनों से लेकर विपक्ष के भी निशाने पर भी रही। जेएनयू और जामिया यूनिवर्सिटी जैसे शिक्षण संस्थानों में भी इसकी स्क्रीनिंग की कोशिशों को लेकर खासा बवाल देखने को मिला था।
ब्रिटेन के दर्शकों के लिए रिलीज़ की गई डॉक्यूमेंट्री के पहले हिस्से में कई विवादित इंटरव्यू दिखाए गए हैं जिनके ज़रिए 2002 के गुजरात दंगों में राज्य सरकार और उस वक्त मुख्यमंत्री रहे पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध के बावजूद इसे व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे माध्यमों के ज़रिए बांटा और देखा जा रहा है।