पटना। ऐपवा की चर्चित महिला नेता कविता कृष्णन ने कहा है कि जेपी ने इसी बिहार की धरती से इंदिरा गांधी की तानाशाही के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी और उसे अंजाम तक पहुंचाया था। जेपी तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की आवाज रहे हैं। आज जेपी की जमीन से बिहार के छात्रों और नौजवानों ने भाजपा की तानाशाही को मिटाने का संकल्प लिया है और वह इस लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाएंगे। यही जेपी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
भाकपा-माले की पोलित ब्यूरो की सदस्य और ऐपवा की चर्चित नेता कविता कृष्णन ने जेपी 118वें जन्मदिन पर एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने युवाओं को याद दिलाया कि बिहार की धरती से जेपी यानी जय प्रकाश नारायण की इंदिरा गांधी की तानाशाही के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई में छात्रों-नौजवानों की बड़ी भागीदारी थी। यह मौका जेपी को सम्मानित करने और श्रद्धाजंलि अर्पित करने का है। आज पूरा देश संघ-भाजपा द्वारा अघोषित रूप से थोपी हुई तानाशाही से जूझ रहा है, लिहाजा तानाशाही के खिलाफ इस लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लेना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पालीगंज से महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले के उम्मीदवार संदीप सौरभ ने कहा कि बिहार का चुनाव दरअसल तानाशाही बनाम लोकतंत्र की लड़ाई है, इसलिए बिहार के चुनाव को पूरा देश आशा भरी निगाहों से देख रहा है। नीतीश कुमार ने जेपी के विचारों और विरासत से विश्वासघात किया है। दरअसल उस विरासत को आज बिहार के छात्र-युवा आगे बढ़ा रहे हैं। बिहार चुनाव में लोकतंत्र, शिक्षा और रोजगार के सवाल पर छात्रों-युवाओं की जबरदस्त गोलबंदी शुरू हो चुकी है।
दीघा से महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले उम्मीदवार शशि यादव ने कहा कि जेपी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का मतलब चुनाव में भाजपा की निर्णायक हार की गारंटी करना है। आइसा के राष्ट्रीय अध्य्क्ष और जेएनयूएसयू के पूर्व अध्य्क्ष एन साईं बालाजी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पूरा भारत आज बिहार पर निगाहें जमाए हुए है। न केवल बिहार को बल्कि पूरे देश को उम्मीद है कि इस चुनाव में बिहार की जनता एनडीए को करारी शिकस्त देगी और तानाशाही के खिलाफ एक मजबूत संदेश देगी।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
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