संयुक्त किसान मोर्चा ने कार्यक्रमों की नई घोषणा कर दी है। इसके तहत 10 अप्रैल को केएमपी हाईवे जाम करने के साथ ही 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने की योजना है। साथ ही 14 अप्रैल अंबेडकर जयंती को पूरे धूमधाम से मनाने का फैसला किया गया है। पेश है संगठन द्वारा लिए गए कार्यक्रमों और उसके आयोजनों का सिलसिलेवार विवरण-संपादक
1. कल 10 अप्रैल को सरकार को चेतावनी स्वरूप सुबह 8 बजे से 11 अप्रैल सुबह 8 बजे तक KMP-KGP हाईवे को जाम किया जाएगा।
2. 13 अप्रैल को दिल्ली के बोर्डर्स पर खालसा पंथ का स्थापना दिवस मनाया जाएगा और साथ ही जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम होंगे।
3. 14 अप्रैल को ‘संविधान बचाओ दिवस’ और ‘किसान बहुजन एकता दिवस’ मनाया जाएगा। इस दिन सयुंक्त किसान मोर्चे के सभी स्टेज बहुजन समाज के आन्दोलनकारी चलाएंगे एवं सभी वक्ता भी बहुजन होंगे।
– नफरत एवं बंटवारे की भावना से भाजपा के नेता किसानों व मजदूरों को आपस में दुश्मन के तौर पर पेश करते हुए हरियाणा में विभिन्न कार्यक्रम कर सकते हैं। मोर्चे ने सभी दलित-बहुजन व किसानों से अपील किया है कि वे शांतिमय रहते हुए इन ताकतों का विरोध करें।
– इस दिन कैथल में हरियाणा के किसान विरोधी उपमुख्यमंत्री ने जानबूझकर एक कार्यक्रम रखा है। लिहाजा किसान मोर्चे ने किसानों व दलित-बहुजनों से अपील किया है कि शांतिमय रहते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर इस कार्यक्रम को रद्द करवायें।
4. इस आंदोलन में लोकल लोगों की भागीदारी व उनके समर्पण का सम्मान करते हुए 18 अप्रैल को सभी मोर्चों पर आसपास के लोगों का सम्मान किया जाएगा व उस दिन मंच संचालन की जिम्मेदारी भी लोकल लोगों को दी जाएगी।
5. 20 अप्रैल को धन्ना भगत की जयंती पर उनके गांव धोआ कलां से दिल्ली की सीमाओं पर मिट्टी लायी जाएगी व उनकी याद में टीकरी बॉर्डर मोर्चे पर कार्यक्रम होंगे।
6. 24 अप्रैल को इस मोर्चे के 150 दिन होने पर एक हफ्ते के विशेष कार्यक्रम होंगे जिनमें किसानों मजदूरों के साथ-साथ कर्मचारी, विद्यार्थी, नौजवान, कारोबारी व अन्य संगठनों को दिल्ली मोर्चा में शामिल होने का आह्वान किया जाएगा।
7. अप्रैल के आखिरी सप्ताह में देशभर में किसान आंदोलन को समर्थन देने वाले संगठनों की कन्वेंशन की जाएगी जिसमें इस आंदोलन को देशव्यापी तेज करने की योजना बनाई जाएगी।
8. संसद मार्च की निर्धारित तारीख का मोर्चे की अगली बैठक में सोच विचार कर ऐलान कर दिया जाएगा।