Saturday, April 20, 2024

किसानों के समर्थन में बिहार और झारखंड भी रहा बंद

पटना/भागलपुर/रांची। भारत बंद का आज बिहार और झारखंड में भी अच्छा खासा असर देखा गया। दोनों राज्यों में वामपंथी दलों के साथ ही सामाजिक न्याय और बहुजन से जुड़े संगठनों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस कड़ी में राजधानी पटना आज सबसे बड़ी गतिविधियों का केंद्र रहा। डाकबंगला चौराहा को भाकपा-माले, वामपंथी व अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने घंटों जाम करके रखा।

डाकबंगला चौरहा को बंद समर्थकों ने चारों तरफ से घेर लिया और फिर वहां एक विशाल सभा आयोजित की गई। इस दौरान बंद समर्थक तीनों काले कानून बंद वापस लो, प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस लो, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन वापस लो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की गारंटी करो, अंबानी-अडानी की दलाल सरकार मुर्दाबाद, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करो, मोदी सरकार होश में आओ – खेती-किसानी नीलाम करना बंद करो आदि नारे लगा रहे थे। सभा का संचालन ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने की।

डाकबंगला चौराहा पर सभा को संबोधित करते हुए विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। उन्होंने दिल्ली के ऐतिहासिक किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों ने दिल्ली पहुंचने वाले अधिकांश मार्गों को अवरूध कर दिया है। यह कंपनी राज के खिलाफ लड़ाई है। मोदी सरकार द्वारा देश की खेती व किसानी को अंबानी-अडानी के हाथों नीलाम कर देने के इन कानूनों को देश के किसान कभी स्वीकार नहीं करेंगे और सरकार को अपने कदम पीछे हटाने होंगे।

खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करके सरकार आवश्यक चीजों की कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है। श्रम कानूनों में संशोधन के बाद किसानी को नीलाम करने के खिलाफ किसानों के आंदोलन के साथ हमारी पार्टी भाकपा-माले पूरी ताकत के साथ एकजुटता प्रदर्शित करती है।

इसके पूर्व स्टेशन परिसर स्थित बुद्धा स्मृति पार्क से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर से आज का बंद आरंभ हुआ। बंद के कार्यक्रम का नेतृत्व किसान महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नेता व विधायक सुदामा प्रसाद, वरिष्ठ नेता केडी यादव, उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, कृपानारायण सिंह आदि नेताओं ने किया। 

बंद में भाकपा-माले सहित सीपीआई, सीपीआईएम, एसयूसीआईसी, आइसा, इनौस, ऐपवा के कार्यकर्ताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अखिल भारतीय किसान सभा-केदार भवन और अखिल भारतीय किसान सभा-जमाल रोड के सचिव क्रमशः अशोक कुमार और सोने लाल प्रसाद, एटक नेता अजय कुमार, राजद नेता देवमुनि यादव, बबन यादव, सीटू नेता गणेश सिंह आदि नेताओं ने सभा को संबोधित किया और इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रखने का संकल्प दुहराया।

किसानों के भारत बंद में कई सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के साथ बहुजन संगठन भी समर्थन में उतरे। बिहार के भागलपुर से मिली खबर के अनुसार सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार), बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के कार्यकर्ता किसानों के साथ एकजुटता में भागलपुर के स्टेशन चौक पर डटे रहे। इन संगठनों ने तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ प्रस्तावित बिजली बिल-2020 की वापसी, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी हक बनाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, बटाईदारों को कानूनी सुरक्षा व अधिकार देने, भूमि सुधार सहित संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के सवालों पर अपनी आवाज बुलंद की। झारखंड में भी तमाम संगठनों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी की।
मौके पर बहुजन बुद्धिजीवी डॉ.विलक्षण रविदास ने कहा कि खेती-किसानी संकट में है। इस संकट को हल करने के लिए कृषि बजट और किसानों की सब्सिडी में बढ़ोतरी, किसानों को कर्ज मुक्त करने, लाभकारी मूल्य देने सहित पिछले दो दशकों से धूल फांक रही स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने की जरूरत है।

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रामानंद पासवान और अर्जुन शर्मा ने कहा कि इन कानूनों से खाद्य असुरक्षा बढ़ेगी, भुखमरी का भूगोल बढ़ेगा। बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के सोनम राव और विभूति ने कहा कि कोरोना महामारी के आपदा को नरेन्द्र मोदी सरकार ने मेहनतकशों-बहुजनों पर हमले के विशेष अवसर में बदल दिया है। अंजनी ने कहा कि बहुजनों की चौतरफा बेदखली के साथ सामाजिक-आर्थिक गैर बराबरी बढ़ाया जा रहा है। संविधान में दर्ज सबको सामाजिक-आर्थिक न्याय के विपरीत संविधान को तोड़-मरोड़ कर फिर से मनुविधान और लोकतंत्र को कमजोर कर तानाशाही थोपा जा रहा है।
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रिंकु यादव ने कहा कि किसानों की लड़ाई संविधान व लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है।


झारखंड में ग्राम सभा, शहीद स्मारक समिति एवं झारखंड जनतांत्रिक महासभा द्वारा भारत बंद के समर्थन में जमशेदपुर के डिमना चौक से नेशनल हाइवे होते हुए 15 किमी दूर स्थित नारगा चौक तक सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम किया गया।
बंद का नेतृत्व महासभा के सुनील हेम्ब्रम ने किया। इस दौरान अजीत तिर्की, बाबू नाग, कृष्णा लोहार, जयनारायण मुंडा, दीपक रंजीत, छोटू सोरेन, दिकू मुर्मू, विष्णु गोप, सोमनाथ, बादल धोरा, बंगाल सोरेन, जेकब किस्कु आदि लोग मौजूद थे।

वहीं बंद के समर्थन में सरायकेला—खरसांवा के चांडिल चौक बाजार में झारखंड किसान परिषद, संयुक्त ग्रामसभा मंच, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट), ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन, ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन के संयुक्त तत्वावधान में पूरे चांडिल बाजार में रैली का आयोजन किया गया। आम जनता तथा दुकानदारों से भारत के अन्नदाताओं के समर्थन में अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखने की अपील की गयी।
सभा एवं रैली को झारखंड किसान परिषद के अंबिका यादव, संयुक्त ग्राम सभा मंच के अनूप महतो, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के चांडिल अनुमंडल सचिव अनंत कुमार महतो, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेपाल किस्कू ने सम्बोधित किया।

(विज्ञप्ति के साथ विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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