इसे राजनीति का दिलचस्प दौर ही कहेंगे कि कोई सत्ता अपनी पंद्रह साल की उपलब्धियां गिनाने की बजाय पंद्रह साल पुरानी किसी सरकार के काम को मुद्दा बनाये..! लेकिन क्या करेंगे, बिहार में यही हो रहा है..! देश के आला वजीर, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सभी को 15 साल पुराना राज याद आ रहा है इसलिये सोचा कि भाजपा और जदयू गठबंधन वाली राजग सरकार को उनकी 15 साल के शासन की कुछ प्रमुख उपलब्धियां बता दी जाएं ताकि नीतीश जी, मोदी जी और उनके अन्य सिपहसालारों को अपने दिमाग़ पर जोर न डालना पड़े..!
तो नीतीश कुमार जी के नेतृत्व वाली जदयू-भाजपा सरकार की कुछ प्रमुख उपलब्धियां , जिन पर फक्र कर सकते हैं..!
1.वर्ष 2017 में सृजन घोटाला हुआ जिसमें 33 सौ करोड़ रुपये धोखाधड़ी कर एक एनजीओ के खाते में ट्रांसफर किये गए। मामले की सीबीआई जांच जारी है..!
2. मुजफ्फरनगर शेल्टर होम कांड जिसमें 34 लड़कियों से बलात्कार का मामला सामने आया। कई सफेदपोशों की संलिप्तता। संबंधित विभाग के मंत्री और उनके पति को जेल जाना पड़ा..!
3. मुजफ्फरपुर में ही इंसेफेलाइटिस के इलाज में विफलता के चलते हजारों बच्चों की जान गई..!
4 .पौधरोपण घोटाला: मनरेगा लोकपाल की जांच में 50 करोड़ से अधिक के गबन की बात सामने आई। बाढ़ग्रस्त इलाकों में पौधे लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा..! सरकार ने कहा… पौधे बाढ़ में बह गए..!
5. मुजफ्फरपुर का नवारुण हत्याकांड: भूमाफियाओं और पुलिस के गठजोड़ से 13 साल की नाबालिग बच्ची को घर से उठाकर मार डाला गया। सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की पर कुछ रसूखदार लोगों की संलिप्तता पाये जाने पर उसने हाथ खड़े कर दिए..!
6. गोपालगंज तिहरा हत्याकांड: राजद और सीपीआई नेता जेपी यादव के घर में घुसकर परिवार के तीन लोगों को गोलियों से भून डाला गया। जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय पर हत्या कराने का आरोप लगने के बाद सरकार की लीपा पोती..!
7. रालोसपा नेता हत्याकांड: वर्ष 2018 में सात महीने के भीतर पार्टी के पांच नेताओं की हत्या..! इनमें पटना के पालीगंज के प्रखंड अध्यक्ष अमित भूषण वर्मा, वैशाली के प्रखंड प्रमुख मनीष साहनी, पटना के खगोल के मनोज महतो, सिवान के संजय साह और मोतिहारी के पकड़ीदयाल प्रखंड प्रमुख प्रेमचंद कुशवाहा शामिल हैं..!
इसके अलावा 2017 से पहले की भी नीतीश के नेतृत्व वाली जदयू-भाजपा सरकार की कुछ और प्रमुख उपलब्धियां गौरतलब हैं….
1. शौचालय घोटाला
2. गर्भाशय घोटाला
3. धान खरीद घोटाला
4. छात्रवृत्ति घोटाला
5. दवा घोटाला
6. बीपीएससी घोटाला
7. एसएससी भर्ती घोटाला जिसमें चेयरमैन सुधीर कुमार की गिरफ्तारी भी हुई थी..!
नीतीश जी नेतृत्व में जदयू-भाजपा की करीब साढ़े तेरह साल की इन महान उपलब्धियों में हो सकता है बहुत कुछ इस नाचीज़ से छूट गया हो..! बिहार की जागरूक जनता अपने हिसाब से इसे और दुरुस्त कर ले और अगर उसे ये उपलब्धियां याद हैं तो इन पर फ़क्र करते हुए जदयू-भाजपा को ज़रूर वोट करें ..! और यदि भूल गई है तो यादें ताजा कर ले..!
15 साल पुराने राज के मुकाबिल कुछ ऐसी यादगार “रामराजी” उपलब्धियां तो चाहिए ही थीं..!!
(दयाशंकर राय वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल लखनऊ में रहते हैं।)