चंदौली, उत्तर प्रदेश। जनचौक की एक खबर का असर हुआ है। कृषि प्रधान जनपद चंदौली में बांध और नहरों का जाल होने के बाद भी पानी के अभाव में गेहूं किसानों की हजारों एकड़ फसल पर बर्बाद होने का संकट मंडरा रहा है। किसानों की इस समस्या को लेकर जनचौक पर प्रकाशित ग्राउंड रिपोर्ट का चंदौली के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) एसएन श्रीवास्तव ने संज्ञान लिया है।
सीडीओ ने न केवल सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को पानी की कमी का सामना कर रहे गेहूं किसानों के खेत तक फौरन पानी पहुंचाने के निर्देश दिए, बल्कि नहर\माइनर कहां क्षतिग्रस्त हैं के बारे में जानकारी ली। सीडीओ ने तटबंध और गाद व सिल्ट को लेकर शिकायतों को भी जाना। सीडीओ ने किसानों की सभी समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों समुचित निर्देश भी दिए।
दरअसल, चंदौली जिले में तकरीबन एक दर्जन से अधिक छोटे-बड़े बांध और इन बांधों से 663 नहरों और माइनरों का जाल जनपद में 856 किलोमीटर में बिछा हुआ है। किसानों का आरोप है कि इसके बाद भी खरीफ के साथ रबी सीजन में गेहूं की फसल सिंचाई के लिए उन्हें बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
जनचौक ने पानी की कमी की मार झेल रहे लाखों किसानों के इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और “ग्राउंड रिपोर्ट: यूपी के चंदौली में नहरों का जाल फिर भी पानी का अकाल, मुश्किल में गेहूं किसान” शीर्षक से कई किसानों से मिलकर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी। अब जनचौक की खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी चंदौली ने 15 मार्च 2023 को सिंचाई, नहर और लिफ्ट कैनाल के अधिकारियों की किसानों के समक्ष बैठक की और आगामी एक हफ़्ते में नहरों में पानी छोड़ने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
इसके साथ ही सीडीओ ने कहा कि अमड़ा, चहनियां, धानापुर, चकिया और बरहनी क्षेत्र की नहरों में आवश्यकता अनुसार पानी डिस्चार्ज किया जाए और ध्यान रखा जाए कि पानी ओवरफ्लो होकर किसानों की फसलों को नुकसान न पहुंचाए। सीडीओ ने आगे बताया कि गुरैनी लघुडाल के नहरों के तटबंध की मरम्मत के लिए शासन द्वारा 3.75 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इस धनराशि से मानक अनुरूप तटबंध के मरम्मत का कार्य किया जाए।
बैठक में फसल नुकसान होने पर किसानों ने अधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनाई। आवाजापुर में छलका की मांग, रामपुर और गुरुदासपुर में जलनिकासी, नहर खुदाई, चकिया कृषि बीज भंडार की मरम्मत, कांटा गांव में क्षतिग्रस्त बिजली के फीडर, मछली मारने का ठेका नहीं होने के बाद भी बंधी डिवीजन किसानों को पानी नहीं देता है और गर्मी में उड़द व मूंग की फसल की सिंचाई के लिए पानी की मांग किसानों ने रखी।
(वाराणसी से पवन कुमार मौर्य की रिपोर्ट)
ग्राउंड रिपोर्ट: यूपी के चंदौली में नहरों का जाल फिर भी पानी का अकाल, मुश्किल में गेहूं किसान