PM मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस, सोनिया-राहुल के अपमान का आरोप

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नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस महासचिव व सांसद केसी वेणुगोपाल ने राज्यसभा के सभापति को भेजे पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दिए अपने भाषण में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।

राज्यसभा के सभापति को भेजे गए पत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी के बयान का जिक्र किया गया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इसी बयान के आधार पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है। नोटिस में कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री का बयान न सिर्फ अपमानजनक है, बल्कि लोकसभा सदस्यों सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रति असम्मानजनक और मानहानि करने वाला है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र के दौरान संसद में बोलते हुए नेहरू सरनेम का उपयोग नहीं करने को लेकर गांधी परिवार पर हमला बोला था।

पीएम ने गांधी परिवार पर साधा था निशाना

कांग्रेस ने विशेषाधिकार हनन की नोटिस में प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का जिक्र किया है जिसमें वो कह रहे हैं कि “मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि चलो भाई, नेहरू जी का नाम हमसे कभी छूट जाता होगा और यदि छूट जाता है, तो हम उसे ठीक भी कर लेंगे…(व्यवधान)… क्योंकि वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई भी व्यक्ति नेहरू जी का सरनेम रखने से क्यों डरता है? क्या शर्मिंदगी है? नेहरू सरनेम रखने में क्या शर्मिंदगी है?… (व्यवधान)… इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको मंजूर नहीं है, परिवार मंजूर नहीं है…”

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम मोदी का संसद में ये कहना कि गांधी परिवार के सदस्यों ने नेहरू सरनेम क्यों नहीं अपनाया, अपने आप में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम मोदी जानते हैं कि बेटी अपनी शादी के बाद पिता का सरनेम नहीं रख सकती। बावजूद इसके उन्होंने जानबूझकर इस बात को लेकर मजाक बनाया।

वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम जब यह सब बोल रहे थे तो उनका लहजा भी बेहद अपमानजनक था। यह प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सोनिया और राहुल गांधी की एक अलग छवि गढ़ने का प्रयास था। जो दोनों नेताओं के विशेषाधिकार का हनन है और सदन की अवमानना भी।

बीजेपी का पलटवार

वहीं बीजेपी, राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान को लेकर उनसे माफी की मांग पर अड़ी है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “जनता द्वारा बार-बार नकार दिए जाने के बाद अब राहुल गांधी देश विरोधी टूलकिट का परमानेंट हिस्सा बन गए हैं। राहुल गांधी बताएं कि यूरोप और अमेरिका को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए उकसाने के पीछे उनकी क्या मंशा है? राहुल गांधी बताएं कि यूरोप और अमेरिका को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए उकसाने के पीछे उनकी क्या मंशा है?

क्या होता है विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

जब संसद के किसी सदस्य को लगता है कि सदन में झूठे तथ्य पेश किए गए हैं या किए जा रहे हैं तो वह सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश कर सकता है। संसदीय विशेषाधिकार संसद के सदस्यों को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्राप्त अधिकार है, ताकि वे अपने कार्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन कर सकें।

जब किसी अधिकार और प्रतिरक्षा की अवहेलना की जाती है, तो अपराध को विशेषाधिकार का उल्लंघन कहा जाता है और यह संसद के कानून के तहत दंडनीय अपराध है। बता दें कि कानूनी तौर पर सदन के अंदर अध्यक्ष या सभापति की नजर में प्रधानमंत्री और संसद सदस्य के अधिकारों में कोई अंतर नहीं रहता।

विशेषाधिकार हनन मामले में इंदिरा गांधी को जाना पड़ा था जेल

आपातकाल के बाद 1978 में तत्कालीन गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव को आपातकाल की जांच के लिए गठित जस्टिस शाह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर पेश किया गया था। प्रस्ताव के सदन में मंजूर होने के बाद इंदिरा गांधी को सदन से निष्कासित कर दिया गया था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

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