यूपी के नगरपालिका परिषद के निर्माण कार्यों में तीस प्रतिशत कमीशनखोरी अधिकारी और इंजीनियर करते हैं। अब यदि ठेकेदार 20 फीसदी अपना फायदा लेता हो तो कुल 50 फीसद पैसा तो पहले ही निकल गया, फिर शेष 50 फीसद से कैसे गुणवत्ता वाला कम होगा, यह गाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट हादसे से सामने आ गया है।
यूपी के मुरादनगर श्मशान घाट हादसे के आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि वह नगरपालिका परिषद के अफसरों को 30 पर्सेंट कमीशन दिया करता था। लंबी पूछताछ के बाद मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। घटना के बाद से फरार चल रहे त्यागी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी था।
मुरादनगर हादसे के मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी, जेई और ईओ निहारिका सिंह समेत अब तक कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में मुख्यमंत्री ने कमिश्नर और डीएम से स्पष्टीकरण भी मांगा है।
गिरफ्तार ठेकेदार अजय त्यागी ने कैमरे पर स्वीकार किया है कि वह त्यागी कांट्रैक्टर फर्म का स्वामी है तथा नगर पालिका परिषद मुरादनगर गाजियाबाद के रेलवे रोड गांव उखलारसी में श्मशान घाट के सौंदर्यीकरण एवं निर्माण का टेंडर वर्ष 2019 में ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के तहत नगर पालिका द्वारा उसकी कंपनी के नाम आवंटन हुआ था। यह 14वें वित्त आयोग के कार्य थे। इनका पैसा शासन द्वारा पहले ही आ जाता है। टेंडर करीब 55 लाख में हुआ था, जिसका कार्यआदेश फरवरी में निर्गत हुआ था तथा दो माह में कार्य पूर्ण किया जाना था।
प्रथम किस्त माह मार्च में लगभग 26 लाख रुपये मिली थी, द्वितीय भुगतान जुलाई में 16 लाख रुपये का हुआ था। यदि टाइम पर कार्य न पूरा होता तो सरकार से आया पैसा लैप्स हो जाता। इस कार्य को जल्दी पूरा करने के लिए मैंने दो अन्य कंपनियों से साझेदारी की थी और मिलकर कार्य किया था। श्मशान घाट का सौंदर्यीकरण में दीवारों का निर्माण, पुरानी छतों की मरम्मत तथा कारीडोर का निर्माण आदि का कार्य था। कार्य का सुपरवाइजर आशीष एस कंपनी कंस्ट्रक्शन की तरफ से था।
अजय त्यागी ने बताया कि श्मशान घाट के निर्माण कार्य में लिंटर एवं डिजाइन की कोई आवश्यकता नहीं थी, किंतु हम सभी व्यक्तियों द्वारा इस का बजट बढ़ा बनाकर धन का गबन करने के लिए इस तरह का कार्य कराया गया था। ठेके के एवज में मैंने जेई के कहने पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को 16 लाख रुपये दिए थे, जो मैंने मार्च में पहली किस्त जारी होने से पहले नगर पालिका के ईओ के कार्यालय में दिए थे, जहां जेई और अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे। इनके बंटवारे की बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
इस निर्माण कार्य स्थल का निर्मित नियमित पर्यवेक्षण का दायित्व जेई एवं सुपरवाइजर का था और इसकी ओवरआल जिम्मेदारी अधिशासी अधिकारी की थी। निर्माण सामग्री भी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं थी। इसे आप संबंधित कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
लालच में हम लोगों गिरोह बनाकर आर्थिक भौतिक लाभ के लिए नगर पालिका मुरादनगर के अधिकारियों एवं इंजीनियरों से मिल कर यह घटिया निर्माण कराया था। हमसे गलती हो गई है।
घटना से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य में हुए सरकारी धन के नुकसान के साथ ही मृतकों के परिवारों को दी जा रही सहायता राशि की भरपाई जिम्मेदार ठेकेदार और अधिकारियों से करने के निर्देश दिए हैं। नुकसान के साथ आश्रितों को दी जा रही मुआवजा राशि की भरपाई पहली बार ठेकेदार और अफसरों से की जाएगी।
मुरादनगर हादसे के बाद समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कहा कि हर जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है। जिले में हो रहे सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की टास्क फोर्स औचक जांच करेगी। मुख्यमंत्री ने हर बड़े प्रोजेक्ट की कम से कम तीन बार औचक गुणवत्ता जांच कराने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रविवार को गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए हादसे में 24 लोगों की जान चली गई। सीएम योगी ने मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपये सहायता राशि दिए जाने के निर्देश दिए हैं। दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियर के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिए हैं। सीएम ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो उत्तर प्रदेश में कार्य कर रहे ठेकेदारों और अफसरों के लिए एक सबक हो। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और इलाहाबाद में रहते हैं।)