कांग्रेस कार्य समिति की दिल्ली में बैठक हुई। इसमें हाल में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की लीक हुई वाट्सऐप चैट से उजागर हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर चर्चा हुई। कांग्रेस ने मांग की है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने एवं अन्य मामलों के सनसनीखेज खुलासों की जेपीसी जांच की जाए।
देश की सुरक्षा से खिलवाड़ को उजागर करने वाली षडयंत्रकारी बातचीत के हाल ही में हुए खुलासों पर कांग्रेस कार्य समिति ने गंभीर चिंता व्यक्त की। बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि इसमें शामिल लोगों में मोदी सरकार में सर्वोच्च पदों पर आसीन लोग शामिल हैं और इस मामले में महत्वपूर्ण और संवेदनशील सैन्य अभियानों की गोपनीयता का घोर उल्लंघन हुआ है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने कहा कि इस सनसनीखेज खुलासे में सरकारी मामलों की गोपनीयता तथा पूरे सरकारी ढांचे को मिलीभगत से कमजोर करने, सरकारी नीतियों पर बाहरी और अनैतिक तरीके से दबाव बनाने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कुत्सित हमले के अक्षम्य अपराधों की जानकारी प्रथम दृष्टि से सामने आई है। इससे मोदी सरकार एवं सरकार से बाहर बैठे मित्रों के बीच एक षडयंत्रकारी साजिश तथा निंदनीय गठबंधन का पर्दाफाश हुआ है।
बैठक में कहा गया कि चौंकाने वाली बात यह है कि इन खुलासों के कई दिन बाद भी प्रधानमंत्री और केंद्रीय भाजपा सरकार पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। सच्चाई यह है कि उनकी चुप्पी, उनकी मिलीभगत, अपराध में साझेदारी एवं प्रथम दृष्टि से दोषी होने का सबूत है, लेकिन जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने की निरंतर उठ रही मांग को दबाया नहीं जा सकता। यह तूफान रुकेगा नहीं और हम देश की सुरक्षा को खतरे में डालने एवं विरोधियों की मदद करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार से जवाब मांगते रहेंगे।
कांग्रेस कार्य समिति देश की सुरक्षा से खिलवाड़, ऑफिशियल सीक्रेट्स अधिनियम के उल्लंघन एवं उच्चतम पदों पर बैठे इसमें शामिल लोगों की भूमिका की तय समय सीमा में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराए जाने की मांग करती है। समिति ने आखिर में कहा है कि जो लोग राजद्रोह के दोषी हैं, उन्हें कानून के सामने लाया जाना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
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