Friday, April 19, 2024

चंदौली: मंदिर में प्रवेश करने पर पहले ब्राह्मणों ने दलित को पीटा, फिर फर्जी मुकदमे में पुलिस ने पीड़ित का ही कर दिया चलान

चंदौली (यूपी)। उत्तर प्रदेश के चंदौली में कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है, और पीड़ित जनता को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मनराजपुर में दबिश के नाम पर दारोगा द्वारा युवती से कथित बलात्कार के बाद अब मंदिर में दलित (बनवासी) पूजा करने पर आपराधिक प्रवृत्ति के कुछ ब्राह्मणों द्वारा बनवासी युवक की बेरहमी से पिटाई समेत दर्जन भर से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे साबित होता है कि चंदौली पुलिस जनपद में कानून और शांति व्यवस्था लागू करने में असफल साबित हो रही है।

इन मामलों में पीड़ित को न्याय मिलने के बजाय पुलिस लीपापोती में जुटी रहती है। ताजा मामला चंदौली के मधुबन बहोरीकपुर बनवासी बस्ती का है जहां मंदिर में पूजा करने भर से ही उसकी पिटाई कर दी जाती है। इधर, मनुवाद के आगे नतमस्तक, जाति बंधनों में जकड़ी पुलिस फर्जी कहानी गढ़कर पीड़ित का ही 151 में चालान कर देती है।

गौरतलब है कि सदर थाना क्षेत्र चंदौली के मधुबन बहोरीकपुर बनवासी बस्ती के रामचंद्र बनवासी 28 अगस्त को रात्रि 9:00 बजे अपनी अस्वस्थ भाभी को दवा लेने के लिए पिपरी गए थे। दवा न मिलने पर अपने गांव के काली मंदिर में पूजा-पाठ करने चले गए। मंदिर में बनवासी को आया देख गांव के कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के ब्राम्हण आग बबूला हो गए और गालियां देने लगे। विरोध करने पर कुछ ब्राह्मणों ने रामचंद्र बनवासी को जमकर लात-मुक्का, लाठी-डंडे से पिटाई की। इतना ही नहीं 112 नंबर की पुलिस बुलाकर चोरी करने का झूठा इल्जाम भी लगा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को सुबह थाने पर आने की बात कह कर चली गई।

पीड़ित बनवासी रामचंद्र को न्याय दिलाने व घटना की निष्पक्ष जांच की मांग के लिए प्रशासन से लगाई गुहार

अगली सुबह यानी 29 अगस्त को रामचंद्र बनवासी अपना मुकदमा दर्ज कराने के लिए गांव की जनता के साथ थाने जा रहे थे कि आरोपियों ने बीच रास्ते से ही पीड़ित को गिरफ्तार करवा कर बंद करा दिया। पुलिस ने थाने में दोनों पीड़ित भाइयों के साथ मारपीट की व धारा 151 में चालान कर दिया। वनवासी समाज के साथ अन्याय होता देख भाकपा माले का प्रतिनिधिमंडल बहोरीकपुर बनवासी बस्ती की दर्जनों महिलाएं-पुरुष के साथ थाना अध्यक्ष से मिलकर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग किया।

भाकपा माले के चंदौली सचिव शशिकांत सिंह ने ‘जनचौक’ से कहा कि भाकपा माले का प्रतिनिधि मंडल वनवासी समाज को साथ लेकर पुलिस अधीक्षक से मिला व पूरी घटना की जानकारी दी। नफरत की आग में झुलस रहे प्रदेश की जनता न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन योगी की पुलिस दबंगों के साथ खड़ा होकर गरीब जनता का ही उत्पीड़न करने में लगी है। भाकपा माले जनता के साथ न्याय पाने तक संघर्ष को जारी रखेगी। धर्म के नाम पर नफरत पैदा कर रही भाजपा की योगी सरकार का ताजातरीन उदाहरण चंदौली सदर कोतवाली क्षेत्र के बहोरीपुर वनवासी बस्ती में देखने को मिला है।

इस मामले में पीड़ित को ही परेशान किया जा रहा है। इस पूरे मामले में वनवासियों के साथ अन्याय किया गया है। जल्द ही आरोपियों पर मामला दर्ज पीड़ित को न्याय नहीं दिया गया तो बहोरीकपुर में जनसभा का आयोजन कर इस पूरे मामले को उठाया जाएगा। जिसकी पूरी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी। प्रतिनिधिमंडल में कामरेड रमेश राय, कामरेड कृष्णा राय, कामरेड उमानाथ चौहान, कामरेड सारनाथ राय, कामरेड अक्षयबर बनवासी सहित विशाल चौहान, मनीष बनवासी, संतोष बनवासी, रामचंदर बनवासी, संतोष बनवासी, कमला देवी, लालमणि, शशि कला, राधिका, सुशीला देवी आदि लोगों सहित दर्जनों की संख्या में उपस्थित रहे।

पीड़ित द्वारा दिया गया ज्ञापन।

सस्पेंड एसएचओ के साले ने गढ़ डाली फर्जी कहानी

इस घटना के सम्बन्ध में चंदौली सदर पुलिस के एसएचओ संतोष सिंह ने बताया कि बनवासी समाज का एक व्यक्ति नशे में एक ब्राह्मण के घर में घुस रहा था। इस बात को लेकर विवाद हुआ था। मंदिर में पूजा-पाठ वाला कोई मामला नहीं है। पता चला है कि बहुत पहले की बात है, जहां आज बनवासी समाज की बस्ती रहती है। इस जमीन पर पहले ब्राह्मणों का अवैध कब्ज़ा था। मुकदमे बाजी के बाद फैसला बनवासी समाज के हक़ में गया, तभी से दोनों पक्षों में नाराजगी बनी हुई है।

बहरहाल, आपको बता दें कि ये वही एसएचओ संतोष सिंह हैं, जो सैयदराजा थाने के सस्पेंड एसएचओ उप्रेंद्र सिंह का साला है। सैयदराजा थाने के मनराजपुर में कुछ महीने पहले दबिश के नाम पर गए एसएचओ उप्रेंद्र सिंह पर आरोप है कि इन्होंने आरोपी कन्हैया यादव की घर में अकेली दो बेटियों से मारपीट की। जिसमें एक लड़की की मौके पर ही मौत हो गई थी।

सपा के नेताओं का कहना था कि एसएचओ उप्रेंद्र सिंह रात में बैगर महिला पुलिसकर्मी के लड़कियों की आबरू लूटने गया था, और एक लड़की की हत्या कर दी। घटना के कुछ ही दिन बाद पीड़ित कन्हैया यादव से मिलने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आए थे। भाकपा माले ने 15 दिनों से अधिक तक क्रमिक भूख हड़ताल किया था।

(चंदौली से पीके मौर्य की रिपोर्ट।)

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