लखीमपुर खीरी/ नई दिल्ली। यूपी के लखीमपुर खीरी से एक सनसनीख़ेज़ घटना सामने आयी है। पुलिस की बेरहम पिटाई के बाद यहाँ के एक दलित युवक ने आत्महत्या कर ली है। ख़ुदकुशी करने से पहले उसने अपने कई ऑडियो रिकार्ड कर ह्वाट्सएप ग्रुपों में पोस्ट कर दिया था। जिनमें उसने अपने साथ हुई घटना को विस्तार से बताया है।
रोशन लाल नाम का यह युवक गुड़गाँव में ठेकेदारी करता था। वहाँ वह बिजली के टावर खड़ा करने में लेबर सप्लाई का काम करता था। लॉक डाउन की घोषणा के बाद वह 29 मार्च को अपने घर लखीमपुर खीरी चला गया था। बताया जाता है कि घर आने के बाद वह एहतियातन ख़ुद को घर और परिवार से अलग कर लिया था और दूर के अपने एक खेत में रह रहा था। और जब प्रशासन की तरफ़ से 30 मार्च को बाहर से आए तमाम लोगों के क्वारेंटाइन के लिए एक स्कूल की व्यवस्था की गयी तो वह ख़ुद उसमें रहने चला गया।
सामने आए ऑडियो में उसने अपने साथ की गयी पुलिसिया उत्पीड़न की घटना को विस्तार से बताया है। उसने बताया कि स्कूल में आने के बाद उसके घर में आटे की ज़रूरत पड़ी। लिहाज़ा भाभी के कहने पर वह स्कूल छोड़कर बाहर से आटा लेने चला गया। अभी वह कुछ दूर ही पहुँचा था कि तभी अनूप सिंह नाम का एक पुलिसकर्मी उसके पास आया और उससे पूछा कि क्या वह स्कूल से ग़ायब होने वाला रोशन लाल है? उसके हां कहते ही पुलिसकर्मी ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। और पीटते-पीटते उसे बेहाल कर दिया।
रोशन लाल का कहना है कि इस पिटाई में उसका हाथ फ़्रैक्चर हो गया। और शरीर का शायद ही कोई हिस्सा हो जिसमें चोट न लगी हो। उसका तो यहाँ तक कहना था कि चड्ढी उतारने पर किसी को भी खून ही खून दिखेगा।
पिटाई से अपमान और चोट के दर्द को बर्दाश्त न करने के चलते उसने आत्महत्या करने का फ़ैसला ले लिया। और घर से बाहर जाकर इलाक़े के एक पेड़ पर लटक कर अपनी जान दे दी। लेकिन उससे पहले उसने कई ऑडियो रिकार्ड किए हैं जिसमें उसने मरने के बाद बैंकों के विभिन्न खातों में जमा अपने पैसों को उसकी माँ को देने। साथ ही अपनी ख़ुदकुशी के लिए अनूप सिंह को पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की अपील की है। उसने ऑडियो में बार-बार कहा है कि उसकी मौत के लिए कोई और नहीं बल्कि अनूप सिंह ज़िम्मेदार हैं। उसी ऑडियो में उसने एक जगह और इस बात को भी साफ़ करने की कोशिश की है कि मौत के बाद उसकी मौत को कोरोना से जोड़ा जाएगा। लिहाज़ा उसने एक रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें उसको इस तरह का कोई लक्षण न होने की बात कही गयी है।
आडियो में मदद करने वाले अपने कुछ दोस्तों, चाचा और गाँव के प्रधान की उसने तारीफ़ की है।
अनूप सिंह के बारे में बताया जा रहा है कि वह औरंगाबाद पुलिस चौकी के इंचार्ज हैं। और स्कूल का यह इलाक़ा उनके कार्यक्षेत्र में आता है। बहरहाल इस घटना के बाद इलाक़े में रोष है। और रोशन लाल के परिजनों की तरफ़ से थाने में नामजद शिकायत दर्ज करा दी गयी है।