Friday, March 29, 2024

भाजपा की बी टीम बन गयी है बसपा, दलित उत्पीड़न पर मायावती की चुप्पी आपराधिक: दारापुरी

लखनऊ। कोरोना महामारी काल में भी प्रदेश में लगातार दलित उत्पीडन बढ़ रहा है। प्रदेश का शायद ही कोई जिला हो जहाँ से रोज दलित, आदिवासियों और समाज के कमजोर तबकों पर हो रहे जुल्म की खबरें न आ रही हों। यही नहीं कोरोना महामारी में भी सबसे ज्यादा इन्हीं तबकों के लोग विस्थापित हुए और यातना का शिकार हुए। आरएसएस-भाजपा की सरकार में इस जुल्म के खिलाफ बोलने की जगह सीबीआई जाँच से डरी मायावती सरकार को बचाने में लगी है। मायावती के आ रहे बयानों से लगता है कि बसपा भाजपा की बी टीम बन गयी है। ये बातें आज ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रवक्ता और पूर्व पुलिस आईजी एसआर दारापुरी प्रवक्ता ने प्रेस को जारी बयान में कही।

उन्होंने कहा है कि मात्र मई माह में संभल में पूर्व विधायक छोटेलाल दिवाकर और उनके पुत्र की गोली मारकर हत्या, संघकिषा में बौद्ध भिक्षु पर गोलीबारी, शामली में दो दलित युवतियों की हत्या, महाराजगंज में मेड़ के विवाद में प्रधान के बेटे द्वारा दलित युवक की पिटाई एवं थूक कर चटवाना, कुशीनगर में क्वारंटाइन कैम्प में दलित द्वारा बनाये गए भोजन का बहिष्कार एवं फेंक दिया जाना, सोनभद्र में दलित बालिका का बलात्कार, फतेहपुर में दलित युवक प्रदीप पासवान की हत्या, हाथरस कोतवाली में दलित युवक पर चोरी का आरोप लगा कर गोली मार देना, चित्रकूट जिले के राजपुर गाँव में 14 साल की दलित किशोरी से बलात्कार, भदोही जिले के लक्ष्मण गाँव में आंबेडकर की मूर्ति खंडित करने सरीखी आदि घटनाएँ हुई हैं। इन पर मायावती की चुप्पी आपराधिक है। इसी प्रकार मायावती प्रवासी मजदूरों के मामले में भी भाजपा के प्रवक्ता के रूप में खड़ी नज़र आती हैं। यदि कोई कुछ पहल करता तो उस पर उसे राजनीति एवं ड्रामे बाजी बताती हैं।

उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी को रोकने में बुरी तरह विफल रही और देश को महा विनाश के कगार पर पहुंचाने वाली आरएसएस-भाजपा की सरकार तानाशाही की ओर बढ़ रही है। दिल्ली में कल देवांगना और नताशा की गिरफ़्तारी इसका ताज़ा सबूत है। इसके पहले सफूरा जरगर, मीरान हैदर, खालिद सफी, गुलफिसा फातिमा, इसरत जहाँ जैसे छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की काले कानून यूएपीए के तहत जेल में डाला गया। उनका पुलिस थाने में बर्बर उत्पीड़न किया गया। इसकी निदा करते हुए दारापुरी ने कहा कि इस तानाशाही का मुकाबला मायावती सरीखी भ्रष्ट बहुजन राजनीति नहीं कर सकती इसके लिए जन राजनीति को खड़ा करना होगा और उससे जुड़ना होगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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