टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) के कथित घोटाले के मामले में सुर्खियों में छाए रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी का कानून और अदालत से चोली दामन का साथ हो गया है। न्यायालयों में विभिन्न स्तरों पर आये दिन अर्णब गोस्वामी के मामलों पर सुनवाई हो रही है। अभी किसी मामले में किसी कोर्ट में बहस हो रही है, तभी नया मामला सामने आ जा रहा है। बुधवार को मुंबई परिमंडल नौ के उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक त्रिमुखे ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी, डायरेक्टर सम्यब्रता गोस्वामी और एआरजी आउटलेयर मीडिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है।
मुंबई सेशन कोर्ट में यह शिकायत IPC की धारा 499, 500, 501, 34 के तहत दर्ज कराई गई है। शिकायत में कहा गया है कि गृह विभाग से मंजूरी के बाद शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 (मानहानि की परिभाषा), धारा 500 और धारा 501 (मानहानि की सजा) के साथ-साथ धारा 34 (आम इरादे) के तहत दर्ज की गई है। लोक अभियोजक कार्यालय के मार्फत की गई शिकायत में मुख्य रूप से गोस्वामी के खिलाफ वारंट जारी करने और शिकायतकर्ता को उचित मुआवजा देने की मांग की गई है।
अभिषेक त्रिमुखे ने शिकायत में कहा है कि रिपब्लिक टीवी और अर्णब गोस्वामी ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करके उनके चरित्र हनन की कोशिश की है। यह दुर्भावनापूर्ण है और मुंबई पुलिस विभाग को अपमानित करने के लिए ऐसा जानबूझ कर किया जा रहा है। उनका कहना है कि इससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
त्रिमुखे का आरोप है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले से जुड़े डिबेट शो में अर्णब ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन टिप्पणियों को उनके यूट्यूब चैनल पर 7 अगस्त 2020 को प्रसारित किया गया था। डिबेट अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के कॉल रिकॉर्ड्स को लेकर थी। रिया पर सुशांत को ड्रग्स देने का आरोप था। उस दौरान इसे लेकर रिपब्लिक टीवी पर कई डिबेट हुई थीं।
शिकायत में कहा गया है कि अर्णब गोस्वामी रिपब्लिक टीवी के संचालक हैं। उनकी पत्नी सम्यब्रता इसकी कार्यकारी निदेशक हैं। उनकी जानकारी के बिना कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। त्रिमुखे कहते हैं कि वे 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह मुंबई में डीसीपी के तौर पर कार्यरत हैं।
त्रिमुखे के मुताबिक पत्रकारिता से जुड़े मुल्यों को छोड़कर चर्चा के दौरान गोस्वामी की ओर से सनसनीखेज रुख अपनाया गया। इस दौरान जानबूझकर मेरी (त्रिमुखे) प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के इरादे से मानहानिपूर्ण टिप्पणी की गई। इसके अलावा गोस्वामी ने अपने ट्विटर हेंडल से भी मानहानिपूर्ण ट्वीट किए। गोस्वामी के ट्विटर पर दो लाख के करीब फालोवर हैं।
शिकायत में कहा गया है कि रिपल्बिक भारत को चलाने वाले एआरजी आउटलर लिमिटेड में गोस्वामी की पत्नी कार्यकारी निदेशक हैं। उनकी अनुमति और जानकारी के बिना चैनल में कुछ नहीं दिखाया जा सकता। मुझे लेकर न्यूज चैनल पर जो कुछ कहा गया उसके बारे में गोस्वामी की पत्नी को जानकारी थी, इसलिए गोस्वमी के साथ उनकी पत्नी के नाम का भी शिकायत में उल्लेख किया गया है।
शिकायत में कहा गया है कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता संविधान के तहत एक पूर्ण अधिकार नहीं है। अभियुक्त नंबर 1 विवादास्पद और संदिग्ध व्यवहार और अनैतिक पत्रकारिता के लिए कोई अजनबी नहीं है। देर से ही वह विवादों में घिरे जहां उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गईं और बाद में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया, क्यूंकि, वह एक आदतन अपराधी है और कानून के कठोर हाथों से निपटा जाना चाहिए।
गोस्वामी ने कथित तौर पर मुंबई पुलिस की संस्था पर एक प्रणालीगत हमला किया था। त्रिमुखे ने दावा किया कि चैनल ने शिकायतकर्ता के नाम और तस्वीर के नाम के साथ स्क्रीन पर एक टिकर दिखाया, जिससे यह संकेत मिलता है कि त्रिमुख एक कथित अपराध के अपराधियों की मदद करने के लिए डीसीपी के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करने का दोषी था।
गौरतलब है कि अर्णब को इससे पहले भी मुंबई पुलिस ने एक अन्य केस में गिरफ्तार किया था। तब उन्हें तलोजा जेल में रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अर्णब को जमानत मिली थी। जमानत पर रिहा होने के बाद अर्णब मुंबई पुलिस पर खासे हमलावर हुए थे। उनके और मुंबई पुलिस के बीच तनातनी तभी शुरू हुई थी, जब उन्होंने सुशांत मामले में मुंबई पुलिस पर तीखे आरोप लगाए थे। उनका दावा था कि एक बड़े राजनीतिज्ञ के बेटे को बचाने के लिए पुलिस काम कर रही है।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं। वह इलाहाबाद में रहते हैं।)