Friday, March 29, 2024

गोवा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से पिछले 4 दिनों में 75 कोरोना मरीजों की मौत

भाजपा शासित गोवा के गोवा मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर ऑक्सीजन की कमी से 13 लोगों की मौत की ख़बर आयी है। गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीती रात दो बजे से सुबह 6 बजे तक 13 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये मौत ऑक्सीजन लेवल की कमी के कारण हुई है। 

बता दें कि इस अस्पताल में पिछले चार दिन में ऑक्सीजन की कमी से 75 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इससे पहले कल गुरुवार को 15 मरीजों की मौत, बुधवार को 20, मंगलवार को 26 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुयी थी। कोविड वार्ड में हुई इस मौत के कारण अस्पताल की फजीहत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि लॉजिस्टिक में दिक्कत के कारण ऐसा हुआ है।

कांग्रेस दर्ज़ करायेगी आपराधिक केस

वहीं, गोवा मेडिकल कॉलेज में मरीजों की मौत के मामले में विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और गोवा के स्वास्थ्य मंत्री के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज़ कराने की तैयारी में जुट गई है। गोवा कांग्रेस प्रमुख गिरीश चोडनकर ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा है कि – “हम लोग दोनों के खिलाफ़ आपराधिक शिकायत दर्ज़ करेंगे और जरूरत पड़ने पर निर्दोषों को न्याय दिलाने के लिए अदालत जाएंगे।

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे दिन दहाड़े किया गया ‘मर्डर’ बताया है। 

सरकार ने कमेटी गठित की 

गोवा की भाजपा सरकार ने अब इस मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई के विषय को लेकर एक कमेटी का गठन कर दिया है। जिसमें IIT के बीके मिश्रा, GMC के पूर्व डीन वीएन जिंदर और तारिक थॉमस शामिल हैं। इस कमेटी को टास्क दिया गया है कि वह अस्पताल को मिलने वाली ऑक्सीजन सप्लाई पर नज़र रखे और ऑक्सीजन को लेकर कहां दिक्कत आ रही है, उन्हें उजागर करे। इस कमेटी को तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है।

गौरतलब है कि देश में कोरोना मरीजों की तादाद अचानक बढ़ने के कारण ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ गई थी। कुछ वक्त पहले तक दिल्ली, यूपी, समेत अन्य राज्यों में लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे थे, हालांकि अब कुछ हद तक ये कंट्रोल हो पाया है। बता दें कि गोवा में पॉज‍िट‍िव‍िटी रेट 51 प्रतिशत है जबकि रिकवरी दर सिर्फ 71 प्रतिशत है।

इससे पहले गोवा मेडिल कॉलेज के कोविड वॉर्ड के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुये हैं जिनमें अस्पताल की बदइंतजामी साफ देखी जा सकती है। 

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