Saturday, April 20, 2024

पंजाब: भुखमरी के चलते प्रवासी मजदूर ने खुदकुशी की

पंजाब में परिवार की भुखमरी से आजिज आकर एक प्रवासी मजदूर ने शनिवार देर रात फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। उक्त मजदूर कोरोना वायरस के बाद लागू लॉक डाउन और कर्फ्यू के बाद एक दम बेरोजगार था और परिवार समेत कुछ दिनों से फाकाकशी काट रहा था। मृतक की पहचान 38 वर्षीय अजीत राय के रूप में हुई है और वह महानगर लुधियाना की राजीव गांधी कॉलोनी में किराए के मकान में रहता था। राज्य में यह कोरोना वायरस के बाद उपजे हालात के बाद यह इस किस्म की जाहिर हुई पहली घटना है। अजीत राय की पत्नी ने उनकी खुदकुशी के लिए पंजाब सरकार और पुलिस-प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।

मृतक की पत्नी के मुताबिक अजीत पिछले कई दिनों से राशन की गुहार लेकर पुलिस थाने जा रहे थे और वहां से लगातार बेइज्जत होकर खाली हाथ लौट रहे थे। उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता था कि अब प्रवासी मजदूरों के लिए अनाज का कोटा खत्म हो गया है। बता दें कि राज्य सरकार ने जरूरतमंद लोगों के लिए प्रावधान किया हुआ है कि जिन्हें अनाज या बना-बनाया खाना अथवा लंगर चाहिए वे अपने-अपने इलाके के पुलिस स्टेशनों से संपर्क करें। पत्नी के अनुसार रोज हो रही फजीहत और बढ़ती भुखमरी तथा बदतर हालात ने अजीत राय को मानसिक तौर पर पूरी तरह तोड़ दिया था और उन्होंने शनिवार की रात फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।           

अजीत राय की खुदकुशी की खबर के बाद लगभग 500 मजदूरों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई और उन्होंने रविवार सुबह तक पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी मजदूरों का आरोप है कि पंजाब में राशन के बंटवारे में जबरदस्त भेदभाव बरता जा रहा है और पंजाब सरकार सीधे तौर पर इस खुदकुशी के लिए गुनाहगार है। प्रदर्शन कर रहे मजदूरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और फ्लैग मार्च भी। बाद में मौके पर भारी तादाद में कई थानों की पुलिस तैनात कर दी गई है।                             

आधिकारिक तौर पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अजीत राय की खुदकुशी की पुष्टि करने से बच रहे हैं। सरकारी कवायद है कि इसे सामान्य मौत बताकर किसी तरह मामला रफा-दफा कर दिया जाए। लेकिन मजदूर और अजीत राय की पत्नी तथा बच्चे इसे भुखमरी से हुई खुदकुशी ही करार दे रहे हैं और अपने इस कथन पर अडिग हैं। उधर, स्थानीय और प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले पंजाब लोक मोर्चा के संयोजक और देशभक्ति यादगार कमेटी, जालंधर के वरिष्ठ ट्रस्टी अमोलक सिंह ने प्रवासी मजदूर की खुदकुशी को बेहद अफसोसनाक घटना बताते हुए इसके लिए सीधे तौर पर ‘स्टेट’ को जिम्मेदार ठहराया है।                             

पंजाब से प्रवासी मजदूर बड़ी तादाद में अपने राज्यों को लौट रहे हैं और साथ भुखमरी सरीखे हालात और खुदकुशी की मानसिकता की बेशुमार कहानियां भी लेकर जा रहे हैं। हालात का इशारा साफ है कि शायद अजीत राय से पहले भी कुछ मजदूरों ने लॉक डाउन और कर्फ्यू के दौरान बेरोजगारी तथा भुखमरी के चलते खुदकुशी की होगी। जाहिरन निजाम सीधे तौर पर दोषी है।   

पंजाब में उद्योग-धंधे सशर्त खोलने की इजाजत दे दी गई है लेकिन कई इकाइयों ने काम बंद रखने का फैसला किया है। ऐसे में ज्यादातर प्रवासी श्रमिकों में फैला बेरोजगारी का वायरस बदस्तूर कायम है। प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चली हैं लेकिन फौरी तौर पर यह सुविधा सभी मजदूरों को हासिल नहीं है। 

(जालंधर से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)          

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