Friday, March 29, 2024

घर-घर पहुंचेगी किसान आंदोलन की गूंज, राज्यवार की जा रही हैं महापंचायत

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान महापंचायतों का दौर लगातार जारी है। कल पंजाब के जगरांव में विशाल सभा आयोजित की गई, जिसमें किसानों के साथ-साथ अन्य नागरिकों ने भी बढ़-चढ़ कर भागीदारी दिखाई। वहीं टीकरी बॉर्डर से कुछ किलोमीटर आगे बहादुरगढ़ की ओर शुक्रवार को दलाल खाप-84 की ओर से महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत का आयोजन भूप सिंह दलाल ने किया और इसमें मुख्य रूप से हुड्डा खाप, एहलावत खाप, राठी खाप, छिल्लर खाप, छिक्कारा खाप समेत कई खापें मौजूद रहीं। इस महापंचायत में सर्वजातीय दलाल खाप-84 के कई नेताओं ने भी किसानों को संबोधित किया।

महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन से गुरनाम सिंह चढूनी, जोगेंद्र घासीराम नैन, युद्धवीर सिंह, डॉ. दर्शन पाल, हरमित सिंह कादियां, कृति किसान यूनियन से राजेंद्र सिंह दीपवाला, उगराहा ग्रुप से जोगेंद्र उगराहा और संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य नेता मौजूद थे। महापंचायत में राकेश टिकैत के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेताओं ने किसानों ने संबोधित किया। इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम अब पीछे हटने वाले नहीं हैं। हल चलाने वाला अब हाथ नहीं जोड़ेगा। कृषि बिलों की वापसी तक किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

अनूप सिंह चानौत ने कहा कि ये हरियाणा में किसानों की लगातार चौथी सफल किसान महापंचायत है, जिसमें लाखों किसान पहुंचे हैं। महापंचायतों में आ रही भीड़ से साफ है कि किसानों ने इस आंदोलन को अब अपने मान-सम्मान की जंग बना लिया है।

सयुंक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि आने वाले समय में देश भर में किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी। मोर्चे की टीमें राज्यवार महापंचायतों के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रही हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा की कोशिश है कि अब राज्यवार तरीके से किसान महापंचायत का आयोजन किया जाए, ताकि हर राज्य के लोग इस आंदोलन से जुड़ सकें और उनकी बात पहुंच सके। किसान नेता दर्शन पाल के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 12 फरवरी, हरियाणा के बहादुरगढ़ में 13 फरवरी, राजस्थान के श्रीगंगानगर में 18 फरवरी, राजस्थान के ही हनुमानगढ़ में 19 फरवरी और सीकर में 23 फरवरी को महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।

अलग-अलग राज्यों में किसान महापंचायत करने का एलान हुआ है। किसान संगठनों का दावा है कि सरकार की ओर से आंदोलन को तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। किसान संगठनों ने कहा है कि अब वो अपनी ओर से ही अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट की सुविधा का प्रबंध कर रहे हैं।

हरियाणा के आसपास के गांवों से महिलाएं टीकरी बॉर्डर पर पहुंच रही हैं। महिलाएं भी काफी तादाद में इस आंदोलन का हिस्सा बन रही हैं। महिलाओं का कहना है कि हम इससे पहले कभी इस तरह से बाहर नहीं गए। इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए यहां आ रहे हैं। यहां हमारे किसान डटे हुए हैं। इनमें से कई बुजुर्ग किसान भी हैं, जिनके लिए खाना बनाने में हम महिलाएं सहयोग कर रही हैं। समय मिलने पर हम धरना स्थल पर भी बैठकर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर हम यहां लंबे समय तक भी रहेंगे। वहीं टीकरी बार्डर पर हरियाणा सरकार द्वारा सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव का किसानों ने कड़ा विरोध किया है।

गाजीपुर बार्डर आंदोलन समिति के प्रवक्ता और सदस्य जगतार सिंह बाजवा ने बयान जारी कर कहा है कि पुलिस किसानों को नोटिस भेज कर डराने का प्रयास कर रही है, लेकिन किसान नोटिसों से डरने वाला नहीं है। गाजीपुर बार्डर आंदोलन समिति की ओर से अधिवक्ताओं का पैनल तैयार किया जा रहा है। गाजीपुर किसान मोर्चा जेलों में बंद आंदोलनकारियों की जमानत कराएगा। बाजवा ने कहा कि किसी भी किसान को नोटिस मिले तो वह तत्काल गाजीपुर किसान मोर्चा को सूचित करे।

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