Saturday, April 20, 2024

भावनात्मक नहीं, जनमुद्दों पर हो रहा चुनाव; महागठबंधन की लहर: दीपंकर भट्टाचार्य

पटना। भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि बिहार चुनाव में भाजपा-जदयू के सारे दांव फेल हो चुके हैं। ऐसा दिख रहा है कि इधर-उधर और भावनात्मक मुद्दे के बजाए इस बार का बिहार चुनाव जनता के मुद्दे और सवालों पर हो रहा है। बिहार की जनता में भाजपा-जदयू के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है और हर दिन यह बढ़ता ही जा रहा है। बदलाव के लिए बिहार की जनता संकल्पित है और उससे पूरे देश को उम्मीद है। महागठबंधन के पक्ष में लहर चल रही है। लोग अपनी जरूरतों की बात देख रहे हैं। दीपंकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भाकपा-माले के खिलाफ भाजपा के लोग दुष्प्रचार में उतर गए हैं और इस नाम पर डर पैदा करना चाहते हैं, लेकिन आज पूरा हिंदुस्तान भाजपा के डर के साये में जी रहा है। मजदूर, किसान, युवा, महिलाएं, व्यवसायी, अल्पसंख्यक समुदाय अर्थात सभी तबके भाजपा से आतंकित हैं। किसानों की खेती छीन लेने का कानून बना दिया गया। बेरोजगारों की फौज दिन-प्रति-दिन बढ़ती ही जा रही है। अल्पसंख्यकों को देशद्रेाही कह कर प्रताड़ित किया जा रहा है। रोजगार का भयावह संकट है। हाथरस जैसी जघन्य घटनाएं हो रही हैं और बिहार में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड घटित हुआ। देश और बिहार की जनता भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे इस आतंक और दहशत की सियासत को बखूबी समझ चुकी है।

उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर मोदी जी ने आधा सच कहा। हर कोई जानता है कि कोरोना अभी गया नहीं है। उन्हें तो देश की जनता से अपनी विफलता के लिए माफी मांगनी चाहिए थी, क्योंकि उन्होंने कहा था कि 21 दिनों में कोरोना पर नियंत्रण हासिल कर लिया जाएगा। लॉकडाउन फेल कर गया, उसके लिए माफी मांगनी चाहिए। लॉकडाउन के नाम पर तो रोजी-रोटी छीनने का काम हुआ है। सरकार अपनी विफलता छुपा रही है।

कॉ. दीपंकर ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा है कि मास्क पहन कर वोट देने जाना है, लेकिन गरीब जनता के पास मास्क नहीं है, इसलिए मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था आयोग और प्रशासन को करनी होगी। मास्क के नाम पर वोट के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। हमने इस मामले में आयोग को लिखकर भेजा है। उम्मीद है कि वह कदम उठाएगी। वैक्सीन को चुनाव से जोड़ना पूरी तरह गलत है। चुनाव आयोग को इस बात की गारंटी करनी चाहिए कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो। वैक्सीन न केवल बिहार बल्कि पूरे देश और दुनिया के लिए जरूरी है।

उन्होंने कहा कि आज बिहार एक कठिन दौर और दर्द से गुजर रहा है। लोगों को कोरोना काल में लॉकडाउन की मार झेलनी पड़ी। बिहार के लोगों को बार-बार अपमानित किया गया। जनादेश के साथ अपमान हुआ। बेरोजगारी चरम पर है। नीतीश जी कहते हैं कि बिहार में समुद्र ही नहीं तो औद्योगिक विकास कहां से होगा? इससे अतार्किक बात और क्या हो सकती है? प्रवासी मजदूरों से ही पूछ लीजिए, हरियाणा-पंजाब का विकास कैसे हुआ, जहां समुद्र नहीं है। शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। हर स्कूल में कंप्यूटर टीचर, म्यूजिक टीचर आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। नीतीश जी के राज में ऐसा कुछ नहीं हुआ। दीपंकर ने कहा कि नीतीश कुमार थके-हारे नेता हैं। बिहार की राजनीति में एक जेनरेशन शिफ्ट हो रहा है। लालू जी जेल में हैं। रामविलास जी गुजर गए, लेकिन नीतीश जी सोच रहे हैं कि अवसरवाद दिखला कर युवाओं को आगे आने से रोके देंगे, तो इस बार ऐसा नहीं होने वाला है।

पूर्व राज्यसभा सांसद और पसमांदा समाज के नेता अली अनवर ने कहा कि हम पूरी तरह से वामपंथी और महागठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में हैं। नीतीश जी ने 2017 में जनादेश से जो विश्वासघात किया, उसे बिहार की जनता कभी भूल नहीं सकती। आज उनको सजा देने का वक्त आ गया है और पूरा बिहार उनके खिलाफ गोलबंद हो चुका है।

भाकपा माले की पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने कहा कि बिहार के चुनाव में लोगों को तोड़ने वाले एजेंडे चलने वाले नहीं हैं। आज जनता के मुद्दे सामने हैं। चुनाव का जो भी समय बचा है, उसमें भाजपा अमन-चैन को खराब करने की कोशिश करेगी। हमारी कोशिश शांति-व्यवस्था को बनाए रखने की होगी। हम भाजपा की ऐसी साजिशों को कभी सफल नहीं होने देंगे। बिहार की जनता से अपील है कि अफवाहों से सावधान रहें और भाजपा-जदयू को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखलाने के लिए एक-एक वोट की गारंटी करें।

बगोदर के विधायक विनोद सिंह ने कहा कि बिहार बदलाव के मुहाने पर खड़ा है। झारखंड की रघुवर सरकार की तरह ही यहां की जनता ने नीतीश कुमार को सत्ता से बदेखल करने का मन पूरी तरह बना लिया है।

भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दो सभाओं को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में महागठबंधन की लहर चल रही है। पटना शहर से भी इस बार भाजपा का सफाया तय है। दीघा विधानसभा सहित सभी सीटों पर भाजपा की हार होगी। मजदूरों, छात्र-नौजवानों, शिक्षकों और शहरी गरीबों के साथ नीतीश सरकार ने जो विश्वासघात किया है, जनता चुनाव में मजा चखाएगी। आज गुरुवार को पटना के दीघा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले उम्मीदवार के पक्ष में कमला नेहरू नगर और चितकोहरा में कॉ. दीपंकर ने सभा को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि हमने अपने घोषणा पत्र में कहा कि मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार योजना की भी गारंटी होनी चाहिए। आज पटना समेत राज्य के अन्य दूसरे शहरों से गरीबों को उजाड़ने का काम हो रहा है। चितकोहरा से लेकर पटना रेलवे स्टेशन परिसर से दुकानदरों को उजाड़ दिया गया। शहरीकरण के नाम पर लूट का व्यवसाय चल रहा है। बारिश में पटना जलजमाव से तबाह रहता है। यही डबल इंजन की सरकार है। इस सरकार को सबक सिखाना होगा।

प्रत्याशी शशि यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज राजधानी पटना भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है। दिनदहाड़े लूट और अपराध हो रहे हैं। भाजपा यह बताए कि इतने वर्षों तक राजधानी की सीटों पर कब्जा रखने के बावजूद भी पटना शहर में जलजमाव की समस्या खत्म क्यों नहीं हुई? पंद्रह वर्षों की सरकार ने कोरोना काल में हर तबके को तबाह किया है। दुकानदारों से लेकर मजदूरों तक को परेशान किया गया। हर तबके को तमाम तरह के कष्टों से गुजरना पड़ा। चुनाव में अब ये सवाल पूछे जा रहे हैं। राजधानी की नाक के ठीक नीचे बस्तियों को पुल बनाने के नाम पर, स्मार्ट सिटी के नाम पर उजाड़ दिया गया। चितकोहरा की सभी झोपड़ियों को उजाड़ दिया गया। थोड़ी सी बारिश में चितकोहरा में जल जमाव हो जाता है। सड़कों को बंद कर दिया गया है। सभा को बगोदर विधायक विनोद सिंह ने भी संबोधित किया। पप्पू राय, दिलीप पासवान, सुखदेव पासवान, समता राय सहित सैंकड़ों की तादाद में दलित-गरीब मौजूद थे।

वहीं शाम को चितकोहरा में शशि यादव के कार्यालय का उद्घाटन माले महासचिव ने किया। इस अवसर पर उनके साथ पार्टी की नेता कविता कृष्णन, मुर्तजा अली, पुनीत, और महागठबंधन के अन्य दलों के नेता भी उपस्थित थे। संचालन जितेंद्र यादव ने किया। प्रत्याशी शशि यादव के पक्ष में शेखपुरा पासवान टोली, माली टोला, घंनघरिया टोल, राजाबाजार आदि इलाकों में सघन जनसंपर्क चलाया गया और माले प्रत्याशी के लिए वोट मांगा गया।

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