लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेतहाशा बढ़ती महिला यौन हिंसा और बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की घटनाओं के साथ भाजपा के बुल्डोजर राज के खिलाफ़ 10 मई को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ( AIPWA) भाकपा माले, इंकलाबी नौजवान सभा और छात्र संगठन आइसा ने संयुक्त रूप से प्रदेश भर में प्रतिरोध दिवस मनाते हुए “हल्ला बोल” मार्च निकाला और जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। राजधानी लखनऊ में भी परिवर्तन चौक से हल्ला बोल मार्च निकाला गया जिसे जिलाधिकारी कार्यालय तक जाना था लेकिन हाई कोर्ट चौराहे पर ही मार्च को रोक लिया गया। इस पूरे आक्रोश मार्च का केन्द्र बिंदु हाल ही में ललितपुर, अयोध्या, लखीमपुर, आगरा में घटी महिला हिंसा और बच्चियों के साथ बलात्कार की घटना के अलावा प्रदेश भर में लगातार घट रही गैंगरेप की घटनाओं और चंदौली जिले के मनराजपुर गाँव की निशा यादव की पुलिस की पिटाई से हुई मौत का मामला था।
लखनऊ में हुए इस हल्ला बोल मार्च की अगुवाई कर रही ऐपवा की लखनऊ जिला सह सचिव कमला गौतम ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का बुलंद नारा देने वाली भाजपा सरकार से हम पूछना चाहते हैं कि जब बेटियाँ बचेंगी ही नहीं तो कैसे पढ़ेंगी और कैसे आगे बढ़ेंगी और बेटियों की सुरक्षा के मामले में तो सबसे भयानक यह तस्वीर सामने आ रही है कि रक्षक ही भक्षक बन गए है, कहीं पुलिस ही बलात्कारी बन गई है जैसा कि ललितपुर जिले के पाली थाना में हुआ जब एक बलात्कार पीड़ित 13 वर्षीय बच्ची से बयान लेने के बहाने बंद कमरे में थाना इंचार्ज सहित 6 लोग उसका बलात्कार करते हैं तो कहीं पुलिस बेटी की जान ही ले लेती है जैसा चंदौली के मनराजपुर गाँव में हुआ जहाँ पिता की दबिश करने गई पुलिस को जब पिता नहीं मिला तो उसकी 22 साल की बेटी निशा को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी मौत हो गई और उस पर पुलिस की यह बेशर्मी सामने आती है कि अपने द्वारा की गई हत्या को आत्महत्या करार देने के लिए आनन फानन में उसके गले में फंदा डालकर लटका देती है।
पाँच मई को खीरी (लखीमपुर खीरी) के फरधान थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सूरज सराय गाँव के मामले को उठाते हुए कमला जी कहती हैं इस मामले को दबाया जा रहा है क्योंकि लगातार घट रही नाबालिगों से रेप की घटनाओं के कारण प्रदेश सरकार का सुशासन सवालों के घेरे में आ गया है। खीरी की घटना के बारे में वह बताती हैं कि 6 मई की सुबह-सुबह हमें खबर मिलती है कि फरधान थाना क्षेत्र के तहत आने वाले गाँव सूरज सराय गाँव में एक नौ साल की बच्ची को सोते हुए बलात्कारी उठा कर ले गया और एक सरकारी स्कूल में बंधक बना कर उसके साथ रेप किया। बलात्कारी की उम्र करीब 25 वर्ष बताई गई। बच्ची की हालत खराब होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वह बताती हैं हमारे संगठन को इस घटना की जानकारी मिली तो लखीमपुर खीरी की जिला अध्यक्ष आरती राय के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम फरधान के उस सरकारी अस्पताल पहुँची जहाँ बच्ची भर्ती थी। Fact finding टीम ने बताया कि बच्ची बेहद गरीब परिवार से है और उसके माता-पिता दोनों विकलांग हैं। कमला कहती हैं हमारी टीम ने पाया कि पुलिस दबाव के चलते पीड़िता के माता-पिता कुछ भी कहने से बच रहे थे। बहुत पूछने और सहयोग का भरोसा दिलाने के बाद उन्होंने केवल इतना बताया कि रेप करने वाला युवक उन्हीं के गाँव का है जो अभी फरार है। कमला गौतम कहती हैं बुल्डोजर की पैरोकार योगी सरकार से हम पूछना चाहते हैं कि क्या वे अब बलात्कारी, हत्यारी पुलिस के घरों पर भी बुल्डोजर चलवाने की हिम्मत करेगी?
लखनऊ में हल्ला बोल रैली का नेतृत्व कर रहे भाकपा माले के लखनऊ जिला सचिव रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि योगी सरकार का बुल्डोजर एक ख़ास किस्म के समुदाय और सरकार के विरोधियों पर टारगेट कर चलाया जा रहा है। प्रदेश में में लूट, हत्या, महिलाओं, नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार की लगातार घट रही घटनाएँ खासी चिन्ता का विषय बन गई हैं। पुलिस गुंडागर्दी पर उतर आई है। हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि जब कोई बलात्कार पीड़िता पुलिस पर भरोसा कर थाने न्याय की आस में जाती है तो, तो न्याय का भरोसा देने के बजाय थाने में उससे दुष्कर्म किया जाता है। वे कहते हैं हमारी माँग है कि चंदौली की घटना पर हत्यारी पुलिस पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज हो वहीं ललितपुर की बलात्कारी पुलिस वालों को भी त्वरित भाव से गिरफ्तार कर जेल भेजा जाये साथ ही महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ़ बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए विशेष प्रावधान बनाया जाये और जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशें लागू किया जाये।
उन्होंने कहा कि इस सरकार के बुल्डोजर राज में पुलिस बेलगाम हो गई है और उसका मनोबल इतना बढ़ गया है कि वह बड़े से बड़ा अपराध करने से चूक नहीं रही है। तो वहीं छात्र संगठन आइसा की नेता अंजली कहती हैं मनराजपुर में लड़की की जान गई है और जान पुलिस ने ली है। यह घटना हमें हाथरस घटना की याद दिलाती है। वह कहती हैं निशा की जघन्य तरीके से हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों के घर पर आखिर कब बुल्डोजर चलेगा? पुलिस को यह अधिकार किसने दे दिया कि दलबल के साथ वह गांव में पहुंचे और दबिश के नाम पर घर में घुसकर लड़कियों के साथ दरिंदगी शुरू कर दे। यूपी की डबल इंजन सरकार में अपराध का मीटर दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। आखिर ये राज्य को कहां लेकर जा रहे हैं। निशा यादव के हत्यारे पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीधे तौर पर हत्या का मामला दर्ज हो। योगी सरकार वाकई न्याय दर्शी है तो वह इस घटना की निष्पक्ष जांच कराए।”
इन पूरे घटनाक्रमों पर हमारी ऐपवा की राज्य अध्यक्ष और राज्य सचिव से भी बात हुई। चंदौली की घटना में जो जांच टीम गई थी उसमें aipwa राज्य सचिव कुसुम वर्मा भी शामिल थीं।
Aipwa की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में योगीराज-2 में बढ़ते अपराध पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। चन्दौली जिले की घटना ने योगी सरकार के खूनी चेहरे को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के ऊपर की जा रही हिंसा, हत्या और बलात्कार के जघन्य मामले में अपराधियों और बलात्कारियों को सजा नहीं मिल रही है बल्कि उल्टा योगी सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है।
कृष्णा अधिकारी ने कहा कि यूपी पुलिस कानून और संविधान की अवहेलना करते हुए निरंकुश हो चुकी है। मुख्यमंत्री लोकतंत्र को ध्वस्त करके यूपी को पुलिस स्टेट में तब्दील कर देना चाहते हैं लेकिन लोकतंत्र पसंद जनता ऐसा हरगिज नहीं होने देगी और न्याय के लिए जनता गोलबंद होकर सड़कों पर आंदोलन करेगी। कृष्णा अधिकारी ने कहा कि 80 और 20 की चुनावी राजनीति करके जनता में साम्प्रदयिक जहर भरने वाली भाजपा सरकार का बुलडोज़र अब गरीबों और महिलाओं के दमन के लिए घरों में घुस रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के इस मंसूबे को ऐपवा बर्दाश्त नहीं करेगी और महिला विरोधी बुल्डोजर राजनीति के खिलाफ जनांदोलन को खड़ा कर रही है।
ऐपवा राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने कहा की उत्तर प्रदेश में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। बिना किसी शिकायत पुलिस घरों के अंदर घुसकर बेटियों को मार रही है उनकी हत्या कर रही है क्योंकि पुलिस को सरकार का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली भाजपा सरकार का असली चेहरा यह है कि यूपी में पुलिस को बेटियों के साथ हिंसा, हत्या और बलात्कार करने की खुली छूट मिली है और कोई सुनवाई भी नहीं है इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा का बेटी बचाओ का नारा झूठा है मुख्यमंत्री योगी बेटियों को नहीं यूपी पुलिस को बचाना चाहते हैं।
कुसुम वर्मा ने कहा कि चंदौली मामले में जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि – गुंडों की बेटियों को सबक सिखाने के नाम पर बेटियों की बेरहमी से पिटाई और हत्या की गई। यह हक पुलिस को कैसे हो सकता है? यह पुलिस का पुरुष सत्तात्मक सामंती घटिया मानसिकता की अमानवीय कार्रवाई है जिसमें आपसी रंजिश- पारिवारिक झगड़े और गुस्से का हल महिलाओं के ऊपर हिंसा करके निकाला जाता है- और यही यूपी में योगी सरकार की महिलाओं के प्रति न्याय की मानसिकता को दर्शाता है जिसे इस सरकार का पूरा संरक्षण मिला है। चंदौली की घटना पर पुलिस द्वारा की जाने वाली जाँच पर अविश्वास जताते हुए वे कहती हैं कि हमें पुलिस की जांच पर कतई भरोसा नहीं है। मामले की जांच हाईकोर्ट के जज करेंगे, तभी सच सामने आएगा।”
ऐपवा ने अपील की है की चन्दौली हत्याकांड के 10 दिन हो जाने के बाद भी अभी तक दोषी पुकिसकर्मियों की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है इसलिए हाईकोर्ट से निष्पक्ष इस केस की जांच की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
यह विरोध-प्रदर्शन लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मथुरा, मुरादाबाद,भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, चन्दौली, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, बस्ती, देवरिया, गोरखपुर, महाराजगंज आदि जिलों में सफलतापूर्वक हुआ।
(लखनऊ से सरोजिनी बिष्ट की रिपोर्ट।)
+ There are no comments
Add yours