ग्राउंड रिपोर्ट: सीएम योगी के दावों के विपरीत चंदौली में मुंह के बल गिरी हेल्थ एटीएम सुविधा

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चंदौली। उत्तर प्रदेश में साल 2022 के अंतिम महीनों से ही हेल्थ एटीएम मशीनें इंस्टाल होने लगी थीं। गोरखपुर में वर्ष 2023 के दिसंबर माह में 19 हेल्थ एटीएम का उद्घाटन करते हुए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि “हेल्थ एटीएम और टेली कंसल्टेशन जैसी टेक्नोलॉजी से सुदूर क्षेत्र में बैठा व्यक्ति भी देश-दुनिया के प्रख्यात अस्पतालों या डॉक्टरों से जुड़कर, अपनी जांच रिपोर्ट भेजकर परामर्श ले सकता है। हेल्थ एटीएम से 62 प्रकार की जांच हो सकती है। प्रदेश के प्राथमिक, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों के लिए हेल्थ एटीएम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे जांच कराकर लोग टेली कंसल्टेशन से दिल्ली-मुंबई के चिकित्सकों की सेवा ले सकते हैं।”

बरहनी पीएचसी में बंद पड़ी व धूल फांक रही हेल्थ एटीएम मशीन

मुख्यमंत्री योगी के दावे और हेल्थ एटीएम की सुविधा का लाभ ग्राउंड पर जरूरतमंद\मरीजों की किस प्रकार मिल रहा है। इसकी पड़ताल करने के लिए “जनचौक” शुक्रवार को चंदौली जनपद के बरहनी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और जिला मुख्यालय के नजदीक पुलिस अधीक्षक के आवास से सटे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंदौली का रियल्टी चेक किया।

इस पड़ताल में कई चौंकाने वाले कई तथ्य उजागर हुए। मरीजों ने कहा कि एटीएम की सुविधा लाभ उन्होंने कभी नहीं लिया, कुछ सुदूर ग्रामीणों को तो पता ही नहीं, हेल्थ एटीएम किस प्रकार की जांच करती है, उन्हें कोई जानकारी ही नहीं है, और ना ही कोई देने वाला मिला। मशीन के बंद होने से मरीजों को 50 प्रकार की जांच से वंचित होना पड़ रहा है।.….पेश है पवन कुमार मौर्य की ग्राउंड रिपोर्ट।

सीन-1

बरहनी पीएचसी पर फांक रहा हेल्थ एटीएम

विधानसभा सैयदराजा क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहनी में शुक्रवार की सुबह नौ बजे जनचौक की टीम पहुंची। यहां कक्ष संख्या-3 में हेल्थ एटीएम मशीन का शोकेट जरूर बिजली आपूर्ति बोर्ड से जुड़ा है, लेकिन हेल्थ एटीएम मशीन बंद मिली। आयुष के चिकित्सक डॉ त्यागी अपनी ओपीडी में मरीजों का इलाज करते हुए मिले।

बरहनी पीएचसी

उन्होंने बताया कि “मेरी ओपीडी में ही एक किनारे हेल्थ एटीएम लगा है। यह मशीन जब से लगी है, तब से कुछ ही दिनों बाद सर्विस देना बंद कर दी। यहां ओपीडी के एक कोने में पड़ी हुई है। इस मशीन से लिपिड प्रोफ़ाइल, ब्लड, शुगर, ईसीजी और कोलेस्ट्रॉल समेत कई जांच होती है, लेकिन फिलवक्त नहीं हो पा रही है। हमारे पीएचसी पर इसे चलाने के लिए इंटरनेट की उपलब्धता और एक्सपर्ट ऑपरेटर की नियुक्ति नहीं है, इससे अधिक असुविधा होती है। बरहनी पीएचसी में रोजाना 60 से 70 मरीज आ रहे हैं।

इसके बाद बरहनी पीएचसी पर अपनी पत्नी पूनम की डिलेवरी के लिए आये अदशण गांव के ओमप्रकाश मिले। इन्होंने जनचौक को बताया कि “मुझे जांच के लिए बाहर ही भटकना पड़ा। इसके लिए मुझे अधिक रुपए खर्च करने पड़े। ब्लड आदि की जाँच अस्पताल परिसर में ही हुआ है। मसलन, यह मशीन 40 से अधिक जांच करती है, तो मेरे काफी पैसे व समय बच गया होता। मैं तो बाहर से जरूरी जांच करा लिया हूं, लेकिन इस मशीन को जल्द से जल्द एक्टिव कराना जरूरी है ताकि, अन्य लोगों को परेशान नहीं होना पड़े।”

सीन- 2

चंदौली पीएचसी पर कबाड़ बन चुका है हेल्थ एटीएम

बरहनी पीएचसी के बाद जनचौक की टीम तकरीबन सुबह 11.30 बजे बरहनी से 25 किमी दूर चंदौली पीएचसी पहुंची। यहां ओपीडी की पर्ची हाथ में लेकर अस्पताल परिसर में जांच के लिए भटकती हुईं मचिया कला गांव की पचास साल की कलावती देवी मिलीं। कलावती ने बताया कि “मैं सुबह का ही अस्पताल में आई हूं, यह समय हो गया अभी आधा-अधूरा ही दवा मिल पाया है। कोई जांच भी नहीं हुई है। शुगर, हाइपरटेंशन, पैर में बेजोड़ दर्द और गैस के रोग से मेरा जीना दूभर हो गया है।” चंदौली पीएचसी में रोजाना 110 से 120 मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं।

कलावती का बीपी जांचने के लिए बेल्ट पहनता कर्मी

कलावती परेशानी बताने के क्रम में ओपीडी के ठीक सामने और पर्ची काउंटर से सटा हेल्थ एटीएम लगा है। उनको हेल्थ एटीएम मशीन की ओर दिखाकर, यह पूछने पर कि- यह मशीन 40 से अधिक प्रकार की जांच करती है, आपकी जांच क्यों नहीं हो रही है? वह बताती हैं कि-नहीं भैया इस मशीन पर मेरी कोई जाँच नहीं हुई है।”

कलावती की पर्ची पर लाल घेरे में सिर्फ एक जाँच

कलावती से हेल्थ एटीएम की सेवा और उनकी परेशानी के बारे में बातचित सुनकर, पास के पर्ची काउंटर से एक अस्पताल कर्मी भागकर कलावती के पास आता है। बिना पूछ ही उनकी पर्ची लेकर हेल्थ मशीन पर उन्हें खड़ा होने को कहता है और उनके हाथ में ब्लड प्रेसर बेल्ट पहनाकर रीडिंग लेकर पर्ची पर पेन से अंकित करता है। इसके बाद वह कलावती को बिना कुछ बताया वापस चला जाता है।

हेल्थ एटीएम में 50 से अधिक जांच, लेकिन मरीज परेशान

हेल्थ एटीएम से शरीर की स्क्रीनिंग, बॉडी वेट, बीएमआई, बीएमआर, बोन मास, बॉडी फैट, बॉडी वाटर, फैट फ्री वेट, प्रोटीन, मेटाबॉलिक एज, हेल्थ स्कोर, हाइट, ब्लड प्रेशर, spo2प्लस, बॉडी टेंपरेचर, शुगर, हिमोग्लोबिन, कोविड-19 एंटीजन व एंटीबॉडी, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस बी व सी, ब्लड-ग्रुपिंग, प्रेगनेंसी, एचआईवी l व ll, माइक्रोएल्बुमिन, क्रिएटिनिन, ग्लूकोस, बिलरुबिन, ब्लड-पीएच, प्रोटीन, नीट्राइट,ल्यूकोसाइट के साथ-साथ डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड विद ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन, लिपिड प्रोफाइल-एचडीएल, एलडीएल, टोटल कोलेस्ट्रॉल, टीसी/एचडीएल रेशियो, कंप्रिहेंसिव हेल्थ प्रोफाइल डाटा एनालिसिस इत्यादि जांचे होती थीं, लेकिन इनदिनों चंदौली जनपद के हजारों मरीजों को मशीन का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

वारंटी के बाद भी कोई सुनवाई नहीं

चंदौली पीएचसी प्रभारी डॉ. प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि “10 अक्टूबर 2022 को हेल्थ एटीएम हमारे पीएचसी परिसर में लगाया गया था। लगने के दो-तीन महीने में ही मशीन ख़राब होनी शुरू हो गई। सबसे पहले इसकी स्ट्रिप ही ख़त्म हो गई। यह स्ट्रिप सिर्फ हेल्थ एटीएम मशीन के कंपनी की ही लगेगी, बाहर की नहीं लगती है। स्ट्रिप पर शुगर, एचबी, एमपी (मलेरिया) व पेशाब आदि की जांच होती है।”

बरहनी पीएचसी में अपनी पत्नी की जांच रिपोर्ट का इंतजार में कमलेश

डॉ. प्रेम प्रकाश उपाध्याय आगे बताते हैं “स्ट्रिप के बाद मशीन का प्रिंटर ख़राब हो गया। फिर स्क्रीन यानि एलसीडी भी बेकार हो गई और किसी भी प्रकार की डिटेल्स दिखानी बंद कर दी। इन समस्याओं की सूची महीने भर जिला स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। साथ हेल्थ एटीएम लगाने वाली कंपनी को भी बताया गया है। लेकिन अभी तक हेल्थ एटीएम की मरम्मत नहीं हो सकी है। जबकि, हेल्थ एटीएम मशीन की वारंटी 22 अक्टूबर 2022 है।”

इन दिनों आ रहे दो से तीन गुणा मरीज

संयुक्त जिला अस्पताल चंदौली ओपीडी में तैनात डॉ संजय कुमार ने “जनचौक” को बताया कि “पहले की तुलना में इन दिनों दो से तीन गुणा मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इसमें साठ फीसदी मरीज वायरल बीमारियों से पीड़ित हैं तो वहीं, चालीस फीसदी में त्वचा, सांस, दर्द, जोड़ों- पेशियों में दर्द, नेत्र रोग, हड्डी, बुखार, शुगर लो-हाई और भूख-कमजोरी के मरीज हैं।” ऐसे में जो मरीज ज्यादा परेशान हैं या उन्हें दवा से आराम नहीं मिल रहा है। इनको जांच के लिए पर्ची लिखा जा रहा है।”

जिला अस्पताल की ओपीडी में इलाज करते डॉ संजय कुमार

मोटा मुनाफा कमा रहे प्राइवेट टेस्ट सेंटर संचालक

इन दिनों जिला अस्पताल, सीएससी, पीएचसी में जांच के लिए प्रत्येक विभाग में बेहताशा मरीजों व उनके तीमारदारों की भीड़ उमड़ रही है। इमरजेंसी केस को छोड़कर सामान्य मरीजों की जांच रिपोर्ट अगले दिन दिया जाता है। ऐसे में सीएम योगी की महत्वकांक्षी स्वास्थ्य सेवाओं में शुमार हेल्थ एटीम से हजारों मरीजों की जांच निःशुल्क और अधिकतम 50 से 40 मिनट में हो जाती, लेकिन चंदौली जनपद में लगे कुल 9 हेल्थ एटीम में से अधिकर के पार्ट-पुर्जे ख़राब, स्ट्रीप की किल्लत, इंटरनेट का अभाव और ऑपरेटर की कमी का खामियाजा रोजाना मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इतना ही बीमारी से परेशान मरीज जल्दबाजी के लिए महंगे दाम पर निजी सेंटरों पर जांच कराने को विवश हैं। बेकार हो चुके हेल्थ एटीएम अस्पताल परिसर में पड़े धूल फांक रहे हैं, तो वहीं जांच के लिए प्राइवेट टेस्ट सेंटर संचालक मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

मरीजों की ढीली हो रही जेब

चंदौली जिले के सीएचसी-पीएचसी अस्पतालों में इंस्टाल हेल्थ एटीएम मशीन हाथी के दांत बने हुए हैं। तकरीबन डेढ़ सालों दरम्यान महज 300 ही जांच हो सकी है। स्ट्रिप की कमी से अधिकांश स्थानों पर मशीन से जांच नहीं हो रही है। इससे मरीज दर-दर भटकने को विवश हैं। पैथालाजी से महंगी जांचें कराने पर जेब ढीली हो रही वो अलग। गौरतलब है कि चंदौली जनपद में आठ सीएचसी-पीएचसी में जांच की सुविधा के लिए सांसद-विधायक निधि से 37.89 लाख रुपए की लागत से हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं। तमाम प्रकार की जांच मिनटों में होने की सुविधा है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से मशीन काम नहीं कर रही हैं। इससे परेशानी हो रही है। नौगढ़, सदर, शहाबगंज व धानापुर में लगे हेल्थ एटीएम शोपीस या बेकार पड़े हैं।

जिला अस्पताल के जांचघर के सामने रिपोर्ट और जाँच के लिए लगी भीड़

हेल्थ एटीएम की कीमत 4.21 लाख

मिली जानकारी के मुताबिक हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड द्वारा निर्मित संपूर्ण सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्थापित एक हेल्थ परीक्षण मशीन की कीमत 4.21 लाख रुपये है। ऐसा लगता है कि बंद पड़े हेल्थ एटीएम की दुर्दशा पर किसी ध्यान नहीं है। जिला संयुक्त चिकित्सालय व पीएचसी चकिया, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैढ़ी, भोगवारा व राजकीय महिला चिकित्सालय पीडीडीयू नगर में मशीनें नहीं लगी है।

जल्द ही सुधार कराये जाने का आश्वासन

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाईके राय के अनुसार “सभी हेल्थ एटीएम को चालू हालत में रखने के लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। स्ट्रिप की उपलब्धता और तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए संबन्धित कंपनी को अवगत कराया गया है। जल्द ही उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी।”

एक मुख्यमंत्री के बड़े-बड़े दावे और दूसरी तरफ मशीन की विफलता। ऐसी दशा में बड़ा सवाल यह है कि जिस हेल्थ एटीएम मशीन की सुविधा और इसकी रिपोर्ट देश के बड़े चिकित्सकों को भेजकर प्रदेश के मरीज (टेली कंसल्टेशन) परामर्श-इलाज का लाभ उठाते कि, यह हेल्थ एटीएम सुविधा उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में मुंह के बल गिर पड़ी है।

जिला अस्पताल चंदौली में मरीजों की भीड़

रोजाना सैकड़ों की तादाद में मरीजों के जांच के परेशान होने से योजना की सफलता पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। इसके साथ हेल्थ एटीएम प्रभारी अधिकारी द्वारा महीने भर मशीन में खराबी व स्ट्रिप की मांग की जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होना भी स्वास्थ्य विभाग, जिम्मेदार कंपनी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता समझ से परे हैं।

नागरिकों के टैक्स से प्रदेश भर में करोड़ों रुपए खर्च कर लगाई गई मशीनें चंद महीनों में ख़राब क्यों हो रही हैं ? जब नागरिकों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में प्रदेश स्तर पर हेल्थ एटीएम मशीन सुविधा की समीक्षा हो और जिम्मेदार कंपनी को लापरवाही के लिए तलब कर कार्रवाई की जाए।

(पवन कुमार मौर्य चंदौली\वाराणसी के पत्रकार हैं)

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