Saturday, April 20, 2024

कानून टालने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेता आज सुनाएंगे फैसला

आज किसान आंदोलन का 57वां दिन है। किसान यूनियन के नेताओं की केंद्र सरकार के साथ कल हुई बैठक के बाद आज सिंघु बॉर्डर पर दोपहर को किसान नेताओं की बैठक हुई है। इसके बाद शाम पांच बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। बता दें कि कल बैठक में सरकार ने कृषि कानूनों को एक साल तक टालने का प्रस्ताव रखा है, जिसके बाद कोई अहम निर्णय निकल सकता है। 22 जनवरी को फिर होने वाली बैठक में किसान नेता केंद्र सरकार के फैसले पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे।

उधर, कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी आज किसान संगठनों के साथ पहली बैठक करेगी। तीन सदस्यीय कमेटी ने कहा है कि जो किसान नहीं आएंगे, उनसे खुद मिलने भी जाएंगे। इसके अलावा ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनाया गया है, जिस पर 15 मार्च तक किसानों के सुझाव लिए जाएंगे।

वहीं 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर योगेंद्र यादव का कहना है कि हरियाणा, दिल्ली और यूपी पुलिस से किसानों की बैठक हो रही है, हमें उम्मीद है कि गणतंत्र दिवस की रैली बिल्कुल होगी।

इस बीच किसान नेताओं ने कहा है कि वो 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली जरूर निकालेंगे। बता दें कि इसके खिलाफ केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रैक्टर रैली या किसी प्रदर्शन के खिलाफ सरकार की अर्जी पर कोई आदेश जारी नहीं करेंगे। इस बारे में पुलिस को फैसला लेने दें।

कोर्ट के आदेश के बाद आज ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों से बात करने के लिए दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एसएस यादव सिंघु बॉर्डर के पास एक रिजॉर्ट में पहुंचे।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।