यूपी:भाजपा-बसपा छोड़ सपा में जाने की मची होड़

किसी चुनाव से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने के लिये दूसरे दलों के नेताओं, और दलों को अपने पाले में लाने का जो खेल अब तक भाजपा दूसरे दलों पर खेलती आ रही थी वही खेल उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ शुरू हो गया है। कई भाजपा नेता योगी की नाव डूबने से पहले ही सुरक्षित ठिकाने की तलाश में दूसरे दलों में जाने लगे हैं। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी फिलहाल दल बदलुओं के लिये हॉट केक बना हुआ है।

अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में बसपा के आठ बाग़ी विधायक, चार विधायकों वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, कांग्रेस के एक पूर्व विधायक और पूर्व सांसद के अलावा बीजेपी के एक विधायक अपनी पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये थे। 28 अक्टूबर को एक बड़ी जनसभा में विधान सभा के चार विधायकों वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव को राजभर समाज का वोट दिलाने की क़सम खाई और पश्चिम बंगाल की तर्ज़ पर “खेला होबे” के नारे से मिलता हुआ “खदेड़ा होबे” का नारा दिया।

भाजपा की सहयोगी पार्टी के अपने पाले में लाने से गदगद अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने पूर्वांचल में, “भाजपा के लिए दरवाज़ा बंद कर दिया है और सपा ने उस पर सिटकनी लगा दी है। ” गौरतलब है कि तमाम राजनीतिक विश्लेषक पूर्वांचल में कई सीटों पर भाजपा को इस गठबंधन से नुक़सान पहुँचने की बात कह रहे हैं।

वहीं आज 9 नवंबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व और समाजवादी पार्टी की नीतियों पर आस्था जताते हुए भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा और जनता दल लोकतांत्रिक के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने वर्ष 2022 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सभी को पार्टी की सदस्यता दिलाई और उम्मीद जताई कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी यशवंत सिंह के साथ फतेह मोहम्मद, नंदलाल पटेल, धीरेन्द्र राय, कपिल खरवार, रामजन्म पटेल, दीप नारायण पटेल, जवाहिर अगरिया, राम कुमार खरवार, गोपाल गूजर, नारायण बियार सहित 35 लोग सपा में शामिल हुए। जनता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष राम भरोसे सिंह ने भी समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने अपने अब तक के कार्यकाल में प्रदेश में सिर्फ अव्यवस्था और अराजकता फैलाने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं किया है। उसका आचरण और प्रकृति दंगाई किस्म का है। नफ़रत का तानाबाना फैलाने के साथ समाज को बांटने और विभाजनकारी प्रवृत्तियों को बढ़ाने में ही भाजपा लगी रहती है। झूठ के लिए ही उसका मंथन, निरन्तर चलता रहता है।

इससे पहले शनिवार 30 अक्टूबर को बसपा के 6 बाग़ी विधायक समाजवादी से जुड़े। असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली चौधरी (धौलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीक़ी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हंडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), और सुषमा पटेल (मुंगरा-बादशाहपुर) अब बसपा छोड़ समाजवादी पार्टी में अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे हैं। साथ में भारतीय जनता पार्टी के सीतापुर से विधायक राजेश राठौड़ ने भी सपा की सदस्यता ली। सपा से जुड़ रहे नेताओं ने हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा के उपसभापति के चुनाव में सपा के प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा को वोट दिया था।

दरअसल शुक्रवार 29 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में भाजपा के सदस्यता अभियान की शुरुआत करते हुए नारा दिया “मेरा परिवार, भाजपा परिवार।” इसके ठीक अगले ही दिन उस परिवार के एक सदस्य और भाजपा के सीतापुर सदर से विधायक राकेश राठौड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। जिस पर चुटकी लेते हुये अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को अपना नारा बदल कर, “भाजपा परिवार भागता परिवार” कर लेना चाहिए।

इससे पहले 24 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष रविवार को बस्ती से ब्लाक प्रमुख बहादुरपुर राम कुमार अपने सैकड़ों साथियों के साथ भाजपा छोड़कर सपा की सदस्यता ग्रहण की। समाजवादी पार्टी की नीतियों व अखिलेश यादव के नेतृत्व में आस्था जताते हुए रायबरेली के भाजपा नेता व पूर्व विधायक शिव गणेश लोधी के पुत्र राहुल लोधी के साथ रामऔतार, अजय कुमार शुक्ल, उमाशंकर लोधी, राजेश कुमार त्रिपाठी साथियों सहित सपा में शामिल हुए। रायबरेली स्थित न्यू स्टैंडर्ड ग्रुप ऑफ स्कूल के प्रबंधक डा. शशिकांत शर्मा अपने समर्थकों डा. अरुण चौधरी, डा. एसके पांडेय, डा. नीरज सिंह, शीला सिंह, अजीत चौधरी कन्नौजिया, मो. असद, अमरजीत सिंह के साथ सपा में शामिल हुए। राहुल विश्वकर्मा सदस्य जिला पंचायत महराजगंज बसपा छोड़ शामिल हुए।

इससे पहले 3 अक्टूबर को रविवार को पूर्व सांसद तथा बसपा के राष्ट्रीय महासचिव वीर सिंह एडवोकेट (मुरादाबाद), पूर्व विधायक अजीम भाई (फिरोजाबाद) तथा प्रमुख समाजसेवी एवं (भाजपा) युवा क्षेत्रीय मंत्री विनोद मिश्र (जौनपुर) ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

1 अक्टूबर को पूर्व सांसद रिजवान जहीर और उनकी बेटी जेबा रिजवान ,राम प्रकाश कुशवाहा, पूर्व विधायक, घाटमपुर (बसपा), पूर्व जिलाध्यक्ष रीता कुशवाहा (बसपा), विनोद चतुर्वेदी (कांग्रेस के पूर्व विधायक) और उनके कई सहयोगी, मनोज तिवारी (कांग्रेस), सागर शर्मा और उनके 15 साथी (कांग्रेस) अपना दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओंकार सिंह, भाजपा के पिछड़ा वर्ग विंग के अध्यक्ष अरुण कुमार मौर्य ने सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।

भारतीय जनता पार्टी के सात विधायक और बसपा के छह विधायक लगातार समाजवादी पार्टी के संपर्क में हैं। भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में खुद को असहज महसूस करने वाले कई विधायक और कई नेता कहते हैं कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है। इन नेताओं का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी में उनकी सुनी नहीं जा रही है। जब अपने क्षेत्र की जनता की आवाज ऊपर तक पहुंचाने की कोशिश करते थे तो उनको दरकिनार कर दिया जाता था। इन विधायकों का कहना है कि विधानसभा के चुनाव में वह अपनी जनता के पास किस मुंह से जाएंगे। क्योंकि उनकी समस्याओं का समाधान तो हुआ ही नहीं। ऐसे में उनके पास दूसरी पार्टी में जाने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

सुशील मानव
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