6 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए मोदी सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर पावर ग्रिड कॉरपोरेशन तक सब बेच देगी

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केंद्र की मोदी सरकार देश में बुनियादी ढांचे से जुड़ी सरकारी संपत्तियों को बेचकर या उनमें विनिवेश करके करीब 6 लाख करोड़ रुपये जुटायेगी। इसके लिए देश के राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर पावर ग्रिड कॉरपोरेशन और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया जैसी सरकारी कंपनियों की संपत्तियों का मोनेटाइजेशन (Monetization) किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में एलान किया था कि देश में पहले से मौजूद सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी संपत्तियों को बेचकर या उनके विनिवेश के जरिए काफी पैसे जुटाए जाएंगे, जो नई बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए फंड जुटाने का एक बड़ा जरिया होने वाला है। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सराकरी संपत्तियों को बेचकर धन जुटाने की इस योजना को उन्होंने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन का नाम भी दिया था। अब उसकी विधिवत घोषणा कर दी गयी है।

सरकार ने 24 अगस्त को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च कर दिया। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके तहत वित्त वर्ष 2022 से 2025 तक 6 लाख करोड़ रुपये के एसेट्स (Assets) बेचे जा सकते हैं। इसमें सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन एवं नेचुरल गैस, सिविल एविएशन, शिपिंग पोर्ट्स एंड वॉटरवेज, टेलिकम्युनिकेशन, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, माइनिंग, कोल और हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालयों से जुड़े एसेट्स (Assets) शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को लॉन्च किया। उन्होंने साफ किया कि सरकार केवल अंडर-यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही बेचेगी। इसका हक सरकार के पास ही रहेगा और प्राइवेट सेक्टर के पार्टनर्स को तय समय के बाद अनिवार्य रूप से वापस करना होगा। उन्होंने कहा कि हम कोई जमीन नहीं बेच रहे हैं। नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन में ब्राउनफील्ड एसेट्स की बात कही गई है जिन्हें बेहतर ढंग से मोनिटाइज करने की जरूरत है। निजी भागीदारी से हम इन्हें बेहतर ढंग से मोनीटाइज कर रहे हैं। मोनेटाइजेशन से मिलने वाले संसाधनों को इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग में निवेश किया जाएगा।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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