राज्यसभा में विपक्षी महिला सांसदों पर पुरुष मॉर्शल से करवाए गये हमले पर प्रतिक्रिया देते हुये राष्ट्रीय जनता दल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया है कि “बिहार विधानसभा में जो कुकर्म 23 मार्च 2021 को विपक्षी विधायकों के साथ हुआ वही आज राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के साथ भी हुआ!
गोडसे के वंशज, हिटलर के अनुयायी जहाँ भी सत्ता में रहेंगे, चाहे वह बिहार में हों या केंद्र में, गुंडागर्दी, मारपीट, जासूसी और देश बेचने का काम ही करेंगे! “
“राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई।” उपरोक्त आरोप लगाया है कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने।
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुये कहा है, “देश की संसद व इसके उच्च सदन राज्यसभा में गत दिनों सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध में जो कुछ हुआ वह अति दुर्भाग्यपूर्ण। मैंने अपने लम्बे संसदीय जीवन में बहुत बार सत्ता व विपक्ष के बीच तीखी तकरार, तनाव व तीव्र विरोध आदि देखे हैं किन्तु संसद में अब जैसा दृश्य कभी नहीं देखा है।”
राज्यसभा में महिला मार्शल के साथ दुर्व्यवहार के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “किसी ने बदतमीजी नहीं की। राज्यसभा टीवी आपके पास है तो आप कुछ भी दिखा सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जो सरकार कहती है अगर आप उसी को सच मान लें तो ठीक है। हम तो वहां देखे हैं, राज्यसभा के सभी सदस्यों ने देखा है। फुटेज को आप क्या-क्या कर सकते हैं सबको मालूम है। वहां फोर्स आई कैसे? इतने नॉर्मल मार्शल्स तो वहां नहीं थे और इतनी महिलाएं भी नहीं थीं।”
शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “राज्यसभा में बीते दिन मार्शल लॉ लगाया गया, ऐसा लग रहा था कि हम पाकिस्तान की सीमा पर खड़े थे। सरकार हर दिन लोकतंत्र की हत्या कर रही है, हम इस सरकार के ख़िलाफ़ लड़ते रहेंगे।”
शिवसेना सांसद संजय राउत के मुताबिक, जब राज्यसभा में बिल पास हो रहा था, तब मार्शल को बुलाया गया। क्या हमें डराना चाहते हैं? विपक्ष पूरी तरह से एकजुट है, 20 अगस्त को सोनिया गांधी कांग्रेस शासित राज्यों से बात करेंगी। उद्धव ठाकरे भी इस बैठक में शामिल होंगे।
इससे पहले कल रात एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एएनआई से कहा था कि “अपने 55 साल के संसदीय करियर में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा जिस तरह से आज (राज्यसभा में) महिला सांसदों पर हमले हुए हैं। 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया। यह दर्दनाक है। यह लोकतंत्र पर हमला है।”
तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कल की घटना के बाद ही कहा कि-“सेंसरशिप RSTV बद से बदतर। मोदी-शाह की क्रूर सरकार अब राज्यसभा के अंदर सांसद के विरोध को विफल करने के लिए “जेंडर शील्ड्स” का उपयोग कर रही है। महिला सांसदों के लिए पुरुष मार्शल। पुरुष सांसदों के सामने तैनात महिला मार्शल। (कुछ विपक्षी सांसद सबूत के लिए वीडियो शूट कर रहे हैं)
उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा था कि “मोदी-शाह गुजरात मॉडल अब दिल्ली में सही मायने में ठीक है, शाम 6.15 बजे 11 अगस्त।
जो राज्य सभा आपको नहीं दिखा रहा है। अब, सदन में सांसदों की तुलना में अधिक सुरक्षा गार्ड हैं क्योंकि सरकार बीमा विधेयक को बुल्डोज़ करने की कोशिश करती है।”
वहीं राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने जनाधार की हूल दिखाते हुये विपक्ष को गुनाहगार बता दिया। उन्होंने कहा कि “विपक्ष को जनता ने बार-बार सबक सिखाया है, एक बार फिर जनता उन्हें सबक सिखाएगी। ये डर रहे हैं जिस प्रकार से इन्होंने स्टाफ पर हमला किया, उस कार्रवाई से डरकर ये हमें धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं दिल्ली में सार्वजनिक मंच से “गोली मारों सालों को” नारे लगवाने वाले भाजपा सरकार के मंत्री अनुराग ठाकुर ने उल्टा चोर कोतवाल को डाटे वाली तर्ज पर पीड़ित महिला सांसदों पर ही आरोप धर दिया। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस की महिला सांसदों ने सदन में महिला सुरक्षा अधिकारियों को गले से पकड़ने का काम किया। भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन उसे शर्मसार करने का काम कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और AAP पार्टी ने किया है।”
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