चंदौली। उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में डेंगू के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं। चंदौली जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉ. पीके शुक्ला ने गुरुवार को “जनचौक” को बताया कि वर्ष 2022 में रैपिड किट से 174 जांच के बाद टेस्ट एलिसा टेस्ट में105 में कुल डेंगू के मरीज 69 मिले।
वर्ष 2023 में रैपिड किट से 45175 जांच के बाद 251 और साल 2024 में 10 अक्टूबर तक 885 रैपिड जांच के बाद 38 एलिसा टेस्ट में कुल 12 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें से तीन डेंगू मरीज चंदौली के और एक अलीनगर का है।
बहरहाल, अब प्रश्न उठना लाजमी है कि ये 12 डेंगू से पीड़ित मरीज कहां हैं? किस हालत में इलाज करा रहे हैं? निजी अस्पतालों में लुट रहे हैं या झोलाछाप चिकित्सकों के चंगुल में फंसे हैं।
गुरुवार को जिला मलेरिया अधिकारी मुताबिक कुल 12 मरीज हैं, लेकिन जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में ताला लटकता मिला। इस बारे में जब सवाल पूछा गया तो डीएमओ ने कहा कि एक- दो दिन में ताला खुलवाता हूं।
जिले में वर्षवार डेंगू के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है और डेंगू वार्ड पर ताला लटक रहा है। इससे जानलेवा कही जाने वाली बीमारी डेंगू के प्रति जनपद के स्वास्थ्य विभाग का लापरवाही सहज ही उजागर हो रही है।
पूर्वांचल समेत चंदौली में जल जमाव, गंदगी और मौसमी उलटफेर से नागरिकों का स्वास्थ्य हर मोर्चे पर ढेर हो रहा है। कमोबेश सभी के घर में सर्दी-जुकाम व वायरल से लोग पीड़ित हैं, और अस्पतालों में वायरल पेशेंटों की लंबी कतार लग रही है।तिसपर डेंगू की मार से बेजार कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 95, चंदौली में 12, मिर्जापुर में 109, सोनभद्र में 13, आजमगढ़ में 150, गाजीपुर में 30, मऊ में 25, बलिया 117 और कालीन नगरी भदोही आदि जिलों के अस्पतालों में पर्ची काउंटर से लेकर ब्लड जांच सेंटर पर भारी भीड़ उमड़ रही है।
वार्ड व बेड भरे होने के चलते मरीजों को भर्ती कराने के लिए तीमारदारों को काफी भागदौड़ करनी पड़ रही है। वाराणसी जिला मलेरिया अधिकारी के मुताबिक बुधवार तक दो के बढ़ने से डेंगू पीड़ितों की संख्या सौ के पार हो चुकी है।
स्मार्ट सिटी में डेंगू पर कारगर रोक नहीं
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 95 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें से सबसे अधिक मरीज लंका, सामने घाट, सीर गोवर्धन और पांडेयपुर से है। मलेरिया विभाग की टीम ने अब तक 48692 घरों में सर्चिंग अभियान चलाकर लार्वा को नष्ट और फॉगिंग करने का काम किया है।
डेंगू की चपेट में आने वाले अधिकतर पेशेंट शहरी इलाकों से हैैं। यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि सभी सुविधाओं से लैस स्मार्ट शहर में डेंगू के आतंक पर कारगर तरीके से रोक क्यों नहीं लगाई जा सकी है?
एक ही परिवार के चार लोग डेंगू पीड़ित
गाजीपुर में अब तक 30 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। गुरुवार को दो डेंगू के दो मरीज मिले। एक शहर तो एक मरीज करंडा क्षेत्र के रहने वाले हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू वार्ड में तीन मरीजों को भर्ती कर उपचार चल रहा है। कुछ दिन पूर्व ही लालदरवाजा इलाकेे में एक ही परिवार के चार लोग डेंगू पीड़ित मिले थे।
स्वास्थ्य विभाग लोगों से जागरूक होने के साथ एहतियात और सतर्कता बरतने की अपील कर रहा है, जिससे वह डेंगू और संक्रामक बीमारियों के चपेट में आने से बच सके।
बीते एक माह में 109 डेंगू के मरीज
मिर्जापुर जिले में बीते एक माह में 109 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इलाज के बाद ठीक होने पर 94 मरीजों की डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं, सात मरीजों की हालत गंभीर होने पर हायर सेंटर रेफर किया गया है।
वर्तमान में 13 से मरीज मंडलीय अस्पताल में भर्ती है, जहां उनका उपचार चल रहा है। डेंगू को लेकर पहले से ही अस्पताल में 30 बेड का वार्ड बनाया गया है।
एक संदिग्ध डेंगू पीड़ित रामललित की मौत
सोनभद्र जिले में अब तक डेंगू के 13 मरीज मिले हैं। इसमें एक संदिग्ध डेंगू पीड़ित रामललित की मौत हो गई है। जिले में साल दर साल डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इस साल भी निजी अस्पतालों से लेकर सरकारी अस्पतालों में बुखार के मरीज बढ़ गए हैं।
52 डेंगू पीड़ितों का चल रहा इलाज
जौनपुर में 8 नए डेंगू के मरीज मिले हैं। अब तक कुल 150 से अधिक लोग डेंगू से प्रभावित हो चुके हैं, जिनमें से 52 का इलाज चल रहा है और 94 स्वस्थ हो चुके हैं। शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक डेंगू के मरीजों की पुष्टि हो रही है।
रोजाना 50 संदिग्ध डेंगू मरीजों की जांच
मऊ में प्रतिदिन 50 संदिग्ध डेंगू मरीजों की जांच की जा रही है। जिला अस्पताल में डेंगू के लिए वार्ड बनाए गए हैं।
बलिया में डेंगू के अब तक 117 मरीज
बलिया जनपद में मच्छर जनित बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। दो सप्ताह में डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है। शहर सहित ग्रामीण इलाकों में करीब 753 मरीजों की जांच में डेंगू के अब तक 117 मरीज पाए गए हैं।
पिछली बार जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 340 पहुंच गया था। स्वास्थ्य विभाग ने मच्छर जनित बीमारियों पर नकेल कसने के सारे इंतजाम फेल साबित हो रहा है। मलेरिया विभाग ने पॉजिटिव मरीज मिलने पर उनके घर पहुंच लार्वा की जांच कर नष्ट करने के साथ छिड़काव का दावा किया है।
दिन ब दिन बढ़ रहे मरीज
भदोही में डेंगू मरीजों की तादात दस के पार हो गई है। जनपद में मलेरिया और टायफायड के मरीजों की संख्या में दिनों-दिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
डेंगू कैसे होता है?
डेंगू मादा एडीज मच्छर काटने से फैलता है। पीड़ित व्यक्ति को तेज बुखार के साथ उल्टी, जी मिचलना, त्वचा पर दाने और जोड़ों मांस पेशियों में दर्द के साथ सिरदर्द प्रमुख लक्षण है। इससे बचने का सबसे आसान उपाय है घर के आसपास पानी जमा न हो पाए और मच्छर दानी का प्रयोग करें।
मच्छरों ने कर दिया है जीना हराम
चंदौली विकासखंड के जगजीवन को बुखार संबंधी दिक्कत है। वह जिला अस्पताल के सामान्य वार्ड में भर्ती हैं। उनकी बेटी रीना बताती हैं “विगत कई दिनों से सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित थे। स्थानीय चिकित्सक से इलाज के बाद भी सुधार नहीं होने पर जैसे-तैसे पैसे का बंदोबस्त कर एक दिन पहले यहां भर्ती कराए हैं।
अब इलाज चल रहा है। इससे उनको थोड़ा आराम है। हलकी बारिश के बाद निकल रही तेज धूप से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पर रहा है। मोहल्ले में उचित साफ-सफाई और फॉगिंग नहीं होने से मोहल्ले में मच्छरों की बाढ़ सी आ गई है।
यह मच्छर लोगों के घरों में जाकर बीमारी फ़ैलाने का काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य महकमे की फॉगिंग और साफ-सफाई सिर्फ कागजों में चल रही हैं।”
प्लेटलेट्स के लिए भागदौड़
वायरल फीवर और डेंगू के लक्षण वाले बढ़ते पेशेंट के चलते दोनों अस्पतालों में बेड के लिए मरीज व् उनके तीमारदार परेशान हैं। मंडलीय अस्पताल में लगभग 310 तो जिला अस्पताल में 240 से अधिक बेड हैं।
लिहाजा, पुराने मरीजों को आराम होने के बाद उन्हें दवा लेने और एहतियात बरतने की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया जा रहा है, ताकि नए गंभीर रूप से बीमार पेशेंटों को भर्ती कर इलाज किया जा सके।
शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद वाराणसी के कई चिकित्सा केंद्र पर प्लेटलेट्स को लेकर भी मरीज के परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डेंगू मरीज और तीमारदारों द्वारा प्लेटलेट्स की डिमांड के सापेक्ष आसानी से प्लेटलेट्स की उपलब्धता नहीं होने से लोगों को काफी भागदौड़ करनी पड़ रही है।
डरे-सहमे हैं प्रतियोगी छात्र
बीएचयू, सीर गोवर्धनपुर, डाफी, भेलूपुर, लंका-छित्तूपुर में रहकर सेना, शिक्षक भर्ती, राज्य प्रशासनिक सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र के साथ-साथ स्थानीय नागरिक भी इन दिनों मच्छरों के आतंक और गन्दगी से परेशान हैं।
छात्र रोहित बताते हैं कि “मच्छर और दूषित वातावरण के चलते मोहल्ले में रहना दुश्वार हो गया है। बारिश और तेज धूप से मच्छरों की भरमार है, जो दिन-रात कमरों में घूमते रहते हैं और मौका पाते ही डंक मारते हैं। मॉस्क्यूटो क्वाइल आदि के जलाने पर भी मच्छरों पर कोई असर नहीं होता है। ऐसी दशा में रात में बिजली कटौती से तबियत पस्त हो जाती है।”
क्या कहते हैं अधिकारी
डीएमओ डॉ शुक्ला ने बताया कि “वर्तमान में डेंगू मरीजों की संख्या 12 हो चुकी है। प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़े इसमें शामिल नहीं है। डेंगू के हाटस्पॉट पर नजर रखी जा रही है। डेंगू प्रभावित इलाकों में वाहक मच्छरों का सफाया किया जा रहा है, ताकि अगले साल डेंगू के केसेज न के बराबर हों।
कंजेस्टेड मानव सेटलमेंट, वेस्टेज, खाली प्लॉट और वाटर लागिंग के चलते केस मिल रहे हैं। रोकथाम अभियान और अवेयरनेस से डेंगू को कंट्रोल किया जा रहा है।”
स्वास्थ्य विभाग की नागरिकों से अपील
इन बातों का विशेष ध्यान रखें:-
- घरों के आसपास जल जमाव न होने दें,
- छत पर एवं घर के अंदर अनुपयोगी डिब्बे, पात्र जिसमें जल एकत्र हो सकता हो उसे खाली कर दें,
- कूलर में पानी न रहने दें या हर दूसरे दिन पानी बदलते रहें,
- फ्रिज के पीछे प्लेट में पानी एकत्र न होने दें
- गमलों, नारियल के खोल, या अनुपयोगी टायर, टंकी को जरूर से साफ करवाते रहें, एवं उनमें पानी एकत्र न होने दें।
- मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें
- पूरी बांह के कपड़े पहने
(पवन कुमार मौर्य चंदौली\वाराणसी के पत्रकार हैं )
+ There are no comments
Add yours