गुजरात पुलिस ने एक संवाददाता सम्मेलन से किसानों को जबरन गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि ये संवाददाता सम्मेलन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गुजरात कार्यक्रम की घोषणा के लिए बुलाया गया था। संवाददाता सम्मेलन को रोकने के लिए किसानों को गिरफ्तार करना उनके संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
बता दें कि 21 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहा था कि जल्द वो गुजरात का दौरा करेंगे और किसान आंदोलन को मजबूत करने का काम करेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों से बातचीत करके समाधान निकालने के बजाय किसान आंदोलन का दमन करने का रास्ता अपनाने के बाद फरवरी महीने से ही दिल्ली की सीमाओं के अलावा अब अलग-अलग राज्यों में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) नेता राकेश टिकैत ने गुजरात में किसान महापंचायत का ऐलान किया था।
इससे पहले 12 फरवरी को हरियाणा के बहादुरगढ़ में महापंचायत में BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन केवल एक राज्य का नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन है। कर्नाटक और तमिलनाडु के किसान भी आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं। गुजरात के किसान भी भाग लेना चाहते हैं लेकिन उन्हें जेल में डाला जाता हैं। वहां किसानों के साथ नाइंसाफी हो रही है। पूरा देश आजाद हो गया है लेकिन गुजरात अभी तक आजाद नहीं हुआ है। हम वहां जाएंगे और मीटिंग करेंगे। वहां के किसानों की आवाज़ उठाएंगे और आजाद करवाएंगे।
इससे पहले 26 दिसंबर 2020 को गुजरात में “दिल्ली चलो” का नारा उठा था। जब गुजरात में भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी जैसो दलों का नेतृत्व कर चुके गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ किसान संगठनों को समर्थन देने का ऐलान करते हुए दिल्ली चलो का अह्वान किया था। दिल्ली सीमा पर महीने भर से डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए 80 वर्षीय शंकर सिंह वाघेला ने अहमदाबाद में आज ‘चलो दिल्ली’ अभियान शुरू किया।
लेकिन गुजरात पुलिस को बघेला समर्थकों के जुटने की भनक लगते ही मौके पर पहुंचकर पुलिस ने वाघेला के समर्थकों को आगे बढ़ने से रोकते हुए कई लोगों को हिरासत में ले लिया था।
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