
एग्जिट पोल में गुजरात में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बन चुकी है। हालांकि अभी आधिकारिक मतगणना बाकी है, जो 18 दिसंबर को होगी। परिणाम कुछ भी हो लेकिन अभी अनुमानों को लेकर बीजेपी समर्थक खुश हैं, हालांकि विरोधी इसपर यकीन नहीं कर रहे हैं। बौद्धिकों में भी एक वर्ग ऐसा है जो एग्जिट पोल के अनुमानों को लेकर हैरत में है और उसका मानना है कि परिणाम इसके उलट भी आ सकता है।
इस वर्ग का मानना है कि गुजरात में ग्राउंड रिपोर्ट कुछ और ही थी। इनके मुताबिक चुनाव के दौरान ज़मीनी तौर पर गुजरात में बीजेपी को लेकर गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। 20-22 बरस में ऐसा पहली बार दिखाई दिया जब लोगों ने खुले तौर पर अपनी नाराज़गी का इज़हार किया। किसान, मज़दूर, पाटीदार, दलित, अल्पसंख्यक सभी में बीजेपी का विरोध दिखाई दे रहा था। जीएसटी के बाद तो व्यापारी वर्ग भी बीजेपी से खुश नहीं था। गुजरात में तमाम जगह ये नाराज़गी सड़कों पर आंदोलन के तौर पर दिखाई दी। इसके बाद भी अगर रिजल्ट बीजेपी के पक्ष में आता है तो ये हैरत की ही बात होगी।
हार्दिक की आशंका
बीजेपी के खिलाफ जोरदार मोर्चा खोलने वाले पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कल से एक के बाद एक कई ट्विट किए हैं। एक तरफ उन्होंने बीजेपी की हार की उम्मीद जताई है तो दूसरी तरफ यह आशंका भी जताई है कि अगर अब भी बीजेपी जीतती है तो ज़रूर ईवीएम में गड़बड़ी की गई हो सकती है। एग्जिट पोल के अनुमानों को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं।
https://twitter.com/HardikPatel_/status/941573557401690112
उन्होंने सवाल उठाया-
“एग्ज़िट पोल में भाजपा जीत रही है। फिर भी कार्यकर्ता और नेता ख़ुश क्यों नहीं हैं????”
https://twitter.com/HardikPatel_/status/941376263880667137
एक अन्य ट्विट में हार्दिक ने कहा :
“हम EVM मशीन का उपयोग क्यों करते हैं !! ताकि मतगणना जल्दी हो जाए लेकिन चुनाव ख़त्म होने के बावजूद भी ५/७ दिन तक क्यों EVM हमें बंद कमरे में रखने पड़ते हैं। इस से अच्छा है की बेलेट पेपर से मतदान कीजिए इसमें भी EVM जितना ही समय लगता है।
हिमाचल प्रदेश का EVM एक महीने तक पड़ा रहा।”
हालांकि उन्होंने उम्मीद भी जताई- “ऊपर वाले के घर देर है मगर अंधेर नहीं जीत सत्य की होगी।”
“उत्तर से आँधी, सौराष्ट्र से शेर, दक्षिण से ग़ुस्सा यह मिलकर होगा महापरिवर्तन”
इससे पहले उन्होंने कल मतदान के दौरान पीएम मोदी के रोड शो पर भी टिप्पणियां की थीं।
https://twitter.com/HardikPatel_/status/941268917007159296
एक अन्य ट्विट में उन्होंने कहा कि
“मोदी जी भी कमाल करते हैं आज तो वोटिंग के दिन रोड शो कर दिया,उनको लगा की अभी तीसरा फ़ेस बाक़ी है।”
जिग्नेश मेवानी
दलित आंदोलन के नेता और वडगाम से चुनाव लड़ रहे जिग्नेश मेवानी ने भी ट्विट कर कहा-
एग्जिट पोल यानी चार दिन की चाँदनी, फिर शुरू होगी नयी कहानी। #ExitPoll
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) December 14, 2017
“एग्जिट पोल यानी चार दिन की चाँदनी, फिर शुरू होगी नयी कहानी।”
“एक्जिट पोल संपूर्ण विज्ञान नहीं”
गुजरात के पूर्व आईपीएस राहुल शर्मा अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं कि “उन लोगों के लिए जो गुजरात में एक्जिट पोल के बाद उदासी महसूस कर रहे हैं, कृपया 18वीं की प्रतीक्षा करें- आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं। आखिरकार, एक्जिट पोल संपूर्ण विज्ञान नहीं है।”
गुजरात के ही एक अन्य चर्चित आईपीएस संजीव भट्ट के मुताबिक इस एग्जिट पोल में हेरफेर की गई है।
The manipulated Exit Polls are serving a dual purpose:
1. Permit the friendly Bookies to recoup the losses that would follow a Congress victory.
2. Prevent panic selling in the stock markets while crony operators of Amit Shah quietly short-sell and make huge killings on Monday.
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) December 15, 2017
उन्होंने एक खबर साझा करते हुए 18 दिसंबर के बाद कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे और खरीद-फरोख्त की भी आशंका जताई है।
In the event of successful horse-trading/resignation of Cong MLAs after 18 December, the BJP high command is considering Karnataka Governor Vajubhai Vala as the next OBC Chief Minister of Gujarat as CM Vijay Rupani and Dy CM Nitin Patel are likely to lose.https://t.co/iJHC2LFfvH
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) December 15, 2017
स्वराज आंदोलन के नेता और पूर्व में महत्वपूर्ण चुनाव विश्लेषक रहे योगेंद्र यादव ने एग्जिट पोल को स्वीकार तो किया लेकिन इन अनुमानों पर उन्हें भी हैरत है। वह लिखते हैं-
“हैरान हूं, लेकिन इस पर विश्वास न करने का कोई कारण नहीं है, सभी एग्जिट पोल एक ही दिशा में इशारा कर रहे हैं।”
Am surprised, but no reason to disbelieve all exit polls, since they all point in the same direction.
We can’t still be sure of seats, but it seems clear that BJP enjoys an edge in Gujarat.— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 14, 2017
वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर एंकर रवीश कुमार अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं कि
“18 दिसंबर को बीजेपी और कांग्रेस में से कोई एक हारेगा। मगर गुजरात में एक दूसरा भी है जो नतीजा आने से पहले हार चुका है। उसका नाम है चुनाव आयोग।
असतो मा सदगमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।।”
इससे पहले वह 13 दिसंबर को एक लंबी पोस्ट में लिखते हैं कि
“मुझे गुजरात चुनावों का रिज़ल्ट मालूम है लेकिन मैं 18 को रिज़ल्ट आने के बाद बताऊंगा। मैं चाहता हूं कि पहले देख लूं कि चुनाव आयोग का रिज़ल्ट सही है कि नहीं। मेरे रिज़ल्ट से मिलता जुलता है कि नहीं!
तब तक मुझसे रिज़ल्ट के बारे में न पूछें। कुछ पत्रकार ट्वीटर पर डोल गए हैं। बैलेंस करने या दोनों ही स्थिति में किसी एक साइड से लाभार्थी होने के चक्कर में अपना पोस्ट बदल रहे हैं, बीच बीच का लिख रहे हैं।
चुनावी राजनीति बकवास हो चुकी है। पत्रकारों ने कुल मिलाकर दस पांच एंगल ही दिखाएं। जबकि चुनाव के कई एंगल होते हैं जो पत्रकारों की नज़र से दूर होते हैं। जिनकी नज़र में होते हैं वो लिखते नहीं क्योंकि वे भी शामिल होते हैं…।”
खैर एग्जिट पोल पर चर्चा जारी है। इस बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी ने ट्विट कर एग्जिट पोल को ही अवैध करार दिया है। उनके मुताबिक लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एग्जिट पोल करने और प्रसारित करने की मनाही है।
Do you know exit polls are illegal ! Under the Representation of People Act “conduct” and “dissemination” of exit polls are banned. How were these CONDUCTED in the first place?
— Dr. S.Y. Quraishi (@DrSYQuraishi) December 14, 2017
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