Saturday, April 20, 2024

इधर 40 मंजिले दो टावर गिराने का आदेश उधर सुपरटेक के तीनों मालिक फरार

नोएडा में सुपरटेक कम्पनी की एमरॉल्ड कोर्ट आवासीय परियोजना में 40 मंजिला ट्विन्स टावर्स को तोड़ने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है। साथ ही फ्लैट मालिकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे लौटाने का निर्देश दिया है। इसके बाद से ही रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के तीनों मालिकों के फरार होने यानी विदेश भाग जाने की ख़बरें आ रही हैं।

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी को यूके से भारत वापस लाने की लंबी प्रक्रिया अभी भी जारी है। इसलिए भगोड़ों का हॉट फेवरिट देश इंग्लैंड बनता जा रहा है। निकट भविष्य में भारत की ओर से सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा, संगीता अरोड़ा और मोहित अरोड़ा को लंदन से यहां लाने के लिए एक और बड़ा प्रत्यर्पण अनुरोध करने की खबर सामने आये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक अहम फैसले में रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराने के साथ दोनों 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बिल्डर कंपनी को इन दोनों टावरों के एक हजार निवेशकों को 12 फीसदी ब्याज के साथ पूरे पैसे लौटाने होंगे।

इसके पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने के चलते टावरों को गिराने का निर्देश दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है।

कहा जा रहा है कि अरोड़ा परिवार लंदन में है । आरोप है कि अरोड़ा परिवार ने कथित तौर पर अपनी संपत्ति को यूके में स्थानांतरित करना उसी समय से शुरु कर दिया था, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अप्रैल 2014 मे निर्माण को अवैध और नियमों के खिलाफ पाते हुए दो टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

आउटलुक के अनुसार, अरोड़ा ने लंदन में दो कंपनियों एमओ लंदन डेवलपमेंट लिमिटेड और सुपरटेक लंदन डेवलपमेंट लिमिटेड की स्थापना की है और दोनों 17 नवंबर 2017 को पंजीकृत हुए है। एमओ लंदन में तीनों निदेशकों के रूप में सूचीबद्ध हैं, जबकि सुपरटेक लंदन में केवल आर के अरोड़ा और मोहित अरोड़ा शामिल है। उन्होंने सी-1/10, सेक्टर 36, नोएडा, उत्तर प्रदेश, भारत, 201307 के रूप में अपना सेवा पता दिया है। संदेह है कि अरोड़ा ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में शेल कंपनियों के जरिए कई संपत्तियां खरीदी हैं।

आर के अरोड़ा और उनके कारोबारी सहयोगी केवल घर बनाने और बेचने का कारोबार नहीं कर रहे थे, बल्कि आर के अरोड़ा ने सिविल एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिंटिंग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन, प्रीकास्ट कंस्ट्रक्शन और तो और कब्रगाह बनाने-बेचने के लिए भी कंपनियां बनाई हैं।

1995 में सुपरटेक लिमिटेड की नींव रखी

एमराल्ड कोर्ट में दो अवैध टावर बनाने वाली कंपनी सुपरटेक लिमिटेड से ही आर के अरोड़ा ने रियल स्टेट की दुनिया में पांव रखा था। कॉरपोरेट अफेयर मिनिस्ट्री की आधिकारिक वेबसाइट और डाटा के मुताबिक आर के अरोड़ा और उनके साथियों ने 07 दिसंबर 1995 को इस कंपनी की शुरुआत की थी। कंपनी ने अब तक मेरठ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र और दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के करीब 12 शहरों में रियल स्टेट प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं। इसके बाद आरके अरोड़ा ने एक-एक करके अलग-अलग कामों के लिए 34 कंपनियां बनाई है।

आर के अरोड़ा की पत्नी संगीता अरोड़ा भी उनके कारोबार में हिस्सेदार हैं। वर्ष 1995 में आर के अरोड़ा ने अपनी पहली कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की नींव रखी तो उसके ठीक 4 साल बाद 19 फरवरी 1999 को संगीता अरोड़ा ने दूसरी कंपनी सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड खड़ी की। हालांकि, कुछ महीने बाद 25 मई 1999 को आर के अरोड़ा इस कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल हुए।

आर के अरोड़ा ने लगभग हर छोटे-बड़े धंधे में हाथ आजमाया है। मतलब, एयर ट्रांसपोर्ट शुरू करने के लिए आर के अरोड़ा और उनके सहयोगियों ने 9 जनवरी 2013 को सुपरटेक एविएशन प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। इस कंपनी ने बाकायदा एक हवाई जहाज खरीदा। सुपरटेक एविएशन का मकसद सिविल एविएशन में लाइसेंस हासिल करना था। उस वक्त कंपनी की ओर से बताया गया था कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा से उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के शहरों तक उड़ान शुरू करने की योजना है। हालांकि, बाद में यह प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया। सुपरटेक एविएशन को हवाई जहाज भी वापस लौटाना पड़ा था।

इससे पहले 10 सितंबर 2009 को सुपरटेक फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी आर के अरोड़ा बना चुके थे। इस कंपनी का मकसद फिल्म्स और प्रिंटिंग के क्षेत्र में काम करना था। उन्होंने अपने बेटे मोहित अरोड़ा के साथ मिलकर पावर जेनरेशन, डिस्ट्रीब्यूशन और बिलिंग सेक्टर में भी पांव रखा। इसके लिए सुपरटेक ऊर्जा एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई। 17 मार्च 2011 को बनी इस कंपनी में दोनों पिता-पुत्र ही डायरेक्टर हैं।

आर के अरोड़ा ने कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, हाउसिंग फाइनेंस, प्रीकास्ट, पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन, रिकवरी और लैंड डेवलपमेंट के लिए कम्पनियां बनाई हैं। उनकी 34 कंपनियों में से 19 कंपनियों के रजिस्ट्रेशन वर्ष 2006 के दौरान करवाए गए हैं। इसके बाद वर्ष 2007, 2009, 2010, 2011 और 2013 में कंपनियां रजिस्टर्ड करवाई गई हैं। आर के अरोड़ा ने आखिरी कंपनी दामोदर बिल्ड इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण 08 जुलाई 2019 को करवाया था। आर के तिवारी इस कंपनी में 18 अक्टूबर 2016 से डायरेक्टर है।

आर के अरोड़ा और उनके साथियों ने कब्रिस्तान का विकास करने और आवंटन करने के लिए भी एक कंपनी का गठन किया है। 10 जनवरी 2006 को यह कंपनी बनाई गई थी। कंपनी में आर के अरोड़ा के अलावा अमित जैन, मुकेश अग्रवाल, अशोक चौधरी, संजीव श्रीवास्तव और अशोक कुमार गुप्ता डायरेक्टर हैं। इस कंपनी की पेड-अप कैपिटल और ऑथराइज्ड कैपिटल केवल एक-एक लाख रुपये है। मतलब, कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद कारोबारी गतिविधियां लगभग नगण्य रही हैं। हालांकि, नियमित रूप से इस कंपनी के एनुअल जनरल मीटिंग हो रही हैं।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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