देहरादून। खालिस्तान समर्थक व ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह का पंजाब पुलिस से बचने के लिए नेपाल के रास्ते कनाडा भागने की आशंका के बीच उत्तराखंड पुलिस अलर्ट मोड पर है। पुलिस अमृतपाल की तलाश में उत्तर प्रदेश से सटे बार्डर के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल की सीमा पर चेकिंग अभियान चला रही है।
उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले पर पुलिस का विशेष ध्यान है। कुछ अधिकारियों को आशंका है कि अमृतपाल नेपाल पहुंच चुका है। तराई में अमृतपाल से सहानुभूति रखने वालों पर पुलिस की खासी नजर है। राज्य के काशीपुर इलाके में अमृतपाल का समर्थन करने वाली एक फेसबुक पोस्ट के कारण एक युवक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है।
उत्तराखंड का तराई सर्वाधिक संवेदनशील
उत्तराखंड यूं तो पर्वतीय बाहुल्य क्षेत्र है। लेकिन उत्तर प्रदेश से सटे तराई का उधमसिंह नगर जिला सिख बाहुल्य होने के कारण यह सांस्कृतिक तौर पर पंजाब से अधिक जुड़ा है। पंजाब से करीब हर परिवार का रोटी बेटी का नाता होने के कारण यह क्षेत्र मिनी पंजाब भी कहलाता है। पंजाब में जिन दिनों आतंकवाद अपने चरम पर था। उन दिनों में कई खालिस्तानी समर्थक तराई में रहने पर अपने को सुरक्षित समझते थे।
पड़ोसी देश नेपाल से उधमसिंह नगर जिले की खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा मिलने के कारण संकट के समय नेपाल जाने की सुविधा के चलते यह जिला उस समय आतंकवादियों की शरणस्थली बना हुआ था। पूर्व में अक्सर अपराधियों की शरणस्थली रहने के कारण कई बार हरियाणा और पंजाब के बदमाश ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून में छिपे मिले। उनकी गिरफ्तारियां भी हुईं हैं।
पिछले कुछ सालों में खालिस्तान और भिंडरावाले के समर्थन में इंटरनेट मीडिया पर काफी सक्रियता दिखी है। ऊधमसिंह नगर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने कई लोगों को चिंह्नित कर उनकी काउंसलिंग भी की है। अब, जबकि खालिस्तान समर्थक व वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह शनिवार को अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद फरार है तो पुलिस को इस बात की पूरी आशंका है कि वह नेपाल के रास्ते कनाडा अथवा अन्य देशों को भाग सकता है।
इसे देखते हुए ऊधमसिंह नगर पुलिस भी अलर्ट है। ऊधमसिंह नगर के अलावा हरिद्वार और देहरादून में हर पहलू पर सतर्कता बरती जा रही है। मामले को लेकर उत्तराखंड पुलिस पड़ोसी राज्यों की पुलिस और एजेंसियों से भी संपर्क बनाए हुए है।
पंजाब पुलिस के शिकंजे से निकला अमृतपाल
जैसा कि मालूम ही है कि पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल को गिरफ्तार करने का ऑपरेशन शुरू करते हुए आसपास के जिलों से रातों-रात पुलिस फोर्स जालंधर में इकट्ठा कर ली थी जहां अमृतपाल के दो जगह कार्यक्रम लगे हुए थे। अमृतपाल के काफिले को मैहतपुर के पास पुलिस ने घेरा डालकर रोकने की कोशिश की। पुलिस ने दो गाड़ियों में सवार सात लोगों को पकड़ लिया था लेकिन अमृतपाल के ड्राइवर ने अपनी कार वहां से भगा ली थी।
पांच दर्जन पुलिस की गाड़ियां जब अमृतपाल को पकड़ने उसके पीछे लगीं तो अमृतपाल के साथियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर लोगों से इकट्ठा होने की अपील कर दी थी। जिसके नतीजे में पूरे पंजाब में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद कर दीं गईं।
प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से वारिस पंजाब दे से जुड़े सैंकड़ों लोग गिरफ्तार किए गए तो मोहाली में अमृतपाल के समर्थन में सैंकड़ों निहंग तलवार-डंडे लेकर सड़क पर उतर आए। पुलिस ने रोका तो धक्का-मुक्की के बाद निहंगों ने एयरपोर्ट रोड जाम कर दी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंजाब पुलिस को शनिवार को गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के चार साथियों को रविवार दोपहर होते-होते अमृतसर से विशेष फ्लाइट से डिब्रूगढ़ पहुंचाना पड़ा।
बॉर्डर सहित हर चेक पोस्ट पर चेकिंग
पंजाब में हुए इस बवाल की वजह से शनिवार रात से ही ऊधमसिंह नगर पुलिस उत्तर प्रदेश से सटे पीलीभीत, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद और बिजनौर बॉर्डर पर चेकिंग कर रही थी। पड़ोसी देश नेपाल से सटे बॉर्डर बनबसा चेक पोस्ट के अलावा खटीमा और झनकइया क्षेत्र में आने-जाने वाले संदिग्धों के साथ ही वाहनों की तलाशी ली जा रही थी।
एसपी सिटी मनोज कत्याल का कहना है कि खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के नेपाल भागने के इनपुट सीधे तौर पर पुलिस को नहीं मिले हैं। बावजूद इसके जिला पुलिस शनिवार रात से ही जिले से सटे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद और बिजनौर समेत पड़ोसी देश नेपाल से सटे बॉर्डर पर चेकिंग कर रही है।
सोशल मीडिया पर खास पहरा
बीते कुछ दिनों से पंजाब में खालिस्तान गतिविधियों में आई तेजी के बाद से ही उत्तराखंड पुलिस का खुफिया विभाग उधमसिंह नगर में सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों पर खास निगाह बनाए हुए है। अमृतपाल के सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने नई उम्र के युवाओं पर विशेष निगरानी शुरू की है।
पुलिस मान रही है कि भावावेश में युवा सोशल मीडिया के माध्यम से अतिरंजित कैंपेन शुरू कर सकते हैं। इसी लिहाज से अफवाह फैलाने वालों के अलावा सोशल मीडिया पर की जाने वाली पोस्ट पर नजर रखी जा रही है। पुलिस इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है।
काशीपुर में अमृतपाल के समर्थन में पोस्ट डालने पर मुकदमा दर्ज
खालिस्तान समर्थक की गिरफ्तारी पर फेसबुक पोस्ट को लाइक व शेयर करने पर उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में पुलिस ने एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। शहर मंडी चौकी इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने यह केस दर्ज किया है। अलबत्ता पुलिस अभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है।
मंडी चौकी के प्रभारी एसआई मनोहर चन्द द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें के अनुसार खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल को अजनाला काण्ड के कारण पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से देश भर में फैली थी। ग्राम दादूवाला निवासी गुरविन्दर सिंह वैंस उर्फ बाबी पुत्र हरजिन्दर सिंह ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक के माध्यम से अमृतपाल के समर्थन में गुरमुखी भाषा में आयी पोस्ट को लाइक और शेयर किया था।
चौकी प्रभारी ने बताया कि गुरमुखी भाषा की पोस्ट में लिखा था कि “अगर भाई अमृतपाल सिंह गिरफ्तार हो गया तो समझ जाओ सरकार सिखों को नये युद्ध का न्यौता दे रही है। अपने इलाके की सड़क बन्द करो ताकि अमृतपाल सिंह खालसा गिरफ्तार न हो जाये। युवाओं यही समय है भाई साब के साथ खड़े होने का”।
चौकी प्रभारी के अनुसार ‘क्योंकि अमृतपाल सिंह एक कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक है, जिसका संगठन वारिस पंजाब दे अलग खालिस्तान देश की मांग कर रहा है। गुरविन्दर सिंह वैंस उर्फ बाबी ने अमृतपाल सिंह के समर्थन में आयी फेसबुक पोस्ट को शेयर व लाइक कर आस पास के लोगों में शत्रुता एवं घृणा की भावना उत्पन्न की है तथा खालिस्तान समर्थकों का मनोबल बढाने का कृत्य किया गया है’। एसआई की इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
अमृतपाल के नेपाल पहुंचने की आशंका
एक तरफ जहां उत्तराखंड पुलिस अमृतपाल को लेकर हाई अलर्ट मोड पर है तो दूसरी तरफ अब इस बात की आशंका बलवती होती जा रही है कि अमृतपाल भारत से सुरक्षित नेपाल पहुंच चुका है। शनिवार को जितने व्यापक पैमाने पर पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया था, उसे तोड़ने के 72 घण्टे बाद भी उसके भारत में मौजूद रहने की बात अब किसी के गले से नहीं उतर रही है।
माना जा रहा है कि अमृतपाल अब तक सुरक्षित नेपाल पहुंच चुका है। नेपाल के बाद उसका अगला ठिकाना कनाडा हो सकता है। अलबत्ता पुलिस के अधिकारी इस मामले में कोई स्पष्ट टिप्पणी करने से बच रहे हैं।
(उत्तराखंड से सलीम मलिक की रिपोर्ट)