Friday, March 29, 2024

जान के ख़तरे की आशंका से परेशान हरियाणा की महिला आईएएस रानी नागर ने दिया इस्तीफ़ा

नई दिल्ली। हरियाणा सरकार में आईएएस रानी नागर ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने इसके पीछे अपनी सुरक्षा को प्रमुख कारण बताया है। उनका कहना है कि सरकारी सेवा के दौरान वह सुरक्षित नहीं हैं लिहाज़ा उन्हें इस्तीफ़ा देकर अपने घर लौटना पड़ रहा है। इसके पहले उन्होंने अपनी सुरक्षा का बंदोबस्त करने की माँग की थी लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी। आप को बता दें कि रानी ने एक वरिष्ठ अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और वह मामला इस समय कोर्ट में चल रहा है।

रानी इस समय हरियाणा के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर काम कर रही थीं। शासन को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह आईएएस के पद से तत्काल इस्तीफ़ा दे रही हैं। 4 मई यानी आज की तारीख़ में लिखे गए इस ख़त में इस्तीफ़े की वजह सरकारी ड्यूटी के समय निजी सुरक्षा का न होना बताया गया है। इस समय उनके साथ उनकी एक बहन भी रह रही है। दोनों बहनें चंडीगढ़ के एक सरकारी गेस्ट हाउस में रहती हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते पास और सवारी की कोई व्यवस्था न होने पर वह ख़ुद से अपने घर जाने में अक्षम हैं। लिहाज़ा सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए।

https://twitter.com/ias_raninagar/status/1257196740353994753

रानी से जुड़े विवाद का यह मामला 30 अप्रैल को पहली बार सोशल मीडिया के ज़रिये सामने आया। जब उन्होंने फ़ेसबुक पर एक वीडियो जारी किया। जिसमें वह और उनकी बहन ने अपनी सुरक्षा का सवाल उठाया था। वीडियो में वह कहती हुई सुनी जा सकती हैं कि उन्होंने 2019 में सुनील के गुलाटी और चंडीगढ़ के कुछ पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ स्थानीय सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज किया था।

वीडियो में उन्होंने बताया है कि दिसंबर 2019 से उनकी बहन भी उनके साथ ही रहती हैं। इसमें उन्होंने साफ-साफ कहा है कि उनकी जान को बराबर ख़तरा बना रहता है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर उनको या फिर उनकी बहन की प्राणों की क्षति होती है या फिर दोनों लापता हो जाते हैं तो दोनों स्थितियों में उसकी रिपोर्ट संबंधित मामले से जुड़ी अदालत को कर दी जाए। 

https://twitter.com/ias_raninagar/status/1256002149860782081

इसके पहले रानी ने 1 मई को एक और पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि इस्तीफ़ा देने के बाद उन्हें वाहन की व्यवस्था कर दी जाए जिससे वह अपने घर जा सकें। उन्होंने लिखा है कि उनके पास कोई निजी वाहन नहीं है। लिहाज़ा सरकार अगर कोई वाहन की व्यवस्था करा दे तो बेहतर होगा। और इसके साथ ही यात्रा का पास मुहैया कराने की भी उन्होंने गुज़ारिश की है।

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