Friday, March 29, 2024

‘मेरे साथ जो कुछ हुआ, उसको मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी’

‘मेरे साथ जो कुछ हुआ, उसको मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। अब कभी न तो बड़े शहर में जाऊंगी, न ही अपने आस-पड़ोस के लोगों को महानगरों में जाने की सलाह दूंगी’। ये शब्द हैं झारखंड के ठेठईटांगर की नाबालिग आदिवासी उस बच्ची के, जिसे हरियाणा के गुरुग्राम की एक दम्पति ने बंधक बनाकर रखा था और उससे काम करवाने के साथ-साथ प्रताड़ित भी किया करता था।

इस बच्ची को गत 18 फरवरी को रेस्क्यू करके झारखंड लाया गया। बच्ची अभी तक उस सदमे से उबर नहीं पायी है। अभी भी उसके जेहन में वो खौफनाक मंजर बसा हुआ है। बच्ची आज भी डरी सहमी-सी है। वह कहती है कि ‘दम्पति की प्रताड़ना से तंग आकर उसने कई बार भागने की कोशिश की, लेकिन भाग न सकी’।

14 साल की मासूम ने पिछले 19 फरवरी को सिमडेगा में पत्रकारों को बताया कि ‘हर दिन डर के साये में बीतता था। रात को नींद नहीं आती थी। पांच महीने में कभी भी पेटभर खाना नहीं मिला’।

गत 19 फरवरी को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) की टीम और एनजीओ शक्ति वाहिनी के द्वारा पांच लड़कियों को दिल्ली से रेस्क्यू करके सिमडेगा लाया गया। इसमें एक लड़की हरियाणा के गुरुग्राम की पीड़िता भी है।

हरियाणा के गुरुग्राम में इस नाबालिग के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। उसे जानवरों की तरह मारपीट कर घायल कर दिया गया था। उक्त मामले में हरियाणा पुलिस ने उस दम्पति को गिरफ्तार कर लिया है। दो अन्य मानव तस्करों को भी दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

‘अब दिल्ली कभी नहीं जाएंगे’

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार लोगों को बचाने का काम करने वाली संस्था शक्तिवाहिनी और सिमडेगा एएचटीयू द्वारा रेस्क्यू कर लायी गयी लड़कियों ने कहा है कि वे अब कभी दिल्ली नहीं जायेंगी। हरियाणा के गुरुग्राम में प्रताड़ित हुई नाबालिग ने कहा कि ‘हर दिन उसके साथ मारपीट की जाती थी। गाली-गलौज की जाती थी। भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था’।

नाबालिग बच्ची के शऱीर पर प्रताडना के निशान

सभी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया। बाकी की 4 लड़कियों को CWC के हवाले कर दिया गया।

जेहन में खौफनाक यादें

सिमडेगा के ठेठईटांगर की आदिवासी मासूम बच्ची हरियाणा के गुरुग्राम से सुरक्षित तो अपने घर लौट आयी है। लेकिन अपने साथ काफी खौफनाक यादें लेकर आयी है। वह आज भी उस बर्बर व्यवहार को नहीं भूल पायी है, जो हर दिन उसके साथ गुरुग्राम का वह दम्पति करता था, जिसके यहां वह नौकरी करने गयी थी।

बच्ची ने बताया कि गुरुग्राम में जिस दम्पति के यहां वह काम करती थी, वे इतने क्रूर थे। उसके रोने और कराहने का भी उन पर कोई असर नहीं होता था। उन्होंने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थीं। लड़की ने कहा कि अगर कुछ दिन और वहां रह जाती, तो उसकी जान भी जा सकती थी।

लड़की ने शक्तिवाहिनी और गुरुग्राम के अनजान फरिस्ते के प्रति कृतज्ञता जतायी, जिसने गुरुग्राम वन स्टॉप सेंटर को पूरे मामले की जानकारी दी। उसके बाद ही पुलिस उसे बचाने पहुंची। लड़की के माथे पर अभी भी पट्टी बंधी हुई है। शरीर पर जख्म के निशान हैं।

नाबालिग की बड़ी बहन भी बरामद

इस नाबालिग के साथ उसकी बड़ी बहन भी अपने छोटे भाई के इलाज के लिए पैसे कमाने के लिए घर से निकली थी। उसे भी सिमडेगा पुलिस ने 19 फरवरी को फरीदाबाद से बरामद कर लिया। बच्चियों के सगे मामा ने ही इनके साथ धोखा किया था। अभी वह फरार चल रहा है। पुलिस उसकी भी तलाश में जुटी हुई है।

फरीदाबाद से बरामद बड़ी बहन

ठेठईटांगर की आदिवासी नाबालिग बच्ची को गुरुग्राम में यह दम्पति 5 महीने से बिना वेतन दिये काम ले रहा था और उस पर लगातार अत्याचार कर रहा था। अज्ञात व्यक्ति की सूचना पर उसे हरियाणा राज्य बाल कल्याण आयोग के निर्देश पर गुरुग्राम की पुलिस ने रेस्क्यू किया था।

मानव तस्करों पर हो सख्त कार्रवाई

मानव तस्करी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने और लोगों को मानव तस्करी से बचाने के अभियान में जुटी संस्था शक्तिवाहिनी के निशिकांत ने बताया कि सिमडेगा की पुलिस ने ठेठईटांगर की आदिवासी लड़की को फरीदाबाद से बरामद किया है। वहीं दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले अर्जुन टोरी उर्फ नेहरू को गिरफ्तार कर लिया है। अर्जुन टोरी पर दिल्ली में नेहरू प्लेसमेंट एजेंसी की आड़ में मानव तस्करी करने का आरोप है। उसका दफ्तर राजौरी गार्डन में है।

निशिकांत ने बताया कि अर्जुन टोरी उर्फ नेहरू पर मानव व्यापार की धाराएं लगायी गयी हैं। सिमडेगा में पहले भी उसे इस मामले में एक बार गिरफ्तार किया जा चुका है। यह आदतन मानव व्यापार करने का अपराधी है। इसलिए इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के सबसे बड़े सरगना पन्ना लाल के मामले की जांच एनआईए कर रही है। अर्जुन टोरी की जांच भी एनआईए को सौंप देनी चाहिए।

शक्तिवाहिनी के प्रमुख ने बताया कि अर्जुन टोरी की नेहरू प्लेसमेंट एजेंसी दिल्ली में पंजीकृत है। लेकिन वह कामगारों की सप्लाई हरियाणा और बंगाल तक करता है। निशिकांत ने कहा कि पन्ना लाल और अर्जुन टोरी जैसे लोग तो गिरफ्तार हो गये हैं, लेकिन गांवों में जो लोग सक्रिय हैं। जो बच्चों को बहला-फुसलाकर शहर ले जाते हैं, उनकी धर-पकड़ भी जरूरी है।

सगे मामा ने पैसे के लिए धोखा दिया

इन बच्चियों के सगे मामा ने उनके साथ धोखा किया। शक्तिवाहिनी के प्रमुख ने बताया कि ठेठईटांगर दोनों बहने अपने छोटे भाई के इलाज के पैसे लिए परेशान थीं। जब इसकी जानकारी उनके सगे मामा को हुई तो वह इन्हें बहला-फुसलाकर कर दिल्ली ले गया और कुछ पैसों के बदले अर्जुन टोरी के हवाले कर दिया।

पीड़िता के लिए मुआवजा की मांग

निशिकांत ने कहा कि प्रताड़ित लड़की को तत्काल मुआवजा मिलना चाहिए। आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिमडेगा जैसे पिछड़े इलाके में पलायन रोकने के लिए गंभीरता से जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अब वे जिले के विभिन्न इलाकों में जाकर स्वयं अपनी संस्था की ओर से पलायन रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलायेंगे। क्षेत्र की बच्चियों को बतायेंगे कि वे अपने घर में ही रहकर रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ें।

(11 फरवरी को इस नाबालिग बच्‍ची की प्रताड़ना को लेकर जनचौक ने एक रिपोर्ट- पेट की भूख ने 13 साल की बच्ची को बनाया ‘बंधक’, रोटी के बदले मिलती थी पिटाई शीर्षक से की थी।)

(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट)

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