झारखंड। धनबाद कोयलांचल में एक तरफ बीसीसीएल की बंद पड़ी खदानों से अवैध कोयला खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं अधिकृत रूप से ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट में खनन करने वाली कंपनियां अपने क्षेत्र में भी अवैध खनन माफियाओं से परेशान हैं।
इस बावत पिछले दिनों धनबाद के ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट में खनन करने वाली कंपनी देवप्रभा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एलबी सिंह ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि सिंदरी के गोशाला आउट पोस्ट के प्रभारी विकास महतो अपने सहयोगियों की मदद से हमारे अधिकृत खनन क्षेत्र में अवैध खनन करवा रहे हैं।
एलबी सिंह ने बताया कि अवैध खनन करने वालों को रोकने पर कोलियरी क्षेत्र के सुरक्षाकर्मियों से दुर्व्यवहार किया जा रहा है। सिंह के अनुसार यहां से करीब 1500 टन कोयले की चोरी प्रतिदिन हो रही है। उन्होंने बताया कि करीब 30 से 40 ट्रक कोयले की चोरी प्रतिदिन हो रही हैं। यह धंधा करीब पिछले चार महीने से चल रहा है।
एक तरफ अधिकृत रूप से ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट में अवैध खनन में माफिया ताकतों का दबदबा सर्वविदित है, वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के बीसीसीएल की बंद पड़ी खदानों में अवैध कोयला खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। और इस खनन में लगे मजदूर खनन के दौरान रोज मौत के शिकार हो रहे हैं।
एलबी सिंह के आरोप का जीता-जागता उदाहरण पिछली 18 अप्रैल को देखने को मिल गया। धनबाद के कुसुण्डा एरिया छः के अर्न्तगत एन.जी.के.सी. आउटसोर्सिंग कम्पनी में अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से तीन लोगों की दबकर मौत हो गई।
18 अप्रैल की सुबह छः बजे बीसीसील कुसुण्डा एरिया के न्यू गोधर कुसुंडा कोलियरी के अर्न्तगत एन.जी.के.सी. ओपन माइन्स में अवैध खनन के दौरान अचानक चाल धंसा। इस दौरान लगभग दो दर्जन से अधिक लोग वहां अवैध खनन कर रहे थे। घटना के बाद वे लोग सैकड़ों बोरी कोयला छोड़ कर भागे। जबकि तीन लोग चाल के धंसे कोयले के भीतर दब गये और उनकी मौत हो गई।
लेकिन जैसा कि ऐसी घटना के बाद हमेशा होता है, बीसीसीएल अधिकारियों ने ऐसी किसी घटना से ही इनकार कर दिया। दूसरी तरफ पुलिस ने कहा कि हमें अवैध खनन के दौरान कोयले में दबे लोगों की सूचना मिली थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। केंदुआडीह थानेदार इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें लिखित में कोई शिकायत नहीं मिली है।
वहीं घटना के बाद प्रोजेक्ट अधिकारी एसपी सिंह ने केंदुआडीह थाना को आन लाइन आवेदन देकर प्रोजेक्ट में कोयला चोरी पर रोक लगाने की मांग रखी है।
प्रत्यक्षदर्शी एक महिला व उसके बेटे ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि घटना सुबह लगभग छह बजे की है। परियोजना में लगभग 20-25 लोग कोयला लाने गये थे। तभी ऊपर से कोयले का ढेर गिरने लगा। इसके बाद सभी डर कर परियोजना से बाहर भाग गये। जबकि तीन लोग उसी में रह गए।
जैसा कि हर बार होता है वहां मीडिया, पुलिस व बीसीसीएल अधिकारियों के आने के पहले इस अवैध खनन में लगे मजदूर मृत साथी की लाश लेकर निकल गए।
यह कोई नई बात नहीं है कि इस तरह की हर दुर्घटना में मरने वालों के बारे में कोई भी न जानकारी होती है और न ही कोई इस बावत पुलिस को सूचना देता है। यह इसलिए होता है कि अवैध खनन कारोबार में लगे माफियाओं द्वारा मजदूरों को डरा कर रखा जाता है कि पुलिस केस होने पर परिवार के सभी लोग फंसेगे।
यही वजह है कि मजदूर के परिजन अपनों को खोने के बाद भी न तो रो पाते हैं और न ही अपना दर्द किसी से शेयर कर पाते हैं। इस तरह की घटना की जानकारी तब ही सार्वजनिक हो पाती है, जब कोई बड़ी घटना होती है और जिसे छुपा पाना मुश्किल हो जाता है।
इसी कड़ी में 23 मार्च की सुबह 6 से 7 बजे धनबाद के तेतुलमारी थाना क्षेत्र के वेस्ट मोदीडीह स्थित बीएस माइनिंग (भूमिगत) आउटसोर्सिंग उत्खनन स्थल में अवैध कोयला उत्खनन के दौरान चाल धंसने से उसमें दबकर 4 मजदूरों की मौत ही गई। वहीं इस हादसे में कई मजदूर घायल हो गए। इस घटना के बाद आनन-फानन में उनके साथी मजदूर उन शवों को लेकर मौके से भागे निकले। वहीं हर बार की तरह पुलिस और बीसीसीएल ने इस अवैध उत्खनन की घटना को लेकर पुष्टि नहीं की।
उक्त घटना के पहले पुटकी थाना क्षेत्र में बीसीसीएल अधिकारी को अवैध कोयला कारोबारियों ने मारकर घायल कर दिया था। वहीं 22 मार्च को लोयाबाद थाना क्षेत्र में बंद आउटसोर्सिंग माइंस में पीसीसी मशीन से अवैध खनन किया जा रहा था। तभी इस खनन के दौरान पीसीसी मशीन जलकर राख हो गई, वहीं दो मजदूर इसमें झुलस गये थे और तीन से चार मजदूर घायल भी हुए थे। बाद में झुलसे मजदूर की मौत इलाज के दौरान हो गई।
एलबी सिंह बताते हैं कि इससे केंद्र और राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान भी हो रहा है। एलबी सिंह के आरोप के आलोक में देखें तो पिछले दिनों इसका खुलासा राज्यकर विभाग ने किया है। जिसमें बताया गया है कि धनबाद कोयलांचल क्षेत्र से 18 माह में 45 फर्जी कंपनियों के नाम पर 80 हजार 895 ट्रक चोरी का कोयला बाहर निकला है।
ये तमाम कोयला लदे ट्रक रास्ते में पड़ने वाले दर्जनों थानों व चेक पोस्ट से गुजरते हैं लेकिन कहीं भी उन्हें न तो रोका जाता है और ना ही उनके कागजातों की जांच की जाती है। जबकि सरकार की एजेंसी राज्यकर, जीएसटी सेंट्रल, खनन विभाग, डीटीओ व पुलिस 24 घंटे जांच में लगी रहती हैं।
राज्यकर विभाग ने रिपोर्ट में कहा है कि इन 18 महीने में 16 अरब, 6 करोड़, 88 लाख, 5 हजार, चार सौ आठ) रुपये का चोरी का कोयला बेचा गया है। इससे सरकार को एक अरब, 61 करोड़, 19 लाख रुपये के टैक्स का चूना लगा है।
एलबी सिंह के आरोप की बात करें तो उन्होंने ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट में खनन करने वाली अपनी कंपनी देवप्रभा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायत एसडीपीओ सिंदरी अभिषेक कुमार से की, लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। इस मामले में धनबाद के उपायुक्त को भी दो-दो रिमाइंडर दिया लेकिन उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अब उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय से इसकी शिकायत कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। एलबी सिंह ने आशंका जताई है कि एसडीपीओ सिंदरी अभिषेक कुमार का कोई कदम नहीं उठाना गंभीर बात है। कहीं न कहीं कोयला चोरों को उनकी सह मिल रही है।
21 फरवरी को भी डीसी धनबाद से की थी शिकायत
राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में कंपनी के प्रबंध निदेशक एलबी सिंह ने बताया है कि उन्होंने 21 फरवरी को भी उपायुक्त धनबाद से इसकी शिकायत की थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं खनन क्षेत्र से लगातार कोयले की चोरी जारी है। वहां के गोशाला ओपी प्रभारी विकास महतो अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
ओपी प्रभारी के इस चोरी के सिंडिकेट में 2,000 स्थानीय लोग जुड़े हैं, जो प्रतिदिन करीब 1,500 टन कोयले की चोरी कर रहे हैं। इससे कोयला खदान धंसने का भी खतरा रहता है, जिससे जान-माल की हानि से इनकार नहीं किया जा सकता है।
पत्र में एलबी सिंह ने बताया है कि सुरक्षा बलों ने अवैध कारोबारियों को रोकने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों ने सुरक्षा गार्डों पर भी हमला कर दिया। गोशाला ओपी प्रभारी और उनके सिंडिकेट के सहयोगियों ने सुरक्षा बलों को धमकी दी है कि वे यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, छेड़छाड़ के मामले में फंसा दिए जायेंगे।
इसकी शिकायत एसडीपीओ सिंदरी अभिषेक कुमार से भी की गई थी लेकिन उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की। कहीं न कहीं उनकी भी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। अब पुलिस मुख्यालय व राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की गई है।
कंपनी प्रबंधक के इन आरोपों पर सिंदरी एसडीपीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं। जब भी कोयला चोरी की सूचना मिलती है, कार्रवाई की जाती है। कई बार छापेमारी हो चुकी है, कई कांड भी दर्ज हैं। ऐसी कोई बात नहीं है।
(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट)