Friday, March 29, 2024

बीती आधी रात को दीपिका सिंह राजावत के घर पर भगवा गुंडों का हमला

जम्मू की अधिवक्ता दीपिका सिंह राजावत ने कल सुबह एक फोटो ‘विडबंना’ कैप्शन के साथ ट्वीट किया। जिसमें एक तरह का कटाक्ष था। कटाक्ष ये था कि उस तस्वीर के एक हिस्से में जिसमें लिखा था ‘अन्य दिनों’ में एक पुरुष एक लड़की को नोचने के लिए उसकी टांगे फैला रहा था, जबकि तस्वीर के दूसरे हिस्से में जिसमें लिखा था ‘नवरात्र’ उसमें एक पुरुष एक स्त्री के पांव छू रहा था। कल सुबह उक्त तस्वीर को पोस्ट करने के बाद से ही ट्विटर पर दीपिका सिंह राजावत के खिलाफ़ #ArrestDipikasinghRajawat ट्रेंड चलाया जा रहा था। भगवा साइबर गैंग उनके बारे में तरह-तरह की सांप्रदायिक बातें पोस्ट कर करके लोगों की भावना भड़काने की कोशिश में लगा हुआ था। और उन्हें ट्विटर पर लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

रात में घर पर हमला  

आधी रात होते ही भगवा गैंग के दर्जनों लोग हाथों में हथियार लाठी, डंडे लेकर दीपिका सिंह राजावत के घर के बाहर इकट्ठा होकर- ‘दीपिका तेरी कब्र खुदेगी, कश्मीर की धरती पर’ जैसे हिंसक नारेबाजी कर रहे थे। वो लगातार उनके घर के दरवाजे और खिड़कियां पीट रहे थे। और घर पर पत्थर फेंक रहे थे।  

इसके बाद दीपिकी सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके मदद की गुहार लगाई। रात 11:43 पर उन्होंने ट्वीट किया, “ एलर्ट । भीड़ मेरे घर के बाहर इकट्ठा हुई है। और मेरे खिलाफ नारेबाजी कर रही है।”

11:44 पर उन्होंने दूसरा ट्वीट करके लिखा ‘जम्मू आईजीपी को कॉल किया है’।

11:48 पर उन्होंने मुकेश, आईपीएस जम्मू कश्मीर और जम्मू कश्मीर पुलिस को टैग करके तत्काल मदद की गुहार लगाई।

11:49 पर उन्होंने ट्वीट किया-  ‘सुरक्षित नहीं महसूस कर रही हूँ। वे मुझे नुकसान पहुंचा सकते हैं।’

11:52 पर उन्होंने हमलावरों की तस्वीर ट्वीट की।

आखिरी ट्वीट उन्होंने 12:47 पर करके लिखा पुलिस ने मॉब को हटा दिया है। मदद के लिए शुक्रिया। 

दीपिका सिंह की प्रतिक्रिया

इससे पहले कल दिन भर के घटनाक्रम पर शाम करीब सात बजे दीपिका सिंह राजावत ने अपनी प्रतिक्रिया वाला वीडियो अपने ट्विटर औऱ फेसबुक पर पोस्ट किया । वीडियो में उन्होंने कहा, “मेरे एक ट्वीट के लेकर एक विवाद क्रिएट हो गया आज। मैंने एक फोटोग्राफ को ट्वीट किया था। वो किसी धर्म विशेष के लोगों की धार्मिक भावना आहत करने की नीयत से नहीं किया गया था। मैं खुद भी हिंदू हूं, और मैं इसे अफोर्ड नहीं कर सकती कि अपने हिंदू-भाई बहनों के सेंटिमेंट को आहत करूं। तो मैं भी नवरात्र सेलिब्रेट करती हूँ और सब को नवरात्र की शुभकामनाएं। लेकिन ठीक इसी समय मैं हिंदू होने के साथ-साथ एक एक्टिविस्ट, अधिवक्ता और एक सचेतन नागरिक हूं। मुझे मेरी अभिव्यक्ति का हक़ है।

मैं अपना अधिकार और अपना कर्तव्य क्या है ये भलीभांति समझती हूं। उन लोगों ने जिन्होंने मेरे खिलाफ #ArrestDeepikaSinghRajawat ट्रेंड किया मुझे उनके साथ कोई समस्या नहीं है। बल्कि मुझे उनसे सहानुभूति है। मुझे उन पर दया आती है कि ऐसे लोग भी हमारे समाज में हैं जो कि धर्म के नाम पर देखिए उनके पास मेरिट्स नहीं होते, उनके पास क्षमता नहीं होती पर उनके पास छल और कपट होता है लोगों को बांटने का समाज को बांटने का। और आज जो मेरे साथ हुआ है, इन्होंने जो ट्रेंड किया है वो उनके छल और कपट की एक नीति है। ताकि मैं बोल न सकूं। मुझे भारत का संविधान बोलने का अधिकार देता है। और मैं सबको बताती हूं कि मुझे मेरा हक़ पता है। मैं अपनी ड्यूटी बहुत अच्छे से जानती हूँ। मुझे पता है कि कहां क्या बोलना है। मेरा ट्वीट विडबंना पर था।    

कौन हैं दीपिका सिंह राजावत

दीपिका सिंह राजावत जम्मू निवासी अधिवक्ता हैं। और जनवरी, 2018 में जम्मू में हुए कठुआ में 8 साल की बच्ची संग कई दिनों तक गैंगरेप और फिर बर्बरतापूर्वक हत्या के केस में पीड़ित परिवार के लिए मुकदमा लड़ने के बाद से लगातार भगवा गैंग के निशाने पर रही हैं। इस केस में जम्मू और केंद्र की भाजपा सरकार बलात्कारियों के पक्ष में खड़ी थी। भाजपा सरकार के दो मंत्री बलात्कारियों के पक्ष में निकाले गए तिरंगा यात्रा में भी शामिल हुए थे। 

कल रात शबनम हाशमी, आरफा खानम शेरवानी, सागरिका किस्सू समेत कई पत्रकारों और एक्टिविस्टों ने अपने ट्विटर हैंडल से दीपिका सिंह राजावात की मदद की अपील की थी। 

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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