Wednesday, April 24, 2024

‘किसानों के मुद्दे पर भारत की स्थिति परेशान करने वाली’- अमेरिकी सांसदों ने जताई चिंता

पीटीआई के मुताबिक भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल समेत अमेरिका के सात प्रभावशाली सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोंपियो को 23 दिसंबर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि भारत में किसान आंदोलन के मुद्दे को वह अपने भारतीय समकक्ष के सामने उठाएं। भारत ने किसानों के प्रदर्शन के बारे में विदेशी नेताओं की टिप्पणियों को भ्रामक सूचनाओं पर आधारित और अनुचित बताया है तथा जोर देकर कहा है कि यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से जुड़ा मुद्दा है।

पत्र में कहा गया है, ‘कई भारतवंशी लोग इससे सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि पंजाब में उनके परिजन एवं पैतृक भूमि है तथा वे भारत में अपने परिवारों के कुशलक्षेम के लिए चिंतिंत हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हमारा आपसे अनुरोध है कि आप अमेरिका की विदेशों में राजनीतिक अभिव्यक्ति की आजादी की प्रतिबद्धता को कायम रखने की खातिर अपने भारतीय समकक्ष के साथ बात करें।’

पत्र में सांसदों ने कहा है कि राजनीतिक विरोधों से परिचित राष्ट्र होने के नाते अमेरिका सामाजिक अशांति के वर्तमान हालात में भारत को सलाह दे सकता है।

सांसदों ने पत्र में आगे कहा है, “हम भारत सरकार के वर्तमान कानून के अनुपालन में राष्ट्रीय नीति तय करने के अधिकार का सम्मान करते हैं। हम भारत तथा विदेशों में उन लोगों के अधिकारों को भी समझते हैं जो कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, इन कृषि कानूनों को कई भारतीय किसान अपनी आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरे की तरह देखते हैं।”

पत्र पर प्रमिला जयपाल, डोनाल्ड नोरक्रॉस, ब्रेनडान एफ बॉयल, ब्रायन फिट्जपैट्रिक, मेरी गे स्कानलोन, डेबी डिंगेल और डेविड ट्रोन के हस्ताक्षर हैं। बता दें कि बीते कुछ हफ्तों में अमेरिका के 12 से अधिक सांसद भारत में जारी किसान आंदोलन पर चिंता जता चुके हैं।

दो सप्ताह पूर्व अमेरिकी सिख कॉकस के उपाध्यक्ष और सांसद जॉन गैरामेंडी और इसके सदस्य जिम कोस्टा और शीला जैक्सीन ने अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू को एक चिठ्ठी लिख कर किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को समर्थन देने की मांग की थी। 

अमेरिका के तीन सांसदों ने किसानों के आंदोलन को सरकार द्वारा दबाए जाने की खबरों पर चिंता जताई है। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने के अधिकार को कथित रूप से दबाया है। अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू को पत्र लिखकर अमेरिकी संसद सदस्य जॉन गारमेन्डी, जिम कोस्टा और शैला जैक्सन ली ने कहा कि सरकारें निश्चित रूप से अपनी आंतरिक कृषि नीतियां बना सकती हैं, लेकिन हम भारत सरकार द्वारा इन प्रदर्शनों पर दी गई प्रतिक्रिया से चिंतित हैं।

अमेरिकी सांसदों ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने के अधिकार को कथित रूप से दबाया है। सांसद जिम कोस्टा ने एक बयान में कहा, “भारत की स्थिति परेशान करने वाली है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार लोकतांत्रिक स्वतंत्रता की बुनियाद है और इसका संरक्षण होना चाहिए।” तीनों अमेरिकी सांसदों ने पत्र में कहा है, “इकट्ठा होने की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिक समाज के अधिकारों के प्रति सम्मान एक कार्यशील लोकतंत्र के मुख्य घटक हैं। इस साल हम यह देखकर काफी चिंतित हैं कि भारत सरकार ने कई भारतीयों के इन अधिकारों को सीमित कर दिया है। ये सिर्फ किसानों के साथ नहीं हुआ, बल्कि धार्मिक अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार संगठनों के साथ भी हुआ है।”

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

मोदी के भाषण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं, आयोग से कपिल सिब्बल ने पूछा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'कांग्रेस संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी' वाली टिप्पणी पर उन पर निशाना साधते...

Related Articles

मोदी के भाषण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं, आयोग से कपिल सिब्बल ने पूछा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'कांग्रेस संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी' वाली टिप्पणी पर उन पर निशाना साधते...